तीतुस
जे प्रतिनिधि पौलुसे चिट्ठि
“स्याणे जुबान, अमड़े स्वाद” उजवाण तुसी शुणो भोल। सुआ लिंगि स्याणी के शिच सलाह जवान गभुरु कौड़ी लगती। से तेन्के बोकी के कोई कदर ना कते त ईं सोचते कि अब जमाना बदिल गो असा, त अब नोउ नोउ सोचुण एन्तु। पर असी पता असा की चीजे बदिल सकती, पर हें जीणे सच्चाई कदी ना बदलिन्ती। पर असी तपल सुआ खुश भुन्ते जपल जवान गभुरु हें शिच सलाह मान कइ जीन्ते, हें जिन्दगी हेर कइ अपु जिन्दगी जुढ़ारते, होर हें बोकी के कदर कते।
ई चिट्ठ यक स्याणे मेह्णु यक जवान कुआ जे लिखो असी। प्रतिनिधि पौलुस जपल अपु पेहला प्रचार यात्रा पुठ थिआ, तपल तीतुस नोउएं यक जवान कुआ जोई मिआ। तीतुस गैर यहूदी थिआ, तोउं बि तेन मसीह यीशु पुठ विश्वास किओ थिआ। त से प्रतिनिधि पौलुस जोई मी कइ खुश खबरी प्रचार करण लगा त तस सुआ मानताथ। प्रतिनिधि पौलुसे से बि अपु कोईये ईं मान कइ शिचालताथ त से क्रेते नोउएं यक टापु अन्तर सतसंगे मुखिया बणो थिआ। इस चिट्ठ बेलि प्रतिनिधि पौलुस तेस जवान कुआ जे सतसंगे मुखिये गुण कीं लौते, त तेस मेह्णु कीं शिचालुण लौते, होर विश्वासी मेह्णु की जीण लौतु, तेसे बारे समझान्ता।
चले! इस चिट्ठि पढ़ कइ पता लान्ते कि पौलुस तीतुस जे की की सलाह देन्ता, होर पौलुस तीतुस बारे की की सोचता। तोउं अस बि अपु अपु जिन्दगी सुधार सकते।
विषय सूची
नमस्कार (1:1-4)
सतसंगे मुखिये गुण (1:5-16)
होरे होरे मेह्णु जे शिक्षा (2:1-15)
विश्वासी सुसुर जीण (3:1-11)
अखिरि शिक्षा (3:12-15)