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पिलातुस राजपाल का सामे ईसु
(मत्ती २७.१-२,११-१४; मरकुस १५.१-५; योहन १८.२८-३८)
1 तो आखी म्हासबा उठी के ईसु के पिलातुस राजपाल कने लई गी। 2 वी यो कई के उका पे आरोप लगाड़वा लाग्या: "हमने इना मनख के देसवासिहुंण के भड़कातो अने रोम का राजा केसर के तोजी देवा सरु मना करतो अने यो केतो सुण्यो के हूं खुद मसीह, याने राजो हूं।"
3 पिलातुस ने उकासे पुछ्‌यो, "कंई तू यहूदिहुंण को राजो हे?"
उने उके जुवाब द्‍यो, "ठीक, तू खुदज कई र्‌यो हे।"
4 पिलातुस ने मुख-पुरोहितहुंण अने भीड़ से क्यो, "हूं इना मनख माय कईं को कसूर नी पउं।"
5 पण वी या कई के दबाव लाखता र्‌या के, "उ गलील से लई के तो आखा यहूदिया माय सीख दइ-दई के लोगहुंण के भड़कावे हे, यां तक के इनी जगा माय बी।"
हेरोदेस का सामे ईसु
6 जदे पिलातुस ने यो सुण्यो तो पुछ्‌यो, "कंई यो मनख गलील को हे?" 7 जदे उने जाण्यो के उ हेरोदेस का राज को रेवा वाळो हे, तो उने उके हेरोदेस राजा कने मोकल्यो। हेरोदेस सासक खुद बी उना बखत यरुसलेम नगर माय थो 8 जदे हेरोदेस सासक ने ईसु के देख्यो तो घणो खुस होयो क्योंके घणा लम्बा बखत से उके देखणो चातो थो। उ उका बारामें सुण्या करतो थो अने उकासे कइंका चमत्कार देखवा की आस करी र्‌यो थो। 9 उने ईसु से नरा सवाल पुछ्‌या पण ईसु ने कइंका को जुवाब नी द्‍यो। 10 मुख-पुरोहित अने सासतरी वां उबा हुई के घणा जोर दई के आरोप लगाड़ी र्‌या था। 11 तो हेरोदेस सासक ने सिपईहुंण समेत ईसु की मजाक उड़ई अने उका साते बुरो बरताव करवा का बाद उके चटकदार लतरो पेरायो अने पाछो पिलातुस राजपाल कने मोकली द्‍यो। 12 उणाज दन से हेरोदेस अने पिलातुस माय-माय दोस बणी ग्या। इका से पेलां उणका माय दुसमनी थी।
ईसु सरु फेसलो
(मत्ती २७.१५-२६; मरकुस १५.६-१५; योहन १८.३९-१९.१६)
13 पिलातुस ने मुख-पुरोहितहुंण सासकहुंण अने लोगहुंण के तेड़्या, 14 अने उने क्यो, "तम म्हारा कने इना मनख के बलवो करवा वाळो अने भड़काणे वाळा की कई के लाया हो। देखो तमारा सामे इना मनख के जांचवा पे म्हने इका माय उनी बातहुंण को कईं को कसूर नी पायो जेको तम दोष लगाड़ी र्‌या हो। 15 अने नी हेरोदेस ने, क्योंके उने इके हमारा कने पाछो मोकल्यो हे। अबे देखो, इने मोत की सजा सरीको कंई काम नी कर्‌यो। 16 तो हूं इके पिटवई के छोड़ी लाखुंवां।" 17 (तेवार का दन पिलातुस के उणका सरु एक मुलजिम छोड़णो जरुरी थो।)a
18 पण वी एक साते चिल्‍लाड़ी उठ्या, "इना मनख के मारी लाख अने हमारा सरु बरअब्बा के छोड़ी दे।" 19 यो बरअब्बा उज थो जो नगर माय बल‍वो करावा अने हत्या का कसूर सरु जेळखाना माय लाख्यो थो।
20 पिलातुस ने ईसु के छोड़वा की मन्सा से लोगहुंण के फेर समजायो, 21 पण वी यो केता होया चिल्लाता र्‌या: "उके कुरुस पे चड़ाव, कुरुस पे।"
22 तो उने तीसरी कावा उणकासे क्यो, "कायसरु? इना मनख ने कंई बुरई करी? म्हने इका माय मोत की सजा लायक कंई कसूर नी पायो। तो हूं उके कोड़ा लगवई के छोड़ी लाखुंवां।"
23 पण वी उंची अवाज से चिल्‍लाड़ी-चिल्‍लाड़ी के के पाछे पड़ी ग्या के उ कुरुस पे लटकाड़्यो जाय अने उणका चिल्लाड़्वा को असर बड़वा लाग्यो। 24 तो पिलातुस ने फेसलो कर्‌यो के उणकी मरजी पूरण करी जाय। 25 तो उने उना मनख के जो दंगा अने हत्या का कसूर की वजासे बन्दी बणायो थो उणकी मांग मुजब छोड़ी लाख्यो: पण ईसु के उणकी मरजी पे छोड़ी लाख्यो।
कुरुस पे लटकाड़्यो जाणो
(मत्ती २७.३२-४४; मरकुस १५.२१-३२; योहन १९.१७-२७)
26 जदे वी ईसु के लइ-जई र्‌या था तो उणने गांम आड़ी से आता होया सिमोन नामका एक कुरेनी नगर का रेवा वाळा के पकड़्यो अने कुरुस उका कांधा पे धरी के, के उ कुरुस के ईसु का पाछे-पाछे ल‍ई चले।
27 उका पाछे लोगहुंण की बड़ीमेक भीड़ चली अइरी थी अने उणका माय बइराहुंण बी थी जो ईसु सरु रोई अने कळ्‍पिरी थी। 28 पण ईसु ने उणका आड़ी फरिके क्यो, "यरुसलेम की बेटिहुंण, म्हारा सरु मती रोव, पण अपणा अने अपणा बाळकहुंण सरु रोव। 29 क्योंके देखो असा दन अई र्‌या जदके लोग केगा 'धन्‍य वी बांझ अने वी कोख जिणने जन्‍म्यो हयनी अने वी स्तन जिणने कदी दूद नी पिवाड़्यो' 30 b तो
'वी परबतहुंण से केवा लागेगा,
"हमार पे हिटी पड़ो," अने बळ्डीहुंण से केगा, "हमारे ढांकी लो।" '
31 क्योंके अगर वी लिल्‍ला झाड़ का गेले असो करे हे, तो सुक्या का गेले कजा कंई नी होयगा?"
32 सिपईहुंण ने दूसरा दोई डाकूहुंण के बी जो कसुरवार था, उका गेले मोत की सजा देवा सरु लइ-जई र्‌या था। 33 जदे वी उनी जगा पे जो कपाळ की जगा केवाय पोंच्या तो वां उणने ईसु के अने उका गेले दो डाकूहुंण के बी कुरुस पे टांग्या एक के सुदा हाताड़ी अने दूसरा के डाबा हाताड़ी। 34 c पण ईसु ने क्यो, "हे परमेसर पिता, इणके मांफ कर, क्योंके ई नी जाणे के कंई करी र्‌या हे।" अने उणने चिट्ठिहुंण लाखी के उका लतरा माय-माय बांटी ल्या।
35 d लोग कने उबी के देखी र्‌या था: यां तक के हाकिमहुंण बी या कई के उके ताणा दई र्‌या था, "इने दूसरा लोगहुंण के बचाड़्या। अगर यो परमेसर को मसीह याने उको छांट्यो होयो हे तो अपणे खुद के बचाड़े!"
36 e सिपईहुंण बी उका कने अई के मजाक उड़ावा, अने सिरको पिवाड़ी के 37 केवा लाग्या, "अगर तू यहूदिहुंण को राजो हे तो अपणे खुद के बचाड़।"
38 अने उका अदरे यो आरोप-पत्तर बी लगाड़्यो थो, "यो यहूदिहुंण को राजो हे।"
39 जो वां लटकाड़्या ग्या था उणका माय से एक कुकरमी यो कई के कोसी र्‌यो थो: "कंई तू मसीह हयनी? तो फेर अपणे खुद के अने हमारे बचाड़"
40 पण दूसरा ने उके डांटी के क्यो, "कंई तू परमेसर से बी नी डरे? तू बी तो इना फेसला का मुजब सजा प‍ई र्‌यो। 41 हमारा गेले तो सांची माय न्याव होयो अने हम अपणी करनी को ठीक फळ भुगती र्‌या हे। पण इना मनख ने कंई कसूर नी कर्‌यो।" 42 तो उने ईसु से क्यो, "हे परभु ईसु, जदे तू अपणा राज माय आवे तो म्हारे रियाद करजे।"
43 ईसु ने उकासे क्यो, "हूं थार से सांची कूं के आजज तू म्हारा गेले सरग-लोक माय रेगा।"
ईसु ने कुरुस पे पराण छोड़्या
(मत्ती २७.४५-५६; मरकुस १५.३३-४१; योहन १९.२८-३०)
44 f अबे यो दफोर्‌या का करीब बारा बजे को बखत थो अने तीन बज्या दन तक आखा देस माय इन्दारो छायो र्‌यो। 45 क्योंके सूरज को उजाळो जातो र्‌यो। अने यरुसलेम मन्‍दर माय को परदो अदाड़ से फाटी ग्यो। 46 g ईसु ने उंची अवाज से हेला पाड़ी के क्यो, "हे परमेसर पिता, हूं अपणी आतमा थारा हात माय दई र्‌यो हूं।" या कई के उने पराण छोड़ी लाख्यो।
47 जदे सुबेदार ने यो सगळो देख्यो तो उ या कई के परमेसर की बड़ई करवा लाग्यो: "सांची माय यो मनख निरदोस थो।"
48 तो आखो हुजुम जो तीन मनखहुंण की मोत देखवा सरु भेळो होयो थो जो कंई होयो उके जदे देखी ल्यो, तो अपणी छाती कूटता होया पाछा जावा लाग्या। 49 h उका सगळा जाण-पेचाण वाळा अने वी बइराहुंण जो गलील से उका गेले अई थी, थोड़िक दूरी पे उबी हुई के यो सगळो देखी री थी।
ईसु की लोथ के गाड़्यो जाणो
(मत्ती २७.५७-६१; मरकुस १५.४२-४७; योहन १९.३८-४२)
50-51 अने, यूसफ नामको एक मनख जो यहूदिया का नगर अरमतियाह को रेवा वाळो थो सुदो अने धरमी मनख थो अने परमेसर का राज की बाट जोई र्‌यो थो। उ म्हासबा को एक सदस्य, पण उणकी योजणा अने काम सरु राजी नी थो। 52 यूसफ ने पिलातुस कने जई के ईसु की लोथ मांगी ली। 53 तो उने ईसु की लोथ के उतारी के मलमल का लतरा माय लपेटी अने एक कबर माय धरी जो सिल्ला माय कोरी के बणई थी, जेका माय कदी कइंका की लोथ नी धरी थी। 54 उ यहूदिहुंण को तय्यारी को दन थो अने सबत् को दन सुरु होवा वाळो थो।
55 उनी बइराहुंण ने, जो गलील से ईसु का गेले अई थी, पाछे पाछे जई के उनी कबर के देखी अने यो बी देख्यो के उकी लोथ कसे धरी हे। 56 i तो वी पाछी वइंज अई के जां रुकी थी सुगन वाळा मुसाला अने अतर तय्यार कर्‌या।
फेर सबद् का दन हुकम का मुजब उणने अराम कर्‌यो।