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ईसु मर्या माय से जी उठ्यायो
(मत्ती २८.१-१०; मरकुस १६.१-८; योहन २०.१-१०)
1 सबद् बितवा पे दितवारे हफ्ता का पेलां दन पो फाटतांज वी बइराहुंण उना सुगन वाळा मुसालाहुंण के जो उणने तय्यार कर्या था लई के कबर पे अई। 2 उणके बड़ी सिल्ला, कबर पे से सरकी नगे अई। 3 पण जदे वी भित्तरे ग्यी तो उणके परभु ईसु की लोथ नी लादी। 4 असो होयो के जदे वी अचरज करीज री थी तो देखो, दो मनख चळकण्यां लतरा पेर्या उणका कने अई उब्या। 5 तो बइराहुंण डरी हुई अने जमीन आड़ी मुन्डो नमाड़ी के उबी थी तो उना मनखहुंण ने उणकासे क्यो, "तम जीवता के मर्या माय कायसरु ढुंडो हो? 6 a उ यां नी हे पण जीवतो हुई ग्यो। रियाद करो के जदे उ गलील मायज थो तो उने तमार से यो क्यो थो: 7 "हूं मनख को बेटो जरुरीज पापी मनखहुंण का हात माय करी द्यो जउंवां, कुरुस पे लटकाड़्यो जउंवां अने तीसरा दन जीवतो हुई जउंवां।"
8 तो उणने उकी बातहुंण रियाद करी, 9 अने कबर से पाछी अई के सगळी बात ग्यारा चेलाहुंण के अने सगळा के सुणई। 10 जिणने ई बातहुंण, परेरितहुंण के बतई, वी मरियम मगदलीनी, योअन्ना अने याकूब की मेतारी मरियम अने उणका गेले दूसरी बइराहुंण बी थी। 11 पण ई बातहुंण परेरितहुंण के गप सरीकी लागी। अने उणने बइराहुंण को बिसास नी कर्यो। 12 पण पतरस उठ्यो अने दोड़्यो दोड़्यो कबर पे ग्यो जदे उने नमिके भित्तरे देख्यो तो उके सिरप मलमल को लतरो नगे आयो, अने इनी घटणा पे अचरज करतो होयो उ अपणा घरे चल्यो ग्यो।b
इम्माउस की बाट पे दो चेलाहुंण के ईसु को दरसन
(मर १६.१२-१३)
13 अने देखो, उणाज दन उणका माय से दो जणा इम्माउस नाम का गांम आड़ी जई र्या था जो यरुसलेम से करीब छः कोसc छेटी थो। 14 वी इनी सगळी घटणाहुंण का बारामें माय-माय बात करता जई र्या था। 15 पण असो होयो के जदे वी माय-माय बात करी र्या था तो ईसु खुद वां अई के उणका गेले-गेल चलवा लाग्यो, 16 पण उणकी आंखहुंण असी बन्द करी लाखी थी के ईसु के ओळखी नी सक्या। 17 उने उणकासे क्यो, "तम चलता चलता माय-माय कंई बातहुंण करी र्या हो?"
अने वी उदास हुई के उबा रई ग्या। 18 उणका माय से एक ने, जेको नाम क्लियोपास थो, उके जुवाब द्यो, "कंई तूज एखलो असो मनख यरुसलेम माय आयो होयो हे के इनी सगळी बातहुंण से जो इना दनहुंण माय घटी अण्जाण्यो हे?"
19 उने उणकासे क्यो, "कां की बातहुंण?"
उणने उकासे क्यो, "ईसु नासरी का बारामें, जो परमेसर अने सगळा मनखहुंण की नगे माय काम अने बचन माय सामरती नबी थो। 20 पण हमारा मुख-पुरोहितहुंण अने हाकिमहुंण ने उके पकड़वई के मोत की सजा का लायक ठेराड़्यो अने उके कुरुस पे टांग्यो। 21 पण हम तो या आसा करी र्या था के उज मनख इसराइल के छुटकारो देवा वाळो हे। इनी बातहुंण का अलावा इनी घटणाहुंण के घट्या आज तीसरो दन हुई चुक्यो हे। 22 पण हमारा गेले की थोड़िक बइराहुंण ने बी हमारे अचरज माय लाखी द्यो। जदे वी सवेरे माय कबर पे ग्यी, 23 अने उकी लोथ नी लादी, तो यो केता हुई अई के 'हमने सरगदूतहुंण को बी दरसन कर्यो जिणने क्यो के उ जीवतो हे।' 24 जो हमारा गेले का चेला था उणका माय से थोड़ाक कबर पे ग्या अने जेनी बात के बइराहुंण ने जसी कई थी वसीज मिळी। पण, उणने ईसु के नी देख्यो।"
25 तो ईसु ने उणकासे क्यो, "अरे कमअकल्याहुंण, जो बात नबिहुंण ने कई उनी सगळी बातहुंण पे बिसास करवा माय मतिबन्द लोगहुंण। 26 मसीह सरु कंई यो जरुरी नी थो के यो सगळो दुःख भोगे अने परमेसर की म्हेमा माय जई पोंचे?" 27 तो उने मूसा से सुरु करिके सगळा नबिहुंण अने आखा धरम सासत्तर माय से अपणा बारामें कई गी बातहुंण को अरथ उणके समजई द्यो।
28 जदे वी उना गांम कने पोंच्या जां जई र्या था, तो उने असो कर्यो जसेके उ अगड़े जाणो चई र्यो। 29 पण उणने जोर दई के क्यो, "हमारा गेले रुकी जा, क्योंके सांज हुई चली हे अने दन करीब-करीब अथणी चुक्यो हे।" तो उ उणका गेले रुकवा सरु भित्तरे ग्यो। 30 तो असो होयो के जदे ईसु उणका गेले जिमवा बेठ्यो तो उने रोटा लई के धन्यबाद द्यो, अने तोड़ी के उणके देवा लाग्यो। 31 तो उणकी आंखहुंण खुली गी अने उणने उके ओळखी ल्यो, पण उ उणकी नगे से लोप हुई ग्यो। 32 वी एक दूसरा से केवा लाग्या, "जदे उ बाट माय हमार से बातहुंण करी र्यो अने हमारे पवित्तर सासत्तर को मतलब समजई र्यो थो, तो कंई हमारा हिरदा उतेजणा से नी भरई ग्या था?
33 उणाज बखत वी उठी के यरुसलेम पाछा ग्या अने ग्याराहुंण अने उणका सातिहुंण के भेळा पई के 34 उणने क्यो, "परभु सांचीज जी उठ्यो, अने सिमोन के नगे आयो।"
35 अने दोई चेला इम्माउस बाट की म्हायथी के अने या के रोटा तोड़ता बखत वी ईसु के कसे ओळखी ग्या था बताड़्वा लाग्या।
बन्द कोठड़ी माय चेलाहुंण के ईसु ने दरसन द्यो
(मत्ती २८.१६-२०; मरकुस १६.१४-१८; योहन २०.१९-२३ परेरितहुंण १.६-८)
36 जदे वी ई बातहुंण कर्या जई र्या था, ईसु उणका अदाड़ माय अई के उबो हुई ग्यो, अने उणकासे क्यो, "तमारे सान्ती मिळे।"
37 पण वी चोंकी ग्या अने डरी ग्या। उणने बिचार्यो के हम कइंका भूत के देखी र्या हे। 38 ईसु ने उणकासे क्यो, "तम कायसरु घबराव? तमारा हिरदाहुंण माय सक कायसरु उठे हे? 39 म्हारा हात अने म्हारा पगहुंण के देखो के हूं खुदज हूं। म्हारी काया के हात लगाड़ी ने देखो, क्योंके आतमा के हाड़-मांस नी होय, जसाके तम म्हारा माय देखो हो!"
40 जदे उ यो कई चुक्यो तो उने अपणा हात अने पग उणके दिखाड़्या।d 41 जदे वी खुसी का मारे अबे बी बिसास नी करी सक्या अने चेलाहुंण के अचरज हुई र्यो थो। तो ईसु ने उणकासे क्यो, "कंई तमारा कने यां थोड़ो खावा सरु हे?" 42 तो उणने उके सेंकी हुई मच्छी को एक गांगडो द्यो। 43 अने उने उके लई के उणका सामे खायो।
44 तो उने उणकासे क्यो, "ई म्हारी वी बातहुंण हे, जिणके म्हने तमारा गेले रई के करी, के उनी सगळी बातहुंण के जो मूसा का नेम-बिधान माय, नबिहुंण, अने भजनहुंण की पोथी माय, म्हारा बारामें लिखी गी थी पूरण होणो जरुरी हे।"
45 उने उणके अक्कल दई के वी पवित्तर सासत्तर के समजे। 46 अने उने क्यो, "यो लिख्यो के मसीह दुःख भोगेगा अने तीसरा दन मर्या माय से जीवतो हुई जायगा। 47 अने यरुसलेम से सुरु करिके सगळी जातहुंण माय उका नाम से पापहुंण की मांफी सरु मन बदळवा को परचार कर्यो जायगा। 48 तम इनी सगळी बातहुंण का गवा हो। 49 e देखो, जो करार म्हारा पिता ने कर्यो हे, हूं उके तमार पे उतारुंवां पण जदत्तक तम सरग की सामरत से भर्या-पुर्या नी हुई जाव, इना नगर माय रुक्या री जो।"
ईसु सरग पे चेलाहुंण का देखता-देखता चल्यो ग्यो
(मर १६.१९-२०; परेरितहुंण १.९-११)
50 f जदे उ उणके बेतनिय्याह तक बायरे लई ग्यो अने उने अपणा हात अदरे उठई के उणके आसीस दई। 51 जदके उ आसीस दई र्यो थो तो उणकासे इकाड़ी होयो अने उके सरग पे उठई ल्यो। 52 तो उणने ईसु के सास्टांग परणाम कर्यो अने वी घणी खुसी का साते यरुसलेम नगर पाछा अई ग्या 53 अने रोज-रोज मन्दर माय जई के परमेसर की बड़ई करता र्या।