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ईसु ने बिनास होवा की भविसबाणी करी
(मत्ती २४.१-२; लूका २१.५-६)
1 जदे ईसु मन्दर से बायरे हिटी र्यो थो तो उका चेलाहुंण माय से एक ने उकासे क्यो, "हे गरु, देख, कसा मोटा एरण अने कसो अलिसान भवन!"
2 अने ईसु ने उणकासे क्यो, "तम इना अलिसान भवनहुंण के देखी र्या हो? एक एरण पे एरण बी नी रेगा सगळो ढळ्डायो जायगा।"
अबदाहुंण अने सताव
(मत्ती २४.३-१४; लूका २१.७-१९)
3 जदे उ मन्दर का सामे जेतून परबत पे बेठ्यो थो तो पतरस, याकूब, योहन, अने अन्द्रियास ने एखला माय उकासे पुछ्यो, 4 "हमारे बताड़ के ई बातहुंण कदे होयगा अने सगळी बातहुंण जदे पूरण होवा पे रे तो इणकी सेलाणी कंई रेगा?"
5 अने ईसु उणकासे केवा लाग्यो, "होसियार रो के कईं को तमारे धोको नी दई दे। 6 नरा म्हारा नाम से या केता होया आयगा, हूं उज हूं!' अने वी नरा के धोको देगा। 7 जदे तम लड़इहुंण की चरचा अने लड़इहुंण की अफवा सुणो तो घबरावजो मती; इनी बातहुंण को होणो जरुरी हे। फेर बी उना बखत अंत नी होयगा। 8 क्योंके एक जात का बिरोद माय दूसरी जात अने एक राज का बिरोद माय दूसरो राज उठ्यायगा। नरी जगाहुंण पे जमीन धुजेगा अने बिखो पड़ेगा। ई सगळी बातहुंण तो दुःख-दरद की सुरुआतज रेगा।
9 a पण तम होसियार रो। क्योंके लोग तो तमारे कचेरीहुंण का हवाले करी देगा अने पराथनाघरहुंण माय कोड़ा मारेगा, अने तम म्हारी वजासे सासकहुंण अने राजाहुंण का सामे उब्या रोगा ताके उणका सामे गवई रे। 10 अने जरुरी हे के पेलां सुब-समिचार सगळी जातहुंण माय परचार कर्यो जाय। 11 वी जदे तमारे बन्दी बणई के कचेरी माय दई दे तो पेलां से सांसो मती करजो के हम कंई कांगा, पण उनीज घड़ी तमारे जो कंई क्यो जाये उज करजो; क्योंके बोलवा वाळा तम नी रो, पण पवित्तर आतमा रे हे 12 भई, भई के अने बाप, बेटा के मोत सरु दई देगा; अने छोरा-छोरी अपणा मां-बाप का बिरोद माय उठ्यायगा अने उणके मरवई लाखेगा। 13 b अने म्हारा नाम की वजासे सगळा लोग तमार से घिरणा करेगा, पण जो आखर तक जिरना मारेगा उकोज उध्दार होयगा।
उजाड़वा वाळी
(मत्ती २४.१५-२८; लूका २१.२०-२४)
14 पण जदे तम उनी उजाड़वा वाळी घिरणित चीजc के वां उबी देखो जां उके नी होणो चाय - बांचवा वाळो समजी जाय - तो जो यहूदिया परदेस माय रे वी परबतहुंण अदरे भागी जाय। 15 d अने उ जो घर का छज्जा अदरे रे, निच्चे नी उतरे अने नी कंई लेवा सरु घर का भित्तरे जाय, 16 अने उ जो खेत माय रे, अपणो चोळो लेवा सरु पाछो नी पलटे। 17 पण उनी नारीहुंण सरु धिक्कार जो उना दनहुंण माय गरभ से रेगा अने जो बाळकहुंण के धवाड़ती रेगा! क्योंके वी दन घणा भयंकर रेगा। 18 पराथना करो के यो स्याळा माय नी होय। 19 e क्योंके वी दन असा कळेस का रेगा जसा जगत का सुरु से, जेके परमेसर ने सिरज्यो, अबी तक नी तो होयो अने नी फेर कदी होयगा। 20 अने अगर परभु ने उना दनहुंण के घटाड़्या नी होता, तो कईं को बी जीव नी बचतो, पण उना छांट्या होया की वजासे जिणके उने छांटी ल्या हे, उने इना दनहुंण के घटाड़्या।
21 तो अगर कईं को तमार से के, देखो मसीह यां हे, 'या देखो उ वां हे, 'तो बिसास मती करजो; 22 क्योंके झुंटा मसीह अने झुंटा नबी उठ्यायगा, अने सेलाणी अने अनोखा काम बताड़ेगा के अगर हुई सके तो छांट्या होया के बी भटकई दे। 23 पण होसियार री जो; देखो, म्हने पेलांज तमारे सगळो कंई बताड़ी लाख्यो हे।
ईसु को पाछो आणो
(मत्ती २४.२९-३१; लूका २१.२५-२८)
24 f पण उना दनहुंण माय, उना कळेस का बाद सूरज इन्दार्यो जायगा, अने चन्दरमा अपणो उजाळो नी देगा, 25 g अने असमान से तारागण पड़ता रेगा, अने असमान की ताकतहुंण हलाड़ी जायगा। 26 h जदे लोग म्हारे मनख का बेटा के बड़ी सामरत अने म्हेमा का साते बादळाहुंण माय आतो देखेगा। 27 उना बखत उ अपणा सरगदूतहुंण के मोकली के धरती का इना छोर से लई के असमान का उना छोर तक, चारी दिसाहुंण से अपणा छांट्या होया के भेळा करेगा।
अंजीर का झाड़ से सीख
(मत्ती २४.३२-३५; लूका २१.२९-३३)
28 "अंजीर का झाड़ से या मिसाल सीखो; जदे उकी डाळ नरम हुई जाय, अने उका माय कोंपळ हिटवा लागे, तो तम जाणी लो हो के उनाळो कने हे। 29 असतरे तम बी जदे इनी बातहुंण के होता देखो तो जाणी लीजो के उ कने हे बरण बारना पेज हे।i 30 हूं तमार से सांची कूं के जदत्तक ई बातहुंण पूरण नी हुई जाय इनी पीढ़ी को अंत नी होयगा। 31 असमान अने धरती टळी जायगा, पण म्हारा बचन कदी नी टळेगा।
उना दन अने बखत के कईं को नी जाणे
(मत्ती २४.३६-४४)
32 j पण उना दन या उनी घड़ी का बारामें कईं को नी जाणे, नी सरग का दूत, नीज हूं बेटो, पण सिरप पिता परमेसर। 33 'सावधान हुई जाव, जागता रो अने पराथना माय लाग्या रो, क्योंके तम नी जाणो के उ ठेराड़्यो बखत कदे अई जायगा। 34 k यो उना मनख सरीको जो अपणो घर छोड़ी के जातरा पे बायरे ग्यो। अपणा दासहुंण के हक दई के उने हरेक के उको काम बताड़्यो अने नेपादार के जागता रेवा को हुकम द्यो। 35 इकासरु जागता रो - क्योंके तम नी जाणो के घर को मालेख कदे आयगा, सांझे, आदी राते, या मुरगा का बांग देवा बखत या दन उगे - 36 कंई असो नी होय के उ एक दम से अई के तमारे सोतो होयो पाय। 37 अने हूं जो तमार से कूं, उज सगळा से कूं: 'जागता री जो!' "