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15 याकूबक मरणक बाद यूसुफॉक भै कूण लागीं, "ऑब यूसुफ हमुधैं घीण करल, उ हमर सब बुराइक बदाव हमुधैं ल्यल।" 16 यैक लिजी उनुल यूसुफक पास एक जुबबी भेजिबेर कौ, "तुमर बौज्यूल मरण है पैली यौ हुकुम दी रॉखछी, 17 "यूसुफ धैं कया कि उ दया करिबेर आपण भैनोंक गल्ति कैं माफ करि दियो, किलैकि उनुल तुमर दगाड़ बुराइ करि रॉखछी।" ऑब दया करिबेर आपण भैनोंक पाप माफ करि दियो।" यौ सुणिबेर यूसुफ डाड़ मारण लागौ।18 तब भैनोंल यूसुफॉक सामण ऐबेर उधैं कौ, "हम सब तुमार सेवक छु।" 19 लेकिन यूसुफल कौ, "डरो नै, बे फिकर रओ, मी परमेश्वर न्हैंतिन जो तुमर न्याय करुंल! 20 तुमुल म्यर लिजी बुराइक योजना बणै, लेकिन परमेश्वरल भलाइक लिजी उकैं इस्तमाल करौ, जैल भौतै मैंस ज्यून बचाई गेईं। 21 यैक लिजी तुम नि डरो, मी तुम और तुमार नॉनतिनोंक देखभाल करनै रूंल।" इसिक यूसुफल उनुकैं भरौस दे और प्यारल बात करिबेर उनुकैं हिम्मत दे।
यूसुफक मौत
(उत्पत्ति ५०:२४-२६)
24 यूसुफल आपण झड़-नाति, पड़-नाति सब देखीं। तब वील आपण भैनों धैं कौ, "म्यर मरणक दिन नजिक ऐ गेई लेकिन परमेश्वर तुमेरि सुधि ल्याल, और तुमुकैं यौ देश बे निकालिबेर उ देश मिं ली जॉल जैक वैद उनुल इब्राहीम, इसहाक और याकूबक दगाड़ करि रॉखछी।" 25 यैक बाद यूसुफल आपण परिवार वॉलों कैं कसम खवैबेर कौ, "तुम यांबे म्यार हड़िकों कैं लिबेर जाया।"
26 तब एक सौ दस सालकि उमर मिं यूसुफ मरौ। उनुल वीक लाश मिं हरेक खुशबुदार इत्र लगैबेर उकैं मिस्र देश बे कनान देश मिं ली जाणक लिजी एक संदूक मिं धरि दे।