कलीसियहामें अनैतिकता
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1 अखे तणी शुणणे में आउआ कि तमा में व्यभिचार हुंदा , पर एडा व्यभिचार ज़ोह हे होरी जाती में भी नांईं हुंदा कि एक मणश आपणे बापू री बेटढी डाहदा । 2 होर तमे पश्यताप नाईं करदे तेता एडा काम करणे आल़े तमा मेंजा का निख्ली करे , पर तमे घमण्ड करा । 3 हांऊं तो शरीरा रे भाबा का दूर तिही , पर आत्मा रे भावे संघे तमे संघे होई करे माना उपस्थिति में एडे कामा करणा आल़े रे बारे न्याय करी छेकू । 4 कि जेब्रे तमे होर मेरी आत्मा , हामारे दईबा यीशु मसीहा री समर्था संघे कठे होए , तेवा एडअ मणश हामारे दईबा यीशु मसीहा रे ना का । 5 शरीरा रे नाशा री तणी शैताना वै सोंपे , पर तेउ री आत्मा दईबा रे धिहाडी उधार पाये । 6 थारा घमण्ड करणा ठीक नाईं , कैह तमे नाईं जाणदे कि थोडा जेहा खमीरे पुरे पीठ खमीरी करा । 7 पूराणे खमीरा काडी करे आपणे आपा वै शुद्ध करे कि नंउये मुछुदे पीठे बण पर तमे मीठे हो किबेकि हामारे भी यह ज़ोह अखमीरी पर ज़ोह मसीहा साहा , बलिदान होऊ दअ साहा । 8 तेवा इच्छा हामा उत्सव में आंध मनाऊंणा पुराणा खमीर का नाह बुराई का होर नाह बैरे होर नाह दुष्टता रे खमीर , पर सीधी होर सचाइ का अखमीरी रोटी का । 9 माई आपणी पत्री में तमा वै लिखुदा साहा की व्यभिचारी री संगत नाईं करणी । 10 एडा नाईं कि तमे एउ संसारीा रे व्यभिचारी होर या लालची यह ठगणा या मूर्ति पूजणे आल़े री संगता नाईं करे ;किबेकि एउ सावे तमे एउ संसारीा का निख्लणा आऊआ । 11 पर मेरा बोलणा एडा साहा कि कोई भाई बोली करे , व्यभिचार करा , या लालची , यह मूर्ति पूजणे आल़े , यह गली दिणा आल़े , यह शरे भी , यह ठगण आल़े , तेउरी संगत नाईं करे ;पर एडा मंश संघे रोटी भी नाईं खाये । 12 किबेकि माह भागले रा न्याय नांइ करणा ? क़ैह तमे मितारे रा न्याय नाईं करदे । 13 पर भारले रा न्याय दईब आप करणा तेवा तेउ कुकर्मी आपु विचा का काड ।