रोमियों रे ना पौलुस री पत्री
भूमिका
रोमियों रे ना पौलुस री पत्री रा उदेश्य तिही रोमा में रहणे आल़े रे कलीसिया री यात्रा वै बात तैयार करणतिही ज़ासकी योजना पौलुसे बणाई , तेउ री योजना , कि कुछ टाईम तणी सह तखे मसीहीयो रे मेंजे में काम करदे , तेवा त्या री सहायता संघे स्पेन तणी त्याह नेढ मसीही बुशाह हे रे आपणे ज्ञाना वै मसीहा रे जीबना मे तेउ र अच्छा व्यबहार समझने आल़े पोलूस यह पत्री लिखी ।एसा कितावा में हामे पौलुस रे संदेशा रे सभी का पूर्ण विवरण भेटद साहा ।रोम री कलीसिया रे लोका रअ अभिबादन करणे होर त्याह री तणी आपणी प्रार्थना रे लोका रअ अभिबादन करणा ,होर त्याह री तणी आपणी प्रार्थना रे वारे में खोजने का बाद , में पैलुस री एडी पत्री रे बारे में खोजुदा साहा : "किबेकि तेउ में (सुसमाचारा में )दईबा री धार्मिकता रे बुशहे संघे होर बुशहे री तणी प्रकट हुन्दा साहा "(1:17 ) ।
पैलुस जेह एसा मुला बारे में विस्तारे संघे समझादा साहा । पूरी मानव जाति , यहूदी होर अन्यजाति दूहतिही दईबा संघे मेल मिलाप री जरूरत साहा किबेकि , स्ब्हे पाप रे हका में साहा । यीशु मसीहामें बुशहा का ही लोका रे दईबा संघे मेल मिलाप हुन्दा साहा ।तेवा पौलुस रे मसीहा संघे जिउणे रे वर्णन करदा ज़ोह दईबा संघे नउये रीश्ते रा परिणाम हुन्दा ।बुशाह ह रे दईबा संघे मेल मिलाप हुंदा होर दईबा रे आत्मा रे पाप होर मृत्यु रे हक संघे स्वतंत्र हुन्दा ।पाठ में 5 -8 में पौलुस रे बुशह रे जिउणे में दईबा री व्यवस्था रा मतलब होर दईबा री आत्मा री समर्था रे भी बिचरे करदे तिही तेवा चेले प्रेरित रे इउ प्रश्न का जूझा की सारीी मानब जाति री तणी दईबा री योजन में यहूदी होर अन्य जाति कैढ ठीक बैशा , ।सहे एउ निष्कश पंधे बैशा , यहूदी रे यीशु ब नाईं मनण भी दईबा री योजना भी एक मसीहा रा भग साहा ज़ोह मानव जाति वै यीशु मसीहा में दईबा रअ अनुग्रह री सीमा में आणण री तणी बणई दी सह तेउ रे बुशहे साहा ।कि यहूदी सद यीशु रे इन्कार नांही करदे हुणे ।लास्ट में पोलुस लिखदा साहा ।कि मसीहा जिउण कैड जिउणा , खासकर प्यारा रे रिश्ते डाहणे ।सहे इउ बारह बस्तु रे बारे में दईबा री आज्ञा रा पालन हो , बिबेका रे प्रश्न रे रूपा में लाउदा ा सह ।सहे पत्रे रे समपन रे ब्यक्तिगत संदेश होर दईबा री स्तुति करदे साहा ।
रूप रे ख
भूमिका होर मूल बारह 1 :1 -17
मंणश रे उधरे री आबश्यकत :1 :18 -3 :20
उधरे रे दईबा रे स्त 3 :21 -4 :25
मसीहामें नउयहे जिउण 5 :1 -8 :39
दईबा री योजन में इसरे यल (9 :1 -11 :36 )
मसीहा आचरे -व्यहवहार (चेले -चलण )12 :1 -15 :13
उपसंहे रे हे होर व्यक्तिगत अभिबादन 15 :4 -16 :27