घर-धराणी
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1-2 aह लुगायांओ, थे बी खूदका मोट्यारां को खियो मानो। जिसुं क याम्अ सुं कोई अस्यान का होव्अ ज्यो बचन कोन्अ मान्अ, तोबी थांका भय की लार पवितर चाल-चलण सुं, बना बचन ही खुदकी लुगायां का चाल-चलण सुं खची आजाव्अ। 3 bथांको सणगार दखावटी कोन होणी चायजे मतलब बाळा न्अ गूंथबो, सोना का गेणा अर तरा-तरा का लत्ता पेरबो। 4 पण थांको लुखेड़ो मनखपणो, नम्रता अर मन का बोदापणा की कोन मटबाळी सजावट सुं संणगर'र रेव्अ, क्युं क परमेसर की नजर मं ईको मोल बड़ो छ।5 पेल्यां का जमाना मं पवितर लुगाया बी ज्यो परमेसर माळ्अ आस राख्अ छी, अर खुदन्अ अस्यान ही सणगार'र खुदका मोट्यारां का खिया मं रेव्अ छी। 6 सारा बी अबराम का खिया मं रेव्अ छी अर बीन्अ धणी खेव्अ छी। अस्यान थे कस्या बी ड़र सुं डरप्या बना भलाई करो तो सारा की बेट्या खुवाव्अली।
7 cअस्यान ही ह मोट्यारओ, थे बी समझदारी सुं लुगायां की लार जन्दगी जीवो, अर लुगाई न्अ कमजोर बरतन जाणर बीको मान रांखो, या समझर'र क आपा दोनी जन्दगी का बरदान का बारिस छा, जिसुं थांकी परातना कोन रूक्अ।
भलाई करबा सुं सताव
8 अस्यान सबळा एक मन, दीयाभाव, भाईचारा को परेम रांखबाळा, सहानुभुती देबाळा अर नमर बणो। 9 बराई का बदला मं बराई मत करो अर गाळी का बदला मं गाळी मतद्यो, पण ईका बदला मं आसीर्वाद ही देवो, क्युं क थे आसीर्वाद का वारीस होबा क ताणी बलायेड़ा छो। 10 जस्यान सास्तर खेव्अ छ,
“अर ज्यो थे जन्दगी को आण्द लेबो चावो छो,
अर चोखा दन देखबो छाव्अ छ,
वो खुदकी जीभ न्अ बराई सुं,
अर खुदका होठां न्अ छळ की बात करबा सुं रोक्यां रेव्अ।
11 वो बुराई को साथ छोड़्अ, अर भलाई ही करअ,
वो मेलमिलाप न्अ हेरअ, अर बीकी कोसिस करअ।
12 क्युं क परबु की आंख्या धरम्या माळ्अ लागी रेव्अ छ,
अर बीका कान बांकी परातना की ओर लाग्या रेव्अ छ,
पण परबु बराई करबाळा सुं मूंडो फेरर रेव्अ छ।”
13 थे भलाई करबा क ताणी फुर्तीला रेवो तो थांकी बराई करबाळो कुण छ? 14 dपण ज्यो थे धरम की बजेसुं दुख बी उठाओ, तो धनै छो, पण मनखा का डरपाबा सुं मत डरपो, अर घबरावो मत। 15 पण मसी न्अ परबु जाणर खुदका हीया मं पवितर समझो। कोई थासुं थांकी आस का बारा मं पूछ्अ तो, थे बीन्अ नम्रता अर भय की लार जुवाब देबा क ताणी सदाई त्यार रेवो, 16 अर सोच-बच्यार बी पवितर रांखो, क्युं क ज्यां बाता का बारा मं थांकी बदनामी होव्अ छ, बाका बारा मं ज्यो मसी मं थांका चोखा चाल-चलण की बेजती करअ छ, ब सरमिन्दा होव्अ। 17 अर ज्यो परमेसर की मनसा याई होव्अ क थे भलाई करबा क कारण दुख उठावो, तो यो चोखो छ क थे बराई करबा की बेई दुख उठाल्यो।
18 क्युं क मसी बी मतलब अधर्मया क ताणी धरमी पापा की बजेसुं एकबार दुख उठायो, जिसुं क आपान्अ परमेसर क सांकड़्अ पुंचाव्अ। वो काया का रूप मं तो मार्यो गियो, पण आत्मा का रूप मं जिन्दा कर्यो गियो। 19 अर आत्मा का रूप मं ही पाताळ मं जार वो केदी आत्मा न्अ बी चोखा समचार को परचार कर्यो। 20 ये बा मनखा की आत्मा छ ज्योबी पेल्यां की बगत मं परमेसर को खियो कोन मान्या छा, जद नूहा जाज बणार्यो छो अर परमेसर थावस रांखर बाठनाळर्यो छो। अर जिम्अ बेठर थोड़ाई मनख मतलब आठ मनख पाणी सुं बचग्या छा।