जन्दगी की चोखी रीत
3
1 लोगा न्अ याद दुवातो रे क वे राजा अर अधिकारयां क तळ्अ रेव्अ। वांकी आज्ञा न्अ मान्अ। हर तरा का चोखा कामा न्अ करबा बेई तियार रेव्अ। 2 वां कन्अ कोई की बराई मत करज्यो। पण सांति सुं अर मिलजुल'र रिज्यो अर हरेक की लारा चोखो बुवार करज्यो।
3 या म जिसुं बतार्यो छु क्युं क मसी न्अ मानबा सुं पेली आपा बी मुरख छा। खियो कोन्अ मान्अ छा। भरम मं छा। माया-मोह का दास बण्या छा। आपा बराई अर पाप मं जन्दगी जीव्अ छा। अर आपसुं लोगबाग नफरत करअ छा अर आपा बी वां सुं नफरत करअ छा। 4 पण जद्‍या आपणा उद्धार करबाळा परमेसर की मनख ज्यात बेई दीया अर परेम परगट होयो, 5 अस्यान जिसुं कोन्अ होयो क आपा धरम का काम कर्या छा, पण उंकी दीया छ क वो आपान्अ पवितर-आत्मा सुं बचायो छ ज्यो आपान्अ धोर नयो जनम अर नुई जन्दगी देव्अ 6 वो आपण्अ उपरअ पवितर-आत्मा न्अ आपणा उद्धार करबाळा ईसु मसी मं खुब उंदाव्अ छ। 7 जिसुं आपा उंकी दीया सुं परमेसर क साम्अ नरदोष रेंवा अर उं सदामेस की जन्दगी की बापोती न्अ पा सका जिकी आपा आस करां छा।
8 या बात सांची छ अर म चाऊ छु क थे या बाता मं बण्यारेवो जिसुं वे ज्यो परमेसर मं बस्वास करअ छ, चोखा कामा मेई लाग्या रेव्अ। ये बाता वां लोगबागा बेई चोखी अर फायदा की छ।
9 आग्लाबड़ा की पीढ़्या, बेवस्था का झगड़ा अर मूर्खता का फालतु सुवाल-जुवाबा सुं बच्यो रे क्युं क वांसु कोई फायदो कोन्अ। 10 ज्यो मनख फूट पटक्अ, उन्अ एक, दो बार चता अर ज्यो फेरू बी कोन्अ मान्अ तो आंतरअ होजा। 11 क्युं क थे जाणो छो क अस्यानको मनख गेला सुं हटग्यो अर पाप करर्यो छ। अर वो खुदन्अ दोषी बणायो छ।
याद रखाणबा की एकात बाता
12 aम जद्‍या थां कन्अ अरतिमास या फेर तुखिकुस न्अ खन्दाऊ तो म्हारअ कन्अ निकुपुलिस नगर मं आबाकी पूरी जोरी करज्यो क्युं क म स्याळो उण्डअ'ई काटबा को बच्यार कर्यो छु। 13 bजेनास वकील अर अपुल्‍लोस न्अ वांकी यात्रा बेई ज्योबी जुरत होव्अ, तु वान्अ सब सामान भेळा करर दे दिज्यो जिसुं वान्अ कोई बात की कमी कोन्अ रेव्अ। 14 आपणा मनखा न्अ बी दूसरा की जुरत पूरी करबा बेई चोखा कामा मं लाग्या रेबो सिखणी चायजे। वान्अ फालतु की जन्दगी कोन्अ जीणी चायजे। 15 ज्यो म्हारी लार छ वां सबळा की ओड़ी सुं थान्अ नमस्कार माण्ढु छु। बस्वास की बजेसुं ज्यो लोगबाग आपसुं परेम करअ छ, वान्अ बी नमस्कार खिज्यो।
परमेसर की दिया थां सबळा की लारां रेव्अ।