सबसु बड़ो कुण
18
1 aज्दया चेला ईसु क सांकड्अ आर बुज्या, “सरग का राज मं सबळा सुं बड़ो कुण छ?” 2 ज्दया ईसु एक बाळक न्अ सांकड्अ बलायो अर उन्अ वाक्अ साम्अ उबो करर खियो, 3 b“म थान्अ सांची खेऊ छु क ज्दया ताणी थे बदल्अला कोन्अ अर बाळका की न्याय कोन्अ बण्अला, सरग का राज मं कोन्अ उळ सक्अला। 4 जिसुं ज्योबी खुदन्अ बाळका की न्याई नरम बणावलो, वोई सरग का राज मं सबळासु बड़ो छ।” 5 अर ज्योबी उं बाळक जस्या मनख न्अ म्हारा नांऊ सुं मान लेव्अ छ वो मन्अ मान लेव्अ छ।पाप सुं बचो
6 “अर ज्यो कोई या छोटा मं सुं एक न्अ बी, ज्यो म्हारा नांऊ मं बस्वास रखाण्अ छ, पाप का गेला मं ले जाव्अ छ, तो उंक्अ बेई योई चोखो छ क उंकी न्याड मं घरट बांधर उन्अ उण्डासाक समून्दर मं ढ़बो देणी चायजे।” 7 ठोकर खुवाबाळा संसार थारो कतरो बरो होव्अलो! ठोकर लागबो जरूरी छ; पण कतरो बरो होव्अलो उं मनख को जिकी बजेसुं ठोकर लाग्अ छ। 8 cथारा हाथ या फेर थारा पग थन्अ ठोकरा खुवाव्अ तो वान्अ काटर फाक द; क्युं क सरग मं ढ़ुण्ढयो या फेर लंगड्यो होर सदामेस की जन्दगी मं घुसबो थारबेई साउठो चोखो छ क दोनी पग अर दोनी हाथ होता स्यातर बी थन्अ नरक की कद्या बी कोन्अ बझबाळी आग मं पटक्यो जाव्अ। 9 d“थारी आंख्या थन्अ ठोकर खुवाव्अ तो वान्अ बारअ नखाळर फाक दे, क्युं क सरग मं काण्यो होर अमर जन्दगी मं घुसबो थारबेई साउठो चोखो छ क दोनी आंख्या होता स्यातर बी थन्अ नरक की कद्या बी कोन्अ बझबाळी आग मं पटकदे।
गुमेड़ी लळ्ड़ी को कस्सो
10 e“अर देखो म्हारा यां छोटा मं सुं कोई न्अ बी बनाकाम का मत जाणज्यो। म थान्अ बताऊ छु क वांका सरगदूत सरग मं म्हारा परम-पिता कन्अ सदाई रेव्अ छ। 11 क्युं क मनख को छोरो गुमेड़ा न्अ हेरबा आयो छ। f 12 थारो कांई बच्यार छ क कोई मनख कन्अ सौ लळ्डया छ अर वाम्अ सुं एक लळ्ड़ी गुमगी? तो वो दूसरी नन्याणम लळ्डया न्अ डुंगरी पेई छोड़र उं एक गुमेड़ी लळ्ड़ी न्अ हेरबा कोन्अ जावलो कांई? 13 वो जरूर जावलो अर ज्दया वा उन्अ लाद्यावली, म थान्अ सांची खेऊ छु वो वा दूसरी नन्याणम लळ्डया की बज्याई ज्यो एक गुमगी छी, मल्यासुं सावटो राजी होव्अलो। 14 अस्यान'ई सरग मं बेठ्यो थांको बाप या कोन्अ छाव्अलो कांई क म्हारा या छोटा मं सुं एकबी कोन्अ गुम्अ।
थारो बरो करबाळो कोई मनख
15 h“थारो भाई थारी लार gकोई (पाप) बरो बुवार करअ तो ऐकला न्अ लेजार उंका दोष उन्अ बता। वो थारी सुणले तो तु फेरू खुदका भाई न्अ जीत लियो। 16 पण ज्यो वो थारी कोन्अ सुण्अ तो एक-दो न्अ ओर थारी लार लेजा क्युं क हर बात का ये दो-तीन गुवा हो सक्अ। 17 वो वांकी बी कोन्अ सुण्अ तो बस्वास्या की टोळी न्अ बता। अर वो बस्वास्या की टोळी की बी कोन्अ मान्अ, तो फेर तु उंकी लार अस्यो बुवार कर जाण्अ वो पापी अर चुंगी लेबाळो छ।
रोकबो अर मोको देबो
18 i“म थान्अ सांची बतार्यो छु ज्यो कांई बी थे धरती प बांध्अला सरग मं परबु उन्अ बांध्अलो, अर जिन्अ थे धरती प छोड़्अला उन्अ सरग मं परमेसर छोड़ देव्अलो। 19 फेर म थान्अ खेऊ छु, थाम्अ सुं दो जणा धरती प कोई बात बेई एक मन होर सरग मं बेठ्या म्हारा बाप सुं मांग्अ तो वो थांक्अ बेई उन्अ पूरी करअलो। 20 क्युं क जण्ढ्अ दो या तीन जणा म्हारा नांऊ सुं भेळा होव्अ छ, उण्डअ म वाक्अ गाब्अ होऊ छु।”
छमा कोन्अ करबाळा नोकर को कस्सो
21 jफेर पतरस ईसु क सांकड्अ आर खियो, “ओ परबु म्हारो भाई अपराध करतो रेव्अ तो म उन्अ कतरी बार छमा करू? सात बार ताणी कांई?”
22 ईसु उन्अ खियो, “म थन्अ या कोन्अ खेऊ क सात बारी पण सात बार का सत्तर गुणा ताणी। 23 जिसुं सरग को राज उं राजा की न्याय छ ज्यो खुदका नोकरा सुं स्याप लेबो चायो। 24 ज्दया वो स्याप लेबा लाग्यो तो एक जणा न्अ उंक्अ साम्अ लेर आया ज्यो अरबां को करजदार छो। 25 अर उकन्अ चुकाबा बेई कांई कोन्अ छो, तो उंको मालिक खियो, ‘ईन्अ, ईकी लुगाई न्अ, ईका छोरा-छोर्या न्अ अर ज्योबी ई कन्अ छ उन्अ बेचर करजो चुकायो जाव्अ।’ 26 अतरा मं ई वो नोकर खियो, ‘मालिक साब म सब चुकता कर द्युलो सबर रांख।’ 27 ज्दया उं नोकर का मालिक न्अ नोकर प दीया आगी अर वो उन्अ छोड़ दियो, अर उंका करजा न्अ बी छमा कर दियो।
28 “फेर ज्दया वो नोकर उण्डअ सुं जार्यो छो तो उन्अ उंकी लार को नोकर मल्यो ज्यो उसुं सौ दिनारk ले मल्यो छो; वो उन्अ पकड़र उंको गळो दबाबा लागग्यो अर खियो, ‘ज्योबी थारअ उपरअ करजो छ वो चुका द।’ 29 अतरा मं उंकी लार को नोकर उंका पगा मं पड़ग्यो अर अरदास करबा लाग्यो क, ‘म सब चुका द्युलो सबर रांख।’ 30 पण वो कोन्अ मान्यो। अतरोई कोन्अ ज्दया ताणी वो उंको करजो कोन्अ देव्अ वो उन्अ जैळ मं पटका दियो। 31 दूसरा नोकर ईन्अ देखर घणा कळस्या। अर वे ज्योबी होयो छो उन्अ जार वांका मालिक न्अ खे दिया।
32 “ज्दया उंको मालिक उन्अ बलार खियो, ‘अरअ नीच दास!, म थारो वो सबळो करजो माफ कर दियो क्युं क तु मंसुं दीया की भीख मांग्यो छो। 33 थन्अ बी लार का नोकर प दीया कोन्अ दखाणी चायजे छी कांई, जस्यान म थारअ उपरअ कर्यो छु?’ 34 जिसुं उंको मालिक घणो रोषा होयो अर ज्दया ताणी वो सबळो करजो कोन्अ चुका दे उन्अ डण्ड देबाळा का हाथा मं सुंप दियो।” 35 “अस्यान'ई थाम्अ सुं हरेक खुदका भाई न्अ मन सुं छमा कोन्अ करअ तो म्हारो बाप ज्यो सरग मं छ थांकी लार बी अस्यान'ई करअलो।”