बतिस्मा देबाळो यूहन्‍ना
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1 वा दना मं उण्डअ यहूद्‍या का उजाड़ थळा मं बतिस्मो देबाळो यूहन्‍ना उपदेस देतो आयो। 2 bवो परचार करबा लागग्यो क, “मन बदलो! क्युं क सरग को राजa आबाळो छ।” 3 यो यूहन्‍ना वोई छ जिका बारा मं परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळो यसायाह खियो छो क, “राड़ी मं एक हलकारो हाक्‍को पाड़र्यो छ क ‘परबु बेई गेलो तियार करो अर गेला न्अ सीधो बणावो।’” 4 यूहन्‍ना ऊंट का बाळा का बण्या लत्ता पेरअ छो अर चामड़ा की कमर पेटी बान्ध छो। वो टिड्‍यां अर मुवांळ को सेत खाव्अ छो। 5 वा दना मं यरूसलेम, सबळा यहूद्‍या अर यरदन नन्दी क सांकड्अ का मनख उंक्अ सांकड्अ भेळा होया। 6 वे खुदका पाप मानर पछतावो कर्या अर यूहन्‍ना वान्अ यरदन नन्दी मं बतिस्मो दियो। 7 cज्दया वो देख्यो क घणासारा फरीसी अर सदूकी उंक्अ सांकड्अ बतिस्मो लेबा आर्या छ तो वो वान्अ खियो, “ओ, सांप का बच्याओ। थान्अ कुण चतायो छ क थे परबु का आबाळा रोषा सुं बचो? 8 थान्अ परमाण देणो पड़्अलो क थे सांच्याई मन फराया छो। 9 dअर या मत बच्यारो क थे आबाळा रोषा न्अ या खेर टाळ देव्अला क ‘आपा अबराम की ओलाद छा। म थान्अ खेऊ छु क परमेसर अबराम बेई यां भाटा सुं बी ओलाद पदा कर सक्अ छ।’” 10 eरूंखड़ा की जड़ा क उपरअ करबाड़यो मलचुक्यो छ। अर वे सबळा रूंखड़ा ज्यो चोखा फळ कोन्अ देव्अ काटर पटक्या जावला अर फेर वान्अ आग मं बाळ दियो जावलो। 11 “म थान्अ थांका मन फराबा बेई पाणी सुं बतिस्मो देऊ छु पण वो ज्यो म्हारअ पाछ्अ आबाळो छ, मंसुं महान छ। म तो उंका जूता की जेवड़्या खोल्बा जस्यो बी कोन्अ। वो थान्अ पवितर-आत्मा अर आग सुं बतिस्मो देव्अलो। 12 उंका हाथा मं उंको छाजळो छ जिसुं वो नाज न्अ कजोड़ा सुं न्यारो करअ छ। खुदका खलाणा मं साफ करेड़ा सबळा नाज न्अ उठा'र भेळो करर कोठा मं भरअलो अर कजोड़ा न्अ असी आग मं पटकलो ज्यो बझाया सुं बी कोन्अ बझअ।”
ईसु को बतिस्मो
13 उं बगत ईसु गलील सुं चालर यरदन की तीर प यूहन्‍ना सुं बतिस्मो लेबा आयो। 14 पण यूहन्‍ना ईसु न्अ रोकबाळा की न्याई खियो, “मन्अ तसुं बतिस्मो लेबा की जुरत छ। फेर तु म्हारअ कन्अ क्युं आयो छ?” 15 ईसु उन्अ खियो, “अबार तो ईन्अ अस्यान'ई होबा द। आपसुं परमेसर ज्यो छाव्अ छ उन्अ पूरो करबा बेई अस्यान करबो चोखो छ।” फेर वो वस्यान ई होबा दियो। 16 अर फेर ईसु बतिस्मो ले लियो तो जस्यानई वो पाणी क बारअ नखळ्यो तो, आम्बर खुलग्यो। वो परमेसर का आत्मा न्अ कबुतर की नाई तळ्अ उतरतो अर खुदक्अ उपरअ आतो देख्यो। 17 fज्दया आकासवाणी होई “यो म्हारो लाड़लो छोरो छ। जिसुं मं घणो राजी छु।”