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जडदाय पांचमा सरगदूत मोहरी कुकला, तेबे मुय सरग ले जगत ने गोटक तारा घसरबार ढूकली, आउर तीके अथाह कुण्ड र कुजी देलाय 2 हाय अथाह कुण्ड के उगाडलाय आउर कुण्ड मने ले बडे भट्टी असन धुॅआ उठला, आउर कुण्डर धुआ ले सूरज आकर हव ! अंधार ना होइ गला । 3 आउर हांय धुंआ मन ले जगत ले टिडि निकरला, आउर तीके जगत ले बिच्छू मत सन शक्ति दी गला । 4 तीके सांगलाय कि ना जगत र चाय के, ना कोनी हरियाली के ता कोना गच के हानि पहुचाओत कसन बलले हाय मनुक के हानि पहंुचाओत जाहार माथा ने मापरूर मोहर तीआप । 5 हांके लोकमत के मारबार नाई मातर पांच मयना तक ढुका खुला देबार अधिकार दिया गलाः आउर नीकर दुका सुका असत रए जसन बिचुर चाबले मनुक के होउआय, हांय दिन ने मनुक के होउसाय । 6 हांय दिन ने मनुक मोरबाटा के डगराय जय आउर ना पायबाय, आउर मोरबार लालच करबाय आउर मृत्यु हांय मन ले पोरायसी । 7 हांय टिडि र आकार, लडाई काजे हियारी करलार घोडा जसन आय, आउर तीकर सिरा ने मानो सोना र मुकुट रए, माउर तीकर मुंह मनुक जसन रए । 8 आउर तीकर बायले मनर बाल जसन आठूर हांय बाघ मनर असन रए । 9 हांय लूआ असन झिलम फीन्दी रएतः आउर तीकर पंखा जसन शब्द असन रए जसत रत माठर खूबे घोडा जोन जघडा ने पोराउआत । 10 मेकर लेगडी बिच्छु मन असत रए आउर हांय मन ने डंक रए । आठर तीके पांच मयना तक मनुक मन क दुक दरद पहुंचायबलार जोन शक्ति मिली ए हांय तीकर लेगंडी ने रए। 11 अथाह कुण्ड र दूत हांय मन ते राजा रए, तीकर नाम डूबानी ने अबघोन, आउर यूनानी ने अपुल्ल जोन है । 12 पयला संकट बीतला दका एबे एवार बाद दूय संकट आउर आउमाय । 13 जेबे छटवां सरगदूत तुरी कुंकला ता सोना र बेदी जोन मापरूर छोमे आबे तीकर सींग मनले मंच असन शब्द सुनली, 14 माना कोनी छटमा सरगदूत ले जाहार लगे मोहरी रए, बलसी आचे ‘‘ हांय चार सरगदूत के जोन बडे नही कुरात लगे बंदलाआत खोली देस ।" 15 हांय चारो दूत के खोली देलाय जोन हांय घडी आउर दीन आउर मयना आउर बरस काजे मनुक र एक तिहाई र मारबा काने तियार करला आत । 16 तीकर काजर संवारी र गिनती बीस करोड रए, मुय तीकर गिनती सुनली । 17 मोके इ दर्षन ने घोडा आउर असन सबार दला देलाय जाहार झिल्मी ने जोय आउर धूमकांत आउर बांस नसन रए, आउर हांय घोडा र मुंड बाग र मुंड अयन रए, आउर तीकर मुंह ले जाय, धुमरा आठर बांस मिकरते रए । 18 इ तीन गोटा महामारी बलले जोय आउर धुमय आठर बांस जोन तीकर मंुह ले निकरते रए मनुक र एक तिहाई मारलाय । 19 कसन बलले हांय घोडा र सामरथ हांतार मुह आउर लेंगडी ने रए, इ काजे कि तीकर लेगडी सांप जसन रए, आउर हांय लेंगडी र मुंड बले रए आउर दू ताने हांय मन दुकाः सुका हेते रएते । 20 बाचला मनुक मन जोन हाय मारबाटा ले ना मोरी रएत अपनार हाथ र बुता ले मन ना किरायेत कि भूतआत्मा र, आउर सोन आउर चाॅदी आउर पीतल आउर पोकना आउर कीस र मूति र पूजा ना करा, जोन ना दरूआय ना सुनुआय ना हिंडके सकूआय, 21 आउर जोन लठ, आउर टोना आउर व्यभिचार, आउर चोरी हांय मन करी रएत हाय ने मन ना किरायताय ।