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आय काजे गवाहीर, असन बड़े बादरी हामके होरला आचे, तेबे आसा हर गोटक देबायबा बिती चीज मनर आवरी बोकवा करबा बीती पाप के दूर करी आय परायबाटा जोन ताने हामके परायबार आय, धीरज ले पराह, 2 आवरी विश्वास करबा बीता आवरी सिद्ध करबा बीता यीशुर बाटे देखत रहा, जोन मन आय हरिक काजे जोन तिकर धाये दरी रहे, लाजर कायी चिंता ना करी ुिशर दुःख रहेला, आवरी परमेश्वर सिंहसनर भुजनी बाटे जायी बरला। 3 आय काजे तार उपरे ध्यान करा, जोन अपनार विरोध ले पापी मन हतक विरोध रहेलाय कि तोमी निरस होई करी साहस ना पाड़ा। 4 तोमी पाप ले लडु-लडु आय अन भेट गाट ना करला कि तोमर लहु बहेला आये, 5 आवरी तोमी हायं उपदेश के, जोन तोमके बेहार समान देउ आत, भुलकलास,"गोट ना जान,आवरी जेबे तोके धुड़कले साहस ना चाड़। 6 कसन बलले परभु जाके आया करू आय, तार ताड़ना पने करू आया। आवरी जाके बेटा बनाऊ आय, ताके कोड़ा पने मारू आय।" 7 तुय दुख के ताड़ना समझीकरी सहा, परमेश्वर तोमके बेटा जाीर करी तोमर संगे बर्ताव करू आय। आय कोन बेटा आय जाहार ताड़ना बाबाना करे। 8 यदि आय ताड़ना जाहार भागी सबु होउ आत, तोमर ना होयले काय तो भी तार बेटा नुआस, मातर व्यक्ति चारेर बेठा हुआ। 9 फेर जेबे हामर शरीरर बाबा पने हामर ताड़ना करू आय, आवरी हामी तिकर आदर करू आव तेबे का आत्मा मनर बाबा आवरी पने अधीन ना रहा जहार ले हामी जीव रहबाय। 10 ये अपनार-अपनार समझलार अनुसार किण्डिगमा दिन काजे ताड़ना करते रहे, मातर हाय तो हामर लाभ काजे करू आय, कि हामी पनी तार पवित्रतार भागी होइ जाऊ। 11 आजी-काली हर प्रकारर ताड़ना हारेकर नुआय, मातर दुःखर ची गोट देख देउ आय, बेबे जोन ताके सहते-सहते पक्का होयला आत, पाचे तिक आराम ले संगे धरमर प्रतिफल मिरू आय। 12 आय काजे ठीला हातमन ने आवरी बिना बलर मांडी के सैरा करा 13 आवरी अपनार गोट काजे सीधा बाट बनाआ कि कोडिया लोग जाी ना जाओत मातर पकाआ चंगा होई गला। 14 जुली राहाए आवरी हांय पवितरता र खोजी हुआ जाहार नोयलार कोनी परभु के केबी ना दके 15 धिआन ले दकते राहाए असन ना होओं की कोनी माहा परभु र अनुगरह ले अनजान रओए नोयले कोनी कड़वा चेर फूटी करी कस्ट देओंए आवरी तार बाटले खूबे लोक असुध होओत द्य’ 16 असन ना होओं की कोनी लोक बेबिचारीए नोयले एसाव र असन अधरमी होओत जोन एक हार र भात र पाल्टा आपना पहिलोटा होयलार पद के बिकी खायला द्य’ 17 तमी जानास की पाचे जड़ दाय हाय आशीष पायबार चाहयला तो बिना लाईग र गिना गलाए आवरी आँसू निकराय निकराय करी डगरायबा के बले मन बाहड़ायबा र समेया ताके ना मिरला द्य’ 18 तमी तो हांय डोंगरी लगेए जोनके छीयके सकतुए आवरी जोय ले रग रगा होई रयेए आवरी करेया बादरीए आवरी अंधारए आवरी लेहरा लगेए 19 आवरी तुरही र धूनए आवरी बलबा लोक र असन गोट र लगे ना आयलायए जाहार सूनायबा लोक मन बिनती करलाय की अबर हामर संगे आवरी गोट ना गोठाहा द्य’ 20 कसन की हांय मन हांय आगेया के ना सयके सकलाय रूष्अगर कोनी पशु बले डोंगरी के छीयसी तो हाके मारा जाओ द्यष्’ 21 आवरी ये दरसन असन डरबा असन रये की मूसा बललाए ष्मय खूबे डररु आय आवरी थर थरु आय द्यष्’ 22 मातर तमी सिय्योन र डोंगरी लगेए आवरी जीवता माहा परभु र नगरेए मरला यरूशलेमए लगे आवरी लाखों सरग दूत मन 23 आवरी हांय पहिलोटा मन र साधारण सभा आवरी कलीसियाए जाहार नावं सरग ने लिकलार आचेए आवरी सबू र निआय करू माहा परभु लगेए आवरी शिध करला धरमी मनर आतमा मनए 24 आवरी नुआ वाचा र मंजी यीशु आवरी छीचला हांय लोऊ लगे आयला आसए जोन हाबिल र लोऊ ले अच्छा गोट मन बलु आय द्य’ 25 चेत ने राहाए आवरी हांय बलबा बिता ले मूह के ना मोड़ाए कसन की हांय लोक जड़ दाय धरतनी र चेतावनी देबा बिता ले मूह मोड़ी करी ना बाचके सकबू तो हामी सरग ले चेतावनी देबा बिता ले मूह मोड़ी करी कसन बाचके सकबू घ्’ 26 हांय समेया ने तो तार गोट धरतनी के हलाय देलाए मातर अबर हांय ये किरिया खायला आचे ए ष्गोटक हार आवरी मय नाई सिरीप धरतनी के मातर आकाश के बले हलाय देबी द्यष्’ 27 आवरी ये गोट श्गोटक हार आवरी श्ये गोट के छमे आनु आय की जोन तिज मन हलाय जाऊ आयए हांय सिरजला तिज होयबा लागी टली जायसी य की जोन तिज मन हलाय ना जायेए हांय अटल बनी रओ द्य 28 ई लागी हामी ये राज के पाई करी जोन हलबार नाई कृतगय होओंएआवरी भक्ति आवरी डर संगे माहा परभु र असन आराधना करा जाहार ले हांय हरिक होऊ आय य 29 कसन की हामर माहा परभु भस्म करबा बिती जोय आय द्य’