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अबर विश्वास आसा करलार जीचमनर निश्चत आवरी जीना दखलार चीजमनर प्रणाम आय। 2 कसन के बलले एहारी विषय ने प्राचीन अच्चा गवाही देलार आचे। 3 विश्वस ले ची हामी जानु आव कि सबु संसारर रचना परमेश्वरर बचनर बाटले होयला आचे। मातर ये अनुआ कि जोन के दखबाने आउ आय देखलार चीज मनले बनला अहो। 4 विश्वास ही ले हाबिल कैन ले अधिक अच्छा बलिदान परमेश्वर काजे येकायला, असपरी ताहारि घाटले तिकर अधरमी होयबार गवाही पने देला कसन बलले परमेश्वर तार भेंटर विषय ने गवाही देला, आवरी बाटले आय मरला पने अबले गोटाउ आय। 5 विश्वास हि ले अनोक उठायलाय कि मरन केना दखा आवरी तार खबर ना मिरला, कसन बदलले परमेश्वर ताके उठायी रहो आवरी तार उठाय जीबार पहिले तार ये गवाही देयी रहेत कि आय परमेश्वर के हरिक करला। 6 आवरी विश्वासर बिना ताके हरिक करबार अनहोना आय ; कसन बलले परमेश्वर लगे जिबा लोग के विश्वास करबार जरूरी आय कि हायं हा, आवरी अपनार ठकरायबा लोग मन के प्रति फल देउ आय। 7 विश्वास जी ले नुह आय गोटर विषय ने जोन आय समय देखा ना पड़ते रहे, चेतावनी पाड़करी भक्तिर संगे अपनार घराने के बाचाय बा काजे जहाज बनायला, आवरी तार बाटले आपं संसार के दोषी संगायला। आवरी आय धरमर वारिस होयला जोन विश्वास ले होउ आय। 8 विश्वास हि ले अब्राहम जेबे आग देलाय तेबे आज्ञा मानी करी असन जगह निकरी गला जाके मीरास ने नेयबा पित रहे; आवरी ये ना जानो रहे कि मैं कौन बाटे जाउ आय, तेबे निकरी गला। 9 विश्वास हि ले आय प्रतिज्ञा करला देश ने दूसरा देश ने परदेशीर समान, रहिकरी इसहाक आवरी याकुब समेत, जोन तार संग तार प्रतिज्ञार वारिस रहे, तम्बु मन तोन निवास करलाय। 10 कसन बलले आयं हायं स्थिर नींव बिती नगरर बाट जोहेते रहे, जाहार रबा बिता आवरी बनाया बाबीता परमेश्वर आय। 11 विश्वास ले सबु ढोकरी होयबा दाय पने गर्भधारण करबार सामथ्र्य पायलाय, कसन बलले आय प्रतिज्ञा करबा लोग कन के सच्चा जाने रहे। 12 आय काजे गोट ची जन ले ची जोन मरला असन दखते रहे। आकाशर तारा आवरी समुदर रेहर बालीर समान अनगिनत वंश अलमलाय। 13 ये सबु विश्वासर दशा ची मरलाय, आवरी आय मन प्रतिज्ञा करलार चीज मन ना पायलाय मातर आय मन देर दुर ले दखी करी हरिक होयलाय आवरी मानलाय कि पृथ्वी ने हामी परदेशी आवरी बाहरर आव। 14 जोन असन गोट गोटक आत, आय प्रकट करूआत कि स्वदेशीर खोज ने आचेत। 15 आवरी जोन देश ले निकरी आयी रहेत, अगर तार सुधि करताय तो तिके बाहड़ी जिबार मौका रहे। 16 भातर आय गोटक अधिक अच्चा माने स्वर्गीय देशर अभिलाषी आय, आय काजे परमेश्वर तिकर परमेश्वर बोलबा ने ना जाल होये, कसन बलले आय तिकर काजे गोटक नगर तिहार करला आचे। 17 विश्वास ले अब्राहम, परख जीवा समय ने, इस हाक से बलिदान चढ़ाया, आवरी जोन मन प्रतिज्ञा मन के सत करी रहेत 18 आवरी जोन ये बोली रहेत, इस हाक ले तोर वेश कहलाऊ आय। आयची अपनार गोटक के चगायके लागला। 19 कसम बलले आय मानला, कि परमेश्वर सामर्थी आय कि ताके मरला तानले जिहायजायः अतः तिकर ले उदाहरणर रीतिर ले उपरे आय ताके फेर मिरला। 20 विश्वास ले इसहाक याकुब आवरी एसाव के आयबा बिती विषय ने आशीष देला । 21 विश्वास ले याकुब मरबा दाय युसुफर दुनो बेटा मन ले गोटक ले आशीष देला, आवरी अपनारे लाठीर टिपर सहायता दरी करी दण्डवत करला। 22 विश्वाष ले युसुफ, जेब आय भरबा दाय, तेवे इस्त्राइलर बेतार निकरी जिबार गोटबात करला अपनार हाड़ार विषय ने आज्ञा देला। 23 विश्वाष ले मुसार आया बाबा ताके जलमलार तीन महिले ले लुकाय रहेत, कसन बलले हाय मन दखलाय कि बाबु सुन्दर आय, आवरी आय मन राजार आज्ञा ले न डरलाय। 24 विश्वास ले मुसा सथान हाई करी फिरौैनर बेटीर बेटा बोलबा ने माना करला। 25 आय काजे कि ताके पाप ले ताके खिडिक दिन ले सुख पायलाठने परमेश्वर लोग मन संगे दुःख पायबार अधिक अच्छा लागला। 26 ताके मसीहर काजे निन्दित होयबा ने मिस्त्रर भण्डार ले बड़े धन समझलाय, कसन बलले तार आरबी फल पायबा बाटे लागी रहे। 27 विश्वाष ले राजार रिस ले ना डरीकरी हाय मिरज के छाड़ी देला, कसन बलले आय बिना दखलार के देखला असन दृठ रहे। 28 विश्वास ले आय फसह आवरी लहु चेचबार विधि मानला, कि पहिलौह मनर नाश करण बीता मन इस्त्राएलिया मनर उपर हाह ना सगाहा। 29 विश्वास ले आय लाल समन्दर लग असन उतरलाय, जसन सुकला भुयं ले, आवरी मिस्त्री मन असनी ची करवार चाहेलाय तेबे सबु वुठी मरलाया। 30 विश्वास ले यरीहोर शहरपनाह, जेवे हाय साह दिन ले तार चक्कर लगायलाय, तेबे आय गसरी गला। 31 विश्वास ले राहाब वेरया आज्ञा ना मानवा लागठ मन संगे नजर ना होयला, आय काजे कि हाय भेदी मन के हरिक ले संगाय रहे। 32 अबर आवरी काय बोलु हायं ? कसन बलले समय न हाय कि गिदोनर आवरी बाराक। आवरी शिमशोन, आवरी यिफतहार, आवरी दाऊद आवरी शमुएलशकर, आवरी पांझीहार मनर वर्णन करबी। 33 आय मन विश्वास ले ची बाटले राज जीतलाय धरमर काम करलाय, प्रतिज्ञा करलार चीज मन मिरायलाय, सिंह मनर टोन्ड कन बन्द करलाया। 34 जोयर ज्वाला शतरायलाय, खण्डार तार ले बाचलाय, बीना बल ले बलबीता होयलाय, लड़ायी ने तीवर निकरलाय, विदेशी मनर फौज के भारी खेदलाय। 35 बायले मन अपनार मरलार लोग कन फेर जीव पाय लाय, कतक तो भार खाई-खाई भरी गलाय, आवरी छुटकारा ना चायलाय, आय काजे अधिक अच्छा पुनरूस्थानर भागी अहोता। 36 कोनी लगे हठो ले उड़ाय जिबार, आवरी कोड़ा कायबार आवरी बांधाय होयबार, आवरी कैद ने पड़बा के बाटले परख लाय। 37 पथराव करलाय, आरा ले चीरलाय, तिकर परीक्षा देरलाय, खण्डा ले मारलाय, आय कंगाली ले, आवरी कलेश ने आवरी दुख पायते-पायते मेन्डीमन आवरी बकड़ीमनर काला आड़ला, ऐने आने-आरे-मारे फेरे। 38 आवरी कोमन, आवरी पहाड़ीमन, आवरी गुॅा मन ने आवरी पृथ्वीर खोदीरा मन भटकी-भकटी रहे। संसार तिकर योग्य ना रहे। 39 विश्वास ची बाटले ये सबुर विषय ने अच्छा गवाही देलाय, तेबे तिके प्रतिज्ञा करलार चीजमन ना मिरला। 40 कसन बलले परमेश्वर हामर काजे पहिल ले गोटक अच्छा गोट सोगायला, कि आय हामर बीना सिद्धतार के ना पहुचेत।