10
कसन की व्यवस्थार, जोन ताने आयता बिती अच्चा चिजर छया आय, भातर तार असली रूप नुआव, आय काजे हाय गोटक ची प्रकारर बलिदान मनर बाटले जोन सतु बरस अचुक चेगाउ आत, लगे आयबा लोग के बिलकुल सिद्ध ना करके सके। 2 नोयले तिकर चेगायबार बन, काय काजे ना हायेता ? काय काजे जेबे सेवा करबा लोग गोट ची हार शुद्ध हाई जाउ आत तेबे फेर तिकर विवेक, तिके पापी ना संगयित। 3 मातर तार बाटले सबु बरस पापर सुरता अहु आय। 4 कसन बलले ये अन्होना आय कि बैलामतर आवरी बकड़ा मनर लहु पाप मन के दुर कर। 5 आयं काजे ये संसार ने आबा दाय बोलु आ,"बलिदान आवरी भेट तुय ना चायलिसमातर मोर काजे गोटक शरीर तिमार करलिस । 6 होम बलियंा मन आवरी पाप-बलियां मन ले तुय अरिक ना होयलिस। 7 तेबे मैं बोलली, "दख, मैं आयली आचे, पवित्र शास्त्र ने मोर विषय ने लिखनार आचे, आय काजे हे परमेश्वर, तोर इच्छा पूरा करली "। 8 उपरे तो हायं बालु हाय, "ना तुय बलिदान आवरी भेंट आवरी होम-बलिया मन आवरी पापं बलिया मन के चाहा, आवरी तिकर ले ना अरीक होयला," यद्यपि ये बलिदान तो व्यवस्थार अनुसार चेगा जाऊ आय। 9 फेर ये पने बोलु आय, दख मैं आयलि आचे, आय काजे तोर इच्दा पूरा करबी" अतः आय पहिलार के उठायी देउ आव, ताकि दुससरा के नियुक्त करोत। 10 हायं इच्छा ले हामी यीशु मसीह देहर गोटक ची हार बलिदान चेगायाबा ने पवित्र होयलु आचे। 11 हर गोटक याजक टिा उठी करी रेाजे सेवा करू आत, आवरी गोटकी प्रकारर बलिदान जोन पाप मन कबर पने दुर ना करके सके, गन-गन चेगाउ आत। 12 मातर ये मोन तो पापर बदला गोटक ची बलिदान सबु दाय काजे चेगाय करी परमेश्वरर भुजली बार जायी बसला, 13 आवरी आयं समय ले एतार बात जोह रायसी आचें, कि तार बहेर तार गोडर तलर पीढ़ी बना। 14 कसन बलले तिकर ले गोटक ची चेगाबार बाटले तिके जोन पवित्र करलार आचे, सबु दाय काजे सिद्ध करी देला आचे। 15 आवरी पवित्र आत्मा जने हामके ये ही गवाही देउ आय, कसन बलले तिकर ले पहिले बली रहे, 16 "प्रभु बोलु आय, कि जोन बाचा मैं आय नि मनर पाचे तिकरे बांदबी आय ये हाय कि "मैं अपनार नियम मन के तिकर ह्रदय उपर लिखबी आवरी मैं तिकर विवेक ने सगायबी।" 17 फेर हाय ये बोलु आय, मैं तिकर पाप मनके आंवरी तिकर अधरमर काम मनके फेर केबीही सुरता ना करबी।" 18 आवरी जेबे एकर क्षमा होयला आचे, तेबे फेर पापर बलिदान ना ना रहे। 19 आय काजे ये माइमन, जेबे हामी यीशुर लहुर बाटले हायं नुआं आवरी जीवते बाटले पवित्र जगादा ने होलवार काजे हियात होयला आचे, 20 जोन तिकर परदा माने अपनार शरीर ने होई करी, हामर काजे अभिषेक करला आचे, 21 आवरी आय काजे कि हामर असन महान याजक आय, जोन परमेश्वर घरर अधिकार आय, 22 तेबे आसा हामी सच्चा मन आवरी पूरा विश्वास संगे, आवरी विवेक दोष दुर करा काजे ह्रदय ने चीचलार देरी करी आवरी देह के शुद्ध पानी ले छुआयकरी परमेश्वर लगे जाहा। 23 आसा हामी अपनार आशार अंगीमार के दृढ़ता ले देरी रहुं, कसन बलले जहार े किरिया कायली आस, हाय सच्चा आय, 24 आवरी मया, आवरी अच्चा काम मन ने उस्कायबा काजे हामी एक-दूसरा चिंता करूं। 25 आवरी गोट दुसरा संगे से रूबार ना चाड़ा, जसन कि कतक लोकर रीति आय, मातर एक दूसरे के समाझायते रहा; आवरी जसन-जसन हाय दिन के लगे आयबार देखले असनी आवरी पने अधिक ये कराहा। 26 कसन बलले सच्चाई के चितायबार हासलि करबार बाद यदिहामी जान बुझी करी पाप करते रहेत, तेवे पाप मन काजे कोनी बलिदान बाकी निआय। 27 हां, दण्डर गोटक भयानक बार जोहाना आवरी जोयर जरायबार बाचला आचे जो विरोधिमन के भस्म करी देयसी। 28 जेबे गुसार व्यवस्था के ना मानबा बिता, दुई या तीनर तीनर गवाही ने, बिना गवाह मारा जाई आत, 29 तेबे विचार करा कि आय कतक आवरी जने अधिक दण्डर योग्य रहुआय, जोन परमेश्वर बेटा के गोट रमदला आवरी वाचार लहु के, जहार बाटले आही पवित्र. संगालार रहे, अपवित्र जाउ आय, आवरी अनुग्रहणर आत्मार अपमान करला। 30 कसन बलले हामी ताक जानु जोन बलला, पलआयबार मोर काय आय, मैं ची बदलाय देवी, आवरी फेर ये कि "परभु अपनार लोग मन के न्याय करू आय।" 31 जीवते परमेश्वर, हात मन ने दरबार भयानक गोट हाय। 32 मातर आय पीढ़ी बाटर दनिमन के सुरता करा, जोन तोन तो भी ज्योति पाट करी, दुखकर बडे़ झगड़ा ने स्थिर रलास। 33 केबे-केबे तो ये कि तो भी जीव आवरी कलेश सहुन्जर तमाश बनलास, आवरी केबे ये कि तो तिकर साझलर जहार दुदशा रकते रहेत। 34 कसन बलले तो भी कैदीमन दुख तोन जने दुख होयलास आवरी अपनार धनबान पनी हसीक ले चोर के देलास, ये जानीकरी की तोमर लगे गोटक आवरी जने सबले अच्चा सबु दाय रबा बिति संपति आचे। 35 आय काजे अपनार हिसाब ना चाड़ा कसन बलले तार प्रतिफल बड़े आय। 36 कसन बलले तोमके धीरज दरबार जरूरी आय ताकि परमेसरर इच्छा के पूरा करी तोमी प्रतिज्ञा फल पाहा। 37 ’कसन बलले अबर अधिक किडिखमा समय रही गला आचे, जेबे कि आयबा बीता आयसी आवरी देरी ना करसी। 38 मातर मोर धरमी लो विश्वास ले जीव रयबाय असवरी अगर आय पीढ़ी बोर जीबाय तेबे मोर मन तार ले हरिक ना हायेसी।" 39 मातर हामी गुचबा बिता नुआवं कि नाश होई जाओ मातर विश्वास करबा बिता आयं कि जीवमन के बाचाहा।