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मांतर आतमा साफ - साफ बलुआय की आयबा समेया ने कतक लोक भरमायबा आतमा मन, आवरी, दुष्ट आतमा मन गिआन ने मन लगाय करी विश्वास ले भटकी जीबाय। 2 असन हांय झूठा मुनुक मनर कपट र लागी होयसी, जाहार विवेक माना जोय धरबा लुआ ने भेदा गला आचे, 3 जोन बिआ करबा काजे थेबाय बाय, आवरी भोजर खिनिक तिज मनले अलगे रबार आगिया देबाय, जोनके माहापरभु ई काजे बनायला की विश्वासी आवरी सत जानबा लोक हांय मनके धन्यवाद संगे खाओत। 4 कसन की माहापरभुर बनायलार सबु तिज अच्छा आय, आवरी कोनी तिज ना धरबार लाईक निआय ; मांतर ये की धन्यवाद संगे खाओत 5 कसन कि माहापरभुर बचन आवरी पारतनार बाटले शुद्ध होउआय। 6 ए गोट सत आवरी सबु बाटले मानबालाईगर आय। 7 कसन की हांमी बुता आवरी कोशिश एतारी लागी करूआंव की हांमर आशा हांय जीव रउ माहापरभु उपरे आचे, जोन सबु मुनुकर आवरी निजे कारी विश्वासी मनर उद्धार करूआय। 8 ये गोट मनर आगिया देस आवरी सिकायते रा। 9 कोनी तोर जुवान उमर के घिनघीना ना समझोत; मांतर वचन, आवरी चाल-चलन आवरी मया, आवरी विश्वास, आवरी पवित्रता ने विश्वासी मन काजे मन भायबा बिता बनी जा। 10 जड़दायले मुंई ना जाईं, हड़कदायले तुय पड़के आवरी उपदेश देबाने आवरी सिकायबा ने मतभूल रा। 11 हांय बरदानर बाटले जोन तोर लगे आचे, आवरी भविष्य वाणीर बाटले प्राचीन मन र हाथे सोंगायबा दाय तोके मिरी रये जरूर ना रा। 12 ये गोट मन के बिचारते रा आवरी ई मनने आपना धीआन देई रा, कसन की तोर उन्नति सबु उपरे आओ। 13 आपनार आवरी आपना उपदेश के धियान दि करी सोंगाव। ए गोट मन ने स्थिर रा, कसन कि अगर असन करते रबिस तो तुय आपना सुनायबा लोक बले उद्धार र लागी होयबिस। 14 डोकरा लोक के ना झगड़ा कर, मांतर हांके बुआ जानी करी समझाय देस, आवरी जुआन मन के भाई जानी क कोनी री ; 15 डोकरी बायले मन के आया जानी करी: आवरी जुआन बायले मनके पुरा पवित्रताले बहिन जानी करी समझाय देस। 16 हांय विधवा मनर, जोन सते विधवा आत, (आदर) मान कर। अगर कोनी विधवार पिला नोयले नाती पोता आचेत, आले हाय पइले आपनार ची घरर संगे भक्तिर असन कर, आवरी आपना आया बुआ मन तिकर हक देबार सिखा, कसन कि ये माहापरभु के भाउआय।