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ए गोट सत आय कि जोन अध्यक्ष होयबार चाहउआय हांय अच्छा कामर इच्छा करूआय। 2 ए जरूरी आय की अध्यक्ष निरदोष, आवरी गोटकी बायलेर मुनूष, संयमी, सुशील, सभ्य, आयला लोक के इज्जत करबा बिता, आवरी सिखायबा ने निपुण होओ। 3 मोदहा नोयले मारबा पीटबा बिता ना होओ, मांतर ओगाय माने होओ, आवरी ना झगड़ा करबा बिता, आवरी ना धन के लालच करबा बिता हो। 4 आपना घरर इच्छा के पूरा करो, आवरी आपना पिला टोकी के सबु गंभीरता ले अधीन सोंगाओ। 5 जेबे कोनी आपनार ची घरर जुगाड़ करबार ना जाने, तो माहापरभुर कलीसिया र राका कसन करसी ? 6 पाचे ए की नुआ चेला ना होओ, असन ना होओ की अभिमान करी शैतान असन दण्ड पाओ। 7 आवरी बाहर र लोकमन लगे बले नाव खराब होओ, असन ना होओ की निन्दित होई करी शैतान र जाल ने फंसी जाओ। 8 असनी ची सेवक मन के बले गंभीर होयबार आचे, दुयरंग बिता, मोदहा आवरी नीच कमाई र लालच करू ना होओ ; 9 मांतर विश्वास र भेद के शुद्ध विवेक ले समाली सोगाओ। 10 आवरी ए बले पईले परखा जाओ, तेबे अगर निरदोष होयले तो सेवक र काम करो। 11 असनी चवी बायले मन के बले गंभीर होयबार आय; दोष लगायबा बीती ना होओं, मांतर चेत आवरी सबु गोट ने विश्वास लईगर होओ। 12 सेवक गोटकी ची बायलेर मुनुक होओ आवरी पिला टोकी आवरी आपनार अच्छा जुगाड़ करबार जानो। 13 कसन की जोन सेवक र काम अच्छा ले करके सकुआत, हांयमन आपना काजे अच्छा पद आवरी हांय विश्वास ने हजोन मसीह यीशु ने आचवे बड़े साहस के मिराउ आत 14 मय तोर लगे झटके आयबार आशा करले पने ए गोट मन के तोके ई काजे लिकबी आची ; 15 कि अगर मोर आयबा ने बेर होयले, तो तुय जान की माहापरभुर घर के जाने जीवता माहापरभुर कलीसिया आय आवरी जोन सतर सभा आवरी मुर आय, कसन बेवहारा करबार आय। 16 इति डाउट निआय की भक्ति र भेद गंभीर आय, जसन, हांय जोन गागर ने परकट होयला, आतमा ने धर्मी होयला सरग दुतमन के दका देलाः दूसरा जाति मनने तार परचार होयला, जग ने तार उपरे विश्वास कर लाय, आवरी महिमा ने उपरे उठाया गला।