7
ए गोटर र बारे ने जोन के तोमि लिकलास, ये मन आचे मुनुक बायले के ना छीओं | 2 मातर बेबिचार डर ले सबु मुनुकर बायले, आवरी सबु बायले र मुनूक रओ | 3 मुनूक आपना र बायले र हक के पूरा करो ; आवरी असनी ची बायले बले आपना र मुनूकर | 4 बायले के आपना र गागर उपरे अधिकार निआय मातर हांतार मुनुक कर अधिकार आचे; असनि ची मुनुक के बले आपनार गागर उपरे अधिकार निआय, मातर बायले र आय| 5 तोमि एक दुसर ले अलगे ना राहा ; मातर सिरिफ खिनिक मा दायले दुनोर मनले की परातना करबा काजे गोटक पाहार मिलो, आवरी पाचे गोटक संगे रहा, असन ना होओ की तोमर धीरज नोयबा लागी सयतान तोमाके परको | 6 मातर मय जोन ये बलु आंय ये अनुमती आय की आगेया आय | 7 मय असन चायबी आची की जसन मय आंय, आसनी ची सबु माने मन होओत ; मातर सबु के माहा परभू बाटले जरुरी- जरुरी बरदान मिरला आचे, कोनी के कोनी असन आवरी कोनी के कोनी दुसर असन | 8 मातर मय बिआ ना होयला आवरी राण्डी मनर बारे ने बलु आंय की तिकर काजे असनि ची रबार अच्छा आय, जसन मय आची | 9 मातर अगर हांय मन खुद ना रयके सकेत, तो बिआ करोत ; कसन की बिआ करबा र कामातुर रबा ले अच्छा आय | 10 जाहार बिआ होयला आचे, हांय मन के मय नाई मातर परभू र आगेया देऊ आय की बायले आपना र मुनूक ले अलग ना होओ - 11 आवरी अगर अलग होई गले बले, तो दूसरा बिआ ना करी रओत ;नोयले आपनार मुनुक संगे आवरी मिली रओ ना मुनूक आपनार बायले के छाड़ो | 12 दुसर मनके परभू नाई मातर मय ची बलबि आची, अगर कोनी भाई र बायले विश्वास ना करे आवरी तार संगे रबा काजे हरिक होयसी तो ताके ना छाड़ो | 13 जोन बायले र मुनूक विशवास ना करे, आवरी तार संगे रबा काजे हरिक ने आचे ; हांय मुनूक के ना छाड़ो | 14 कसन की असन मुनूक जोन विशवास ना करे, हांय बायले र लागी पवित्र होऊ आय ; आवरी असन बायले जोन विशवास ना करे, मुनूक र लागी पवित्र होऊ आय ; नोयले तोमर पिला -टोकी अशुद होयबाय, मातर अबर तो पवित्र आत | 15 मातर जोन मुनूक विशवास ना करे, अगर हांय अलग होऊ आय आले अलग होयके दिआस, असन हाल ने कोनी भाई नोयले बहिन बांधा निआत |माहा परभू हामके भेट -घाट होयबा काचे हाग देला आचे | 16 कसन की हे बायले, तुय काय जानिस की आपना र मुनूक र उधार कराय के सकीस ? आवरी हे मुनूक, तुय काय जानिस की तुय आपनार बायले र उधार कराय के सकीस ? 17 जसन परभू सबु के बाटला आचे, आवरी जसन माहा परभू सबु के हाग देला आचे, आसनी ची हांय मन चलोत | मय सबु कलीसिया मनके आसनी ची ठहराऊ आय | 18 जोन खतना करला र हाग दियाय गला आचे, हांय खतना रहित ना बनो | जोन खतना रहित हाग दिया गला आचे, हांय खतना ना कराओ | 19 ना खतना काई आय आवरी ना ना खतना रहित, मातर माहा परभू र आगिया मन के मानबा र ची सबु आय | 20 सबु जन जोन हाल ने हाग दिआय गला आत, हांई हाल ने रओत | 21 अगर तुय दास र हाल ने हाग दिआय गलि आस आले चिंता ना कर ; मातर अगर तुय आजाद होयके सकिस, तोआसनी ची काम कर | 22 कसन की जोन दासर हाल ने परभू हाग दिआय गला आचे, हांय परभू र आजाद कराय गला बिता आय |असनी ची जोन आजाद र हाल ने हाग दिया गला आचे, हांय मसीह र दास आय | 23 तमि पयसा देई करी घेना गला आस ; माने लोकर दास बना | 24 हे भाई मन, जोन कोनी जोन हाल ने हाग दिया गला आचे, हांय हांई थाने माहा परभू र संगे रओ | 25 कुवारी मन बारे ने परभू र काई आगेया मोके ना मिरे, मातर विशवास र लाईग र होयबा काचे जसन दया परभू मोर उपरे करला आचे, हातारी असन सहमती देऊ आंय | 26 मोर समझ ने ये अच्छा आय की आजी काली दुखर लागी, लोक मन जसन आत असनी ची रोओत | 27 अगर तोर बायले आय, तो हांतार अलग होयबार कोशिस ना कर | 28 मातर अगर तुय बिआ बले करबिस, तो पाप नुआय, अगर कुवारी बिआ होयसी तो काई पाप नुआय |मातर असन लोक के गागर र दुख होयसी, आवरी मय बाचाय बार चायबी आची | 29 यहे भाई मन, मय ए बलबि आची की समया कम करा गला आचे, हांई काचे होयबार आचे की जाहार बायले आचेत, हांय मन असन होओत जसन तिकर बायले नोआत ; 30 आवरी कांदबा लोक असन होओत, जसन ना कांदेत ; आवरी हरिक करबा लोक असन होओत, जसन हरिक ना करेत; आवरी घेनबा लोक असन होओत, जसन तिकर लगे काई आचे ची नाई | 31 आवरी ये जग संगे बेवार करबा लोक असन हओत की जग र चीना होई जाओत ; कसन की ये जगर निति आवरी बेवार बदलते रऊ आय | 32 जसन, मय ये चायबी आची की तोमके चिन्ता ना होओ | बिआ ना होयला मुनूक परभू र गोट र चिन्ता ने रऊ आय परभू के कसन हरिक ने सोंगायबू | 33 मातर बिआ होयला मुनूक जगर गोट मनर चिन्ता ने रऊ आय की आपना र बायले के कोन निति ले हरिक सोंगायसी | 34 बिआ होऊ आवरी बिआ ना होऊ मन ने बले फरक आचे : बिआ ना होऊ परभू र चिन्ता ने रऊ आय की हांय गागर आवरी आतमा दुनो ने पवित्र होओ, मातर बिआ होयला जगर चिन्ता ने रऊ आय की आपना र मुनूक के हरिक सोंगाओ | 35 मय ये गोट के तोमर ची लाभ काचे बलबी आची, ए नाई की फसायबा काचे, मातर हांई काचे की जसन सोभा देऊ आय असनी ची करा जाओ, की तोमि गोटक मन होई परभू र सेवा ने लगी राहा | 36 अगर कोनी ये समझ बात की आपनार हांय कुंवारी र हक के मारबी आची, जांहार जुआन ऊमर उतरसी आचे, आवरी जरूरत बले होओ, तो जसन चायले असन करोत, इति पाप निआय, हांय तार बिआ होयके देओ | 37 मातर जोन मन ने मजबूत रऊ आय, आवरी ताके जरूरत ना होओ, मातर आपनार मन ने अधिकार सोंगाओ, आवरी आपनार मन ने ये गोट के धरि रहो की हांय आपनार कुंवारी टोकी के बिआ ना करी सोंगायसी, हांय अच्छा करू आय ,| 38 हांई काचे जोन आपना कुंवारी र बिआ करी देऊ आय, हांय अच्छा करू आय, आवरी जोन बिआ ना करी देये, हांय आवरी बाले करू आय | 39 जेबे तक कोनी बायले र मुनूक जीव रऊ आय तेबे तक हांय हांतार संगे बांधी होयला आचे ;मातर अगर हांतार मुनूक मरि जायसी तो जांहार संगे चायल बिआ करके सके, मातर सिरिप परभू ने | 40 मातर जसं आय अगर उसनी ची रओ, तो मोर बिचार ने आवरी बाले धन्य आय; आवरी मय समझ बी आची की माहा परभू र आतमा मोर लगे पने आचे |