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हांय समेया ने हेरोदेस राजा र कलीसिया र कतक लोक मन के कन्द्रायबा काचे हांय मनर उपरे हाथ उठायलाय द्य 2 हांय यहुन्ना र भाई याकूब के खंडा ने माराय देला द्य 3 जड़ दाय हांय दकला की यहूदी लोक एतार ले हरिक होऊ आत तो हांय पतरस के धरला द्यहांय दीने अखमिरी र रोटी र दींन रये द्य 4 हांय हाके धरी करी बंदी घर ने सोंगाय लाय आवरी चार चार पलटन र चार पाहार ने सोंगाय लायय हांय बिचार ले की कटनी र’पाचे हाके लोकर छमे आनलाय द्य 5 बंदी घरे पतरस बंद रयेय मातर कलिसीया हातार काचे मन लगाय करी माहा परभु ले पारतना करते रये द्य 6 जड़ दाय हेरोदेस हांके लोकर छमे आनबा काचे रयेए हाई राती ने पतरस दुयटा सिकरा ने बंदी रला दुयटा पलटन र मंजी गता सोयते रयेय आवरी राका रऊ मन दुआरे बंदी घर र राका करते रयेत द्य 7 तेबे दकाए परभु र गोटक सरग दूत आसी करी ठिया उठला आवरी हांय बाकरा ने उजर होयलाए आवरी हांय पतरस र पांजरा ने हाथ मारी करी ताके उठायला आवरी बललाए श् उठ झपके कर द्यश् आवरी हातार हाथ ले सिकरा हिटी करी घसरी गला द्य 8 तेबे सरग दूत हाके बलला ष्आटा के बांदए आवरी आपना र पनही पीन्द द्यश् हांय सनी ची करला द्यआवरी हांय हाके बललाए श् आपना र पटई पिंदी करी मोर पीटी बाटे हो द्यश् 9 हांय निसकी करी हातार पिटी बाटे होयलाय मातर ये ना जानते रये की जोन काई सरग दूत करसी आचे हांय सत आयए मातर ये समझला की मुय दर्शन दकबी आची द्य 10 तेबे हांय पईले आवरी दुसर पाहार ले निसकी करी हांय लुआ र कपाट ने पहुचला जोन सहर बाटे आय द्यहांय हातार काचे आपनी ची खुली गलाए आवरी हांय निसकी करी गोटक ची खोरी ने गलाय द्य 11 जड़ दाय पतरस जाग्रत होई करी बल्लाए श् हेबे मुय सत के जानली आची की परबू आपनार सरग दूत पटाय करी हेरोदेसर हात ले बचाएला आवरी येहुदियार सबू आशा तुटाय देला द्य 12 हे जानी करी हाय येहुनार आया मरियमर घरे आयलाए जोंन मरकुस बलाय अऊ हाय आंय कुबे लोक कूड़ा होई करी पारतना करते रयेत 13 जड़दाय हाय कपाटर कीडकी ठटायला रुदे नावर गोटक दासी दक बाकाजे आयलाद्य 14 पतरस शब्द चिताय करी हाय हरिक ने भरी ना हुगाडलाए मातर पराय करी बितरे गला आवरी सांगला की पतरस बाटे ठिया आचेत द्य 15 हांय मन ताके बललायए ष् तूय बोया होयली आस द्यश्मातर ये बरसक ले बलला की असनी ची आय तेबे हांय मन बललायए श् हातार सरग दूत होयसी द्यश् 16 मातर पतरस ठटायते ची रला मातर हांय मन खिड़की उगाड़ीए आवरी हाके दकी करी टटका रई गलाय द्य 17 तेबे हांय तिके हाथ ले सयगा देला की ओगाय रारू आवरी हाके सागला की परभु कोनी नीती ले हाके जेल घर ले निकराय आनला आचे द्यआवरी बललाएश् श् याकूब आवरी भाई मन के ये गोट सांगी देस द्यश् तेबे निकरी करी दुसरा जगा ने गला द्य 18 सकरेया पलटन मन बड़े कोल्हार होयला की पतरस के होयला द्य 19 जड़ दे हेरोदेस हातार खोज करला आवरी ना पायलाए तेबे पाहरा करू मनर जाची करी आगेया देला की हांय मन मारा जाओत आवरी हांय यहुदीया के छाड़ी करी केसरिया ने जाई करी रला द्य 20 हेरोदेस सुर आवरी सैदा र लोक ले खूबे मुरमुरा रये द्यई काचे ये मन गोटक चीत होई करी हातार लगे आयलाय आवरी बलास्तुस र जोन राजा र गोटक काम करू’रयेए मानाय करी मिसबा काचे चाह्यते रयेय कसन की राजा र देश ले तिकर देश र पालबा पोसबार होयते रये द्य 21 ठेबाय लार दींन ने हेरोदेस राज फटीई पिंदी करी सिहासन उपरे बसलाए आवरी तिके भासन देयके धरला द्य 22 तेबे लोक बललायए श् ये तो मुनूक र नुआय ईश्वर र शब्द आय द्यश् 23 अड़की दाय परभु र गोटक सरग दूत तुरते हाके मारलाए कसन की हांय माहा परभु के महिमा ना देलाय आवरी हांय कीड़ा पड़ी मरी गला द्य 24 मातर माहा परभु र बचन बाड़ते आवरी फयलते गला द्य 25 जड़ दाय बरन बास आवरी साउल आपना सेवा के पूरा करलाय तेबे युहन्ना के संगे धरी करी यरुशेलम ले बाहाड़ लाय द्य