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आवरी पेरेरित मन आवरी भाई मन जोन यहुदीया ने रयेत दुसर जाती र लोक बले माहा परभु र बचन के बले मानबा आत द्य 2 मातर जड़ दाय पतरस यरुशेलम ने आयलाए तो खतना करला लोक हाके बाद बिबाद करके धरलायए 3 श्तुय खतना ना करला लोक थाने जाई करी तिकर संगे खायलिस द्यश् 4 तेबे पतरस तिके सुरु ले करमांक अनुसार बली सुनायलारू 5 श्मुय याफा नगर ने पारतना करते रईए आवरी बेशुद होई करी गोटक दरसन दकली की गोटक पात्र बड़े चदर असन चारो कोना ले ओराय होईए बादरी ले उतरी करी मोर लगे आयला द्य 6 जड़ दाय मुय हातार उपरे धिआन करलीए तेबे हांय थाने धरतनी र चार गोड़ेया आवरी झार पशु आवरी रंगबा बिता जन्तु आवरी बादरी र छेड़े दकलीय 7 आवरी हांय शब्द बले सुनलीए श् हे पतरस उठ मार आवरी खा द्यश् 8 मुय बललीए श् नाई परभु नाईय कसन की कोनी अपबितर नोयले अशुद तीज मोर टोंड ने केबी ना गला द्यश् 9 हातार जबाब ने बादरी ले दुसर हार शब्द होयलाए श् जोन काई माहा परभु ने शुद ठेबायला आचेए हाके अशुद ना बल द्य 10 तिन हार असनी ची होयलाय तेबे सबु काई आवरी बादरी ने झीका गला द्य 11 आवरी दकाए तुरते तिन मुनूक जोन केसरिया ले मोर लगे पटाय रयेतए हांय घर उपरे हामी रबूए आई ठिया होयलाय द्य 12 तेबे आतमा मोके तिकर संगे डाउट नोलार होयबा काचे बललाए आवरी ये छय भाई बले मोर संगे आसला आतय आवरी हामी हांय मनुक र घरे गलू द्य 13 हांय हामके सांगलाए की हांय गोटक सरग दूत के आपना घर ने ठिया होयलार दकलाए जोन हाके बललाए श् याफाने मुनूक पटाय करी शमोन के जोन पतरस बलाय होऊ आयए हाग देस द्य 14 हांय तोमके असन गोट बलसीए जाहार बाटले तूय आवरी तोर सबू घराना उधार पायसी द्यश् 15 जड़ दाय मूय गोटायते रलीए तेबे पबितर आतमा हांय उपरे हांय नीती ले उतरला जोन नीती ले मुर ने हामर उपरे उतरला द्य 16 तेबे मोके परभु र ये वचन सुरता आयलाय जोन हांय बली रयेए श् यहुन्ना तो पानी ले बपतिस्मा देलाए मातर तोमि पबितर आतमा ले बपतिस्मा पायबास द्यश्’ 17 मातर जड़ दाय माहा परभु तिके बले ई दान देलाए जोन हामके परभु यीशु मसीह र बिसबास करबा के मिरला आचेय तेबे मूय कोन रई जोन माहा परभु के थेबायके सकती घ्श् 18 ये सूनी करी हांय मन ओगाय होई रयेतएआवरी माहा परभु र बड़ाई करी बलके धरलायए श् दुसरा जाति र बले जीव काचे मन बाहाड़ाओर दान दीआसए द्यश् 19 जोन लोक हांय दंडर लागी जोन सिस्तफनूस र लागी बाड़ी रयेए जत खत होई गलायए’हांय मन बुलते बुलते फिनेख आवरी साईंप्रस आवरी ह्न्ताकिया ने पहुचलायय मातर यहूदी मन के छाड़ी कोनी आवरी के बचन ना सुनायते रयेत द्य 20 मातर ये थानले काई साईंफ्रस वासी आवरी कुरेनी रयेतए जोन अन्ताकिया ने आई करी यूनानी ने बले परभु यीशु र सुसमाचार र गोट सुनायके धरलाय द्य 21 परभु र हाथ तिकर उपरे रयेए आवरी खुबे लोक बिसबास करी परभु बाटे बाहाड़लाय द्य 22 जड़ दाय हातार गोट यरुशेलम र कलीसीया ने सूना आयलाए तेबे हांय मन भरन बॉस के अन्ताकिया ने पटायलाय द्य 23 हांय हायती पहुची करी आवरी माहा परभु र अनुगरह के द्की करी हरिक होयला आवरी सबू के उपदेस देला की तन मन देई करी परभु संगे मिली राहा द्य 24 हांय गोटक मुनूक रयेए आवरी पबितर आतमा आवरी बिसबास लेभरी रयेय आवरी दुसर लोक खुबे आसी परभु ने मिसलाय द्य 25 तेबे हांय शाहुल के डगरायबा काचे तरसुस ने गला द्य 26 जड़ दाय हांय ताके भेटला तेबे हांय अन्तेकिया आनलाय आवरी असन होयला की हांय मन गोटक बरस कलिसीया र संगे भेट के आवरी खूबे लोक के उपदेस देयते रयेय आवरी चेला सबू ले पईले अन्तेकिया ची ने मसीह बलाय गला द्य 27 हांय दींन ने कतक अगम गिआनी येरुशेलम ले अन्तेकिया आसलाय द्य 28 हांय मन ले अदबुस’नावर गोटक ठिया उठी करी आतमा र पेरडा ले ये सागला की सबू सोसार ने भूक पड्सी आवरी हांय भूक क्लोंदीयुस र समेया ने पड़ला द्य 29 तेबे चेला मन बिचार करलाय की सबू लोक आपना आपना र पूंजी र असन यहुदीया ने रबा भाई मन र सायता काचे काई पटाहां द्य 30 हांय मन असनी ची करलाय आवरी बरन बास आवरी साउल र हाथ जूना’र लगे काई पटाय देलाय द्य