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हनन्याह नामर गोटक माने आउरी हातार बायलेए सफिरा खिनिकमा जमीन के बिकलाय द्य 2 आवरी हाय बिकला पैसा ले खिनिकमा पैसा के अलगायला आउरी ए गोट के हातार बायले बले जानते रये आउरी तार पैसार खिनिक मा पैसा आनी करी पेरितोर गोडर छमे सोगयदेलाद्य 3 पतरस बोलला हे हनन्याह! सैतान तोर मन ने ए गोट के काय काचे सोंगायला की तुम पवित्र आत्मा के ठगलीस आउरी जमीन बिकला पैसा ले खिनिकमा सोगाय रलीसद्य 4 जडदयाले हाय तोर रगे रलाए के तोर न रलाघ् आउरी जेबे बिकाय होयला तो काय तोर गोट धरी न रहेघ् तुम ये गोट के तोर मनने कसन बिचारलिसघ् तुम मने मानले नाईए मातर महापरभु के झूठ गोटयलिस आसद्य 5 ये गोट के सुनते खन हनन्याह घसरला आउरी जीव के छाडी देलाए आउरी सबु सुनबा लोग उपरे तिकर डर खायलाद्य 6 पाचे जुआन लोग उठी करी तार टरण्ठी बनायलाय आउरी बाहरे नेई टोपी देलायद्य 7 डण्डक रई तिन घंटार पाचे हातार बायले जोन काईन होई रहे बलिकारी भीतरे आयलाद्य 8 तेबे पतरस हाके बोललाए मोके सांग काय तुय हाय जमीन के अतकिने बिकी रहिसघ् हाय बोलला हव अतकी नेद्य 9 पतरस हाके बोललाए ये कसन गोट आयेए ताकी तोमि दुनो परभुर ल आत्मा के परीक्षा ने आनबा काचे एक करलाघ्दख तोर मुनुस के भारी तोपबा लोग बाटे ची ठिया आचेतए आवरी टोके बले बाहरे नेबा 10 तेबे हाय अडकी दाय तार गोड लगे धसरी करी पाव पडलाए आवरी मरी गलाए आवरी जुआन लोग भीतरे जाई ताके मोरला हालने दकलाय आउरी बाहरे नेई करी तार मुनुस लगे माटी ने तो पलायेद्य 11 सबु विश्वासी लोग ने आवरी ए सबु गोट के गोटाये बा लोग उपरे सबु के डर लागला 12 पेरितोर हाथ लोग मन के मजी ने होयते रहेएआवरी चमत्करी काम जुट होई करी सुमेमानर जगा ने एक संगे मिलते रहतेद्य 13 मातर दूसरा मनके कोनी के बल ये ताकत ना आयते रहें की तिकर संगे जाई तिके मिलके सकताय तेबले बले लोग मन तिकर नाम धराएए करते रहेतद्य 14 विश्वास करबा खुबे माने आवरी बायले परभू कलीसिया ने द्य 15 असन बले होयते रहे की लोग मन के बिमारी लोक के सडाक ने आनी करीए खटिया उटीया ने सुआय देयते रहेत कसन बलले जडदाय पतरस आयले तार छाए बाले हाय लोक मनर उपरे पड़ोद्य 16 यरूशलेम लगे लगेर गाव नगर मनले बले खुबे लोग बिमारी ने पडला लोग आवरी देव भुत धरला लोग के आनी आनी रुंडा होयते रहेतएआवरी सबु अच्छा होई जायते रहतेद्य 17 तेबे महाराज आवरी तारस संघवरी न जोन चौकीदार काम करबा आचेत रिस ने भरी गलाएद्य 18 आवरी पेरितो मन के धरी करी कारागार ने ढापी देलाएद्य 19 मातर करी बेरी परभूर गोटक सरगदूत कारा गारारबाट के उगाडी करी हायमन के बाहरे आनि करी बोललाद्य 20 जाहाँ मन्दिर ने ठिया उठी करी यर जीवन र सबु गोट के लोग मन के सुनाहा द्य 21 हाय मन के गोट के सुनिकरी संझ होएत खन मन्दिर ने जाई करी उपदेस सुनायके मुराय लायद्य 22 तेबे महाराजा आवरी तार संगर लोक आई कारी तिकर बसला सभा आवरी इजरायली मनर सब जुना लोक के गोट्क लगे हाग देलायए आवरी कारगार ने बोललाय की हायमन के आनोतद्य 23 हामी कारागार के खुबे ध्यानले बन्द करलार आवरी राकार बा लोक बहारे ठिया दकलू मातर जड दाय उगाड़लुए तेबे भीतरे दकबा के भीतरे कोनी बले ना रलायेद्य 24 जड़ दाय मन्दिर सरदार आबरी हायतीर राजा मन ये गोट सुनलायएतेबे तिकर काचे सोची करी खुबे चिंता ने पड़ी गलाय ए सोची करी की हाय मन कसन होयलायद्य 25 अतकी ने कौन तो आई करी हाय मनके सांगले दखा जाके तोभी कारागार ने बंद करी सोगायएरहायए हाय मुनुक मन्दिर ने ठिया उठला लोक के संदेश सुनायसी आचेद्य 26 तेबे सरदार तिकर लोग संगे जाई करीएहाय मन के धरी आनला मातर दम दकाय करिनाईए कसन बलले हाय मन के डरते रहेतए ये सोची करी लोक मन हमरए उपरे पोकना संगे ना मारोत बलीद्य 27 हाय मन तिके आनीकारी माहाराजा लगे दिया करी देलाये तेबे माहाराजा हाय मनके पूछालाद्य 28 काय हामी तोमके आगे संगी करी ये आगिया ना देई रली तोमि नामले उपदेश ना दियास बलीघ् तबले बले दाखांए तोभी सबु यरुसलेम के तोमर उपदेश ले भरी देलाआस आवरी हाय माने लहू हामर टोंडरा उपरे आनबार चाहेबासद्य 29 तेबे पतरस आउरी दूसरा पेरितोमन पाने उत्तर देलय मुनुक मनर आगियाले बड़ी करी महापरभुर आगिया के मानबा ही हामर बड़े काम आयद्य 30 हामर बुआ दादा मनर महापरभुची यीशु के जियायलाय जोन के टोमी क्रूस ने लटकाय करी मारी रंहासद्य 31 हाकीची महापरभु परभू आउरी उधारकर्ता बानाय करी तार बुजनी हाथ लगे उपरे उठायला तेबे हाय इसराइलियो मन के मन बदलायबार सक्ति आउरी पाप मनर छमा हामके देखोद्य 32 हामी ये सबु गोटर गवाह आब आउरी आसनीची पवित्र आत्मा बले जोनके महापरभु हायमनके देला जोनकी तार आगिया के मानुआतद्य 33 ये सुनी करी हाय मन चरकी गलाय आउरी हाय मनके मारबा काचे होईद्य 34 मातर गमलियेल नामर गोटके फरीसी जोन की व्यस्थापक आउरी सबु लोगने मानबा बीता रहे न्याय करबा धरे ठिया रही करी परितो मनके दण्ड काचे बाहरे निकरायबा अगिया देलाद्य 35 तेबे हाय बोलला ये इस्रालियो तोमी जोन कुछ ये मनले करबार चाहेबा आस सोची समाहिसकारी कराद्य 36 कसन बलले ये दिन ले पहले थियुदास ये बली बली उठला की मै बले काई आये आवरी कोनि चार सौ माने तार संगे मिसलायेए मातर हाय मरी गला आवरीं जतक ताके मानते रहेतएसबु तितर बितर होयलाय आवरी मीठी गलायेद्य 37 हातार पाचे नाम लिखला दिन ने यहूदा गलीली उठलाए आवरी कतक लोक अपना बाटे करी हाय पाने नस्ट होई गला आवरी जतक लोग तिगे मानते रहेत एसबु हेने हाने हाई गलायद्य 38 हाई काचे अबर मै तोमके संगबी आची असन लोग ले दूर ही दूर रहा आवरी ये मन ले काई बले काम ना सोंगाहायअगर धर्म नोयले काई काम मुनुक बाटले होयसि तो हाय मीठी जायसी द्य 39 मातर महापरभू बाटले आचे आले तो टोमी हाके केबी पने मीठा यके ना सकासद्यकेबी असन ना होओं की टोमी महापरभू संगे बले लडका बीता ना ठहारा द्य 40 तेबे हाय मन तिकर गोट के मानलय आवरी पेरितो मनकेहाग देइ करी मारायलाय आवरी हाय आदेश देई करी छाडी देलाय की यीशुर नाम ले पाचे कोनी गोट ना गोटा ओतद्य 41 हाय मन हाय गोटले धरिक होई करी महासभार छमले जायते गलाये की धामी तार नार काचे अपमान बले होयेबर योग्य तोरलू द्य 42 हाय मन रोजे मन्दिर ने आवरी घरे घरे उपदेश देयके आवरी ये गोटर सुसमाचार सुनायले की येशु ची मसीह आय ना ठेबाद्य