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जिबा दाय हाय गोटक मुनूक के दकला जोन जनम ले काना रये | 2 हातार चेला मन हाके पचारलाय, “हे रब्बी, कोन पाप करी रये की ये काना जनमला, ये मुनूक की हातार आया बुआ?” 3 यीशु जवाब देला, “ना तो ये पाप करी रये, ना एतार आया बुआ; मातर ये इकाजे होयला की महापरबू र काम एथाने दका देओ | 4 जोन मोके पटायला आचे, हामके हातार काम दिन ची दिन ने करबार जरुरी आय; हाय राती आयसी आचे जोंटी कोणी काम करके ना सकेत | 5 जड़दाय ले मूय सवसार ने आची, तेबे तक मुय सवसार र उजर आय” 6 . ये बोलिकरी हाय भुई ने थुकला, आवरी हाय थूक केमाटीसंगेमिसायला, आवरी हाय माटी हाय काना र आकी ने लगायकरी 7 हाके बलला,जा शीलोह र कुंड ने धोई हो” (शथ‘पटायलारहाय”)|आय जायिकरी धोयला आवरी दखते बहाड़ी आयलाय | 8 तेबे पड़ोसी आवरी जोन मन आगे ताके बीक मांग बा दायदकी रहेत ,बोलके मुरायलाय , “काय ऐ हांय नुआय,जोन बसी करी भिक मांगते रये ?” 9 कोनी कोनी बललाय, “ ये हाई आय,” आवरी उजवा बलला,” नाई, मातर एतार ची असन आय,” हांय बलला, “ मुय हाई आय |” 10 तेबे हांय मन ताके पचारके मुराय लाय, “तोर आकी कसन ने उगाड़ी होयला ?” 11 . हांय तिके जबाब देला, “ यीशु नावर गोटक माने थूक संगे माटी के चटकला; आवरी मोर आकी ने लगायला आवरी मोके बलला, ‘सिलोह ने जाई करी धोई हो; मातर: मुय गली आवरी धोयली आवरी दकके मुरायली |” 12 हांय मन ताके पचारलाय, “ हांय कोन लगे आचे ?” हांय बलला, “ मुय ना जानी | 13 लोक हाके जोन आगे आंधा रये,फरिसी मन कटा नेलाय | 14 जोन दीने हांय माटी के चटकी करी तार आकी के उगाड़ी रये हांय हफ्ता र दीन रये | 15 आवरी फरिसी मन पने ताके पचार लाय की हातार आकी कसन ने उगाड़ी होयला |हांय तिके बलला, “ हांय मोर आकी ने माटी चटकी करी लगायला; आवरी मुय धोई होयली; आवरी मुय तेबे दकबी आची |” 16 ये थाने कोनी कोनी फरिसी मन बलके मुराय लाय,”ये माने माहा परभू र बाटले नाई; कसन बलले हांय हफ्ता र दीन के ना माने |” आवरी उजवा बलला, “पापी माने असन चीना कसन करी दकाय के सके मातर: हांय थाने धरा धरी होई गलाय | 17 हांय मन आय आंधा ले पचार लाय,” हांय तोर आकी के उगाडला आचे |तूय तार बारे ने काय बलबी आस ?” हांय बलला, “ हांय अगम गिआनी आय | 18 मातर यहूदी मन के बिसबास ना लागला की ये आंधा रये आवरी सबू के दकते रये, जड़ दाय ले हातार, जाहार आकी उगाड़ी होई रये, तार आया बाबा हाग देई करी 19 हांय मनके पचार लाय, “ काय ये तोमर बेटा आय, जोनके बलते राहास की आंधा जनमला आचे ?तो अबर कसन ने दकसी आचे ? “ 20 हातार आया बाबा मन जबाब देलाय, “ हामी तो जानबु आचू की ये हामर बेटा आय, आवरी आंधा जनमी रये; 21 मातर हामी ये ना जानू की अबर कसन ने दकसी आचे, आवरी ना जानू की कोन एतार आकी के उगाड़ला; हांय चमत कारी आय ताके ची पचारा; हांय आपना र बारे ने खुद शाकी देसी,” 22 ये गोट के हातार आया बाबा हांय काचे बललाय की यहूदी मन के डरते रयेत, कसन बलले यहूदा मन गोटक मन होई करी रयेत की कोनी बलबाय की मुय मसीह आय, तो पारतना गुड़ी ले निकराय देबाय | 23 हांय काचे हातार आया बाबा मन बललाय हांय कोन आय आले ताके ची पचारा |” 24 तेबे हांय मन हांय माने के जोन आंधा रये दुसरा हार आवरी हाग देई करी बललाय, “माहा परभू र गीत गाहा भजन कर हामी तो जानू की हांय माने पापी आय | “ 25 हांय तिके बलला,” मुय ना जानी की हांय पापी आय की नूआय; मुय गोट के जानी की मुय आंधा रई मातर अबर दकबी आची |” 26 हांय मन ताके आवरी बललाय “पचार ला,”की हांय तोर संगे काय करला ? आवरी कसन करी तोर आकी के दकायला |” 27 हांय तिके बलला, “ मुय तो तोमके सांगी सरायली, आवरी तोमि नता ची सुनास; आवरी दुसरा हार आवरी काय काचे सांगायके बलबा आस ?काय तोमि पने तार चेला होयबार डगरायबा आस ? “ 28 तेबे हांय मन घिन घिना गेत गेता बली करी बललाय, “ तूय ची तार चेला आस, हामी तो मुसा र चेला आव | 29 हामी जानू की माहा परभू मुसा संगे गोटायला; मातर ये माने के ना जानू की ये कोंतिर र आय |” 30 हांय हांय मन के जबाब देला, “ ये तो भोकवा होयबा गोट आय की तोमि ना जानास की ये कोंतिर आय, तेबे पने मोर आकी के उगाड़ी देला | 31 हामी जानबु आचू की माहा परभू पापी मनर ना सुने मातर कोनी पने माहा परभू र सेवा कारी होओं आवरी हातार मन ने ना हिंडे हांय, तेबे हांय हातार सुनु आय | 32 सोसार सुरु ले आय सुनके केबी ना आयला की जनम र आंधार र आकी उगाड़ी देओ | 33 " हांय मन ताके जबाब देलाय, ""तुय तो बिलकुल पाप ने जनमली आस, तुय हामके काय सिकायबी आस ?""आवरी हांय मन ताके बाहरे निकराय देलाय |" 34 "यीशु सुनला की हांय मन ताके बाहरे निकराय देला आत, आवरी जड़ दाय हातार संगे भेट होयलाअगर हांय मुनूक माहा परभु बाटले ना होयता, तो काई बले ना करके सकता |""" 35 "य तो बललाय, "" काय तुय माहा परभुर बेटा उपरे विशवास करबी आस ?""" 36 "हांय जबाब देला, ""हे परभु हांय कोन आय, की मुय तार उपरे विशवास करबी ?""" 37 "यीशु ताके बलला,""तुय ताके दकली बले आस, आवरी जोन तोर संगे गोटायसी आचे हांय ई आय |""" 38 "हांय बलला, ""हे परभु, मुय विशवास करबी आची |""आवरी ताके दंडवत करला |" 39 "तेबे यीशु बलला, ""मुय ये जगत ने निआय काचे आयली आची, कसन की जोन ना दकेत हांय मन दकोत, आवरी जोन द्कुआत हांय मन काना होई जाओत |""" 40 "जोन फरिसी मन तार संगे रयेत हांय मन ये गोट मनके सूनी करी ताके बललाय, ""काय हामी बले काना आव ?""" 41 "यीशु ताके बलला, ""अगर तोमी काना होयतास तो पापी ना होयतास; मातर अबरबलबा आस की हामी दकु आव, ई काचे तोमर पाप बनी रऊ आय |"