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यीशु आवरी तरीईर रेटे उपदेस देए के मुराए ला आवरी असन बड़े भीड़ आंतार लगे कूड़ा होएलाए की हांय तरीई ने गोटक डोंगा ताने चेजी करी बोसला, आवरी सबु भीड़ भुए ने तरिर रेटे टिया उठी रहेत| 2 आवरी हांय मन के कह्का ने खुबे गोटके सिखाय के मुराए ला, आवरी अपनार उपदेस ने हांय मान के बल्ला, 3 “सूना| गोटल बुनबा बीता जीज बुनके निकर ला| 4 बुनबा दाय कतक बाट रेटे गसर ला आवरी छेड़े मन आई करी आंके खायलाय| 5 कतक पकना माटी ताने गसर ला जोन्ति ताके खुबे माटी ना मिरला, आवरी खुबे माटी ना रबार लागी जटके अकरला, 6 आवरी जड़दाय बेर उदला तेबे सुकी गला, आवरी चेयर ना दर बार लाकी सुकी गला| 7 जतक लाटा पुटा ने गसर ला, आवरी लाटा बूटा बाड़ी करी चेपाए ला, आवरी हांय फक ना दरला| 8 मतर कतक बीजा अच्छा भुए ने गसर ला, आवरी हांय अंकर ला आवरी बाड़ला खुबे दरला; आवरी कोनी तिस गुना, कोनी साट गुना आवरी कोनी सौ गुना फाक दरला|” 9 तेबे हांय बल्ला, “ जहांर लगे सुनबा कजे कान आच्छे, हांय सुनोत|” 10 जड़दाय हांय एक्ला रला तेबे आंतार संगवारी मन हांय बाराहा लोक संगे हांके ऐ कहकार अरथ के पचार लाए| 11 हांय तीके बल्ला, “ तुमके महापरुर राजर बेधर ज्ञान मिरला आचे, मतर दुसर लोक काजे सबु गोट कह्का ने सांगु आय| 12 एइकजे आयमन दकबा आत मतर ना दकबा आत आवरी तीके समझ निहाए आवरी सुनबा कजे सुनबा आत मतर ना समझ बा आत; असन ना अहो की आयमन बाहाड़ोत, आवरी क्षमा पावत|” 13 आवरी तीके बल्ला, “ काय तमी ऐ कहकार अरथ के ना समझास? तेबे आउर सबु कह्का मन कसन करी समझ बास? 14 बुनू बीता महापरुर बचन के बुनू आय| 15 जोन बाट रेटर आय जोन ताने बचन बुनुआत ऐ हांय आय की जड़दाय हांय मन सुनलाये, तेबे सैतान अडकी ची दाय आसी करी बचन के जोन बुनी रलाय, उठाय करी नेहू आय| 16 असनी ची जोन पोकना कूड़ा भुए ने बुनुआत ऐ मन हांयआत जोन बचन के सुनीकरी अडकी ची दाय अरिक ने अपनावात्त| 17 मतर अपनार बितरे चेयर ना रबार लागी हांयमन किंडीक मा दिन कजे रुरात एतार पाचे जड़दाय बचन लागीकारी तीकर उपरे दण्ड देई कंदराए बा दाए, तेबे आयमन अडकी ची दाय चाड़ी देऊ आत| 18 जोन लाटा बूटा बितरे बुनलार हांयमन आत जोन मन बचन सुनलाए, 19 आवरी संसारर चिंता, आवरी धनर, आवरी दूसरा तीजर लोक तिकर बितरे बचन के चेपाऊ आय आवरी हांय फल न दरे| 20 आवरी जोन अच्छा बुए ने बनला आत, यमन हांय आत जोन बचन सुनी करी अपनाऊ आत फल आनु आत; कोनी तिस गुना, कोनी साट गुना कोनी सो गुना|” 21 हांय तीके बल्ला, “ काय दीया के इक्जे आनुआत की डेन्गे काय कटियार तले सोंगाये बा कजे? 22 कसन बल्ले कांई तीज ना लुक्ला आचे मतर एतारी कजे आचे की दका देओं; आवरी ना कांई लुक्ला आचे, मतर एईकजे आय की दका देओं| 23 आवरी कांहरू लगे कान आचे आले तो आयमन सुनोत|” 24 आवरी हांय तीके बल्ला, दियान देई राहा काय सुनबा आस| जोन नाप ले तमी नापु आस आयची ताने तमर कजे बल्ले नापा जायसी, आवरी तमके खुबे देईसी| 25 कसन बल्ले जाहांर लगे आचे, आंके मिरसी आवरी जाहार लगें निआए, आयमन ले हांके बल्ले जोन तीकर लगे आचे, दरा जायसी| 26 आवरी हांय बल्ला, “ महापरुर राज असन आय, जसन कोनी माने भुए ने बीजा के बिकरू आय, 27 आवरी रात बेरा सोएला आवरी मजने उठला, आवरी हांय बीजा सन अंकर ला आवरी बाडला की ताके जानी ना होएला| 28 धरतनी अपना बटले फल आनु आय आगे गाजा, तेबे खेड़, आवरी तेबे खेड़ ने तियार बीजा| 29 मतर जड़दाय धान पाकुआय तेबे आंय तुरते काटू आय, कसन बल्ले काट बा दिन पहुँच ला आचे सर्सुन 30 आवरी हांय बल्ला, “ हामी महापरुर राज के कांहर संगे कटारबू आवरी कोन कह्का ले सान्ग्बू? 31 ऐ सुर्सून बीजा असन आय; जड़दाय बुनू आत तेबे भुएर सबु बीजा ले सुरुहोऊ आय| 32 मतर जड़दाय बुनू आत, अंकरी करी सबु साग बाजी ले बड़े हुआए, आवरी आंतार असन बड़े खेंदा निकरू आय की बादरीर छेड़े मन आंतर छाये ने बसु आत|” 33 हांय तीके असन परकार खुबे कह्का सांगी सांगी करी तिके समझ मा असन सुनायते रहे, 34 आवरी कह्का ना नोएलार कांई बले ना सांगते रय; मतर एकला रला दाय हांय अपनार खुदर चेला मन के सबु गोटर अरथ के सांगते रहे| 35 हांय दिने ची जड़दाय संग होएला तेबे हांय चेला मन के बल्ला, “ आसा हामी हांय पाक जो |” 36 आवरी हांय भीड़ के छाडी करी जसन हांय रये असनी ची ताके डोंगा ने संगे नेलाए; आवरी तार संगे आउर बल्ले डोंगा मन रये | 37 तेबे बड़े लेहरा धुका आयला, आवरी हल्का डोंगा थाने असन पायते रये कि हांय पानी ने बुढ़ते रये | 38 मातर हांय अपनार डोंगार पिटी बाटे गदी ने सोयते रये | तेबे हांयमन ताके चेताय करी हांके बललाय, “ हे गुरु काय तोके चिंता निआय कि हामी नास होयबू आचू ?” 39 तेबे हांय उठी करी लेहरा धुका के कच काय ला आवरी पानी के बल्ला, “ होगाय रा, थेब |” आवरी लेहरा धुका थेबला आवरी एक दम चीम चाम होयला; 40 आवरी तीके बलला, “तमी काय कजे डरबा आस? काय तमके ऐबले बिसबास निआय ?” 41 हांयमन खुबे डरलाय आवरी मिसी करी गोटाय लाय, “ ऐ कोन आय कि लेहरा धुका आवरी पानी बले ऐतार गोट के मानु आत ?”