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फरिसीमन आवरी सदुकीमन लगे आसीकरी ताके जानबाकाजे ताकेबललाय,“ हामके सरगर कांयी चिना दकाव |” 2 हांय तिके उतर देला, “संज के तमी बुलू आस,”समया अच्छा रसी, कसनबलले बादरी लाल आय, 3 आवरी उजर के बुलु आस, आजी लेहरा आयसी,कसन की बादरी लाल करिया आय | तमी बादरी के दकी करी सांगके सकास, मातर समयर चिनार भेद के काय काजे ना सांगके सकास? 4 ये जुगर अडरा आवरी वेबिचार लोक चिना डगराऊ आत,मातर यहुनार चिना के छाड़ी तिके आवरी कोनी चिना ना दिया जायसी | “आवरी हांय तिके छाड़ी करी जायसी | 5 चेला मन मंदिरर हांय पात पहुँचलाय, मातर हांर मन रोटी दरबार बुलक लाय| 6 यीशु हांय मनके बलला,फरिसी आवरी सदुकीर खमीर ले चलाक राहा | 7 """हांय मन आपस ने विचार करलाय, “ हामी रोटी ना आनु एइकाजे हांय कसन बलसी आचे |”" 8 ऐ जानी करी, यीशु तिके बलला, “ ये अविश्वासी मन ,तमी आपस ने काय काजे विचार करबा आस की हामर लगे रोटी निआय? 9 काय तमी एबे तक ना समझास?काय तमके हांय पांच हजार रोटी के सुरता निआय आवरी ना एकी तमी कतक गोपा उठाय राहास? 10 आवरी ना हांय सात हजारर सात रोटी,आवरी एकी तमी कतक गोपा उठाय रहास ! 11 तमी काय काजे ना समझास की मैं तमके रोटिर बिसय ने ना बलि, मातर एकी तमी फरीसी आवरी सदुकीर खमीर ले चलाक रहा |” 12 तेबे तिके समजने आयला की हांय रोटीर खमीर ले नाई,मातर फरीसी आवरी सदुकिर सीकचा ले चलाक रबा काजे बलला आचे | 13 यीशु कैसरिया फिल्लिपिर देश ने आयला,आवरी अपनार चेला मन ले पुचला, “लोक मनुकर बेटा के काय बलुआस?” 14 हांय बलला,” कोनी तो यहूना बपतिस्मा देबा बिता बलु आय, आवरी कोनी एलिय्याह आवरी कोनी यिर्मयाह या भविस्यकता ने कोनी गोटक बलुआत |” 15 हांय तिके बलला,” मातर तमी मोके काय बलु आस ?” 16 "शमौन पतरस उतर देला,"" तुई जीवता महा परभुर बेटा मसीहआस |”" 17 यीशु हांके उतर देला,” ये शमौन यहुनार बेटा, तुई धन्य आस,” कसन बलले मॉस आवरी लउ ले नाई, मातर मोर बुआ जोन सरग ने आचे, ये गोट तोर उपरे दखाय बी आची | 18 आवरी मुय बलले तोके बलबी आची की तुई पतरसआस, आवरी मुय पकना उपरे अपनार कलीसिया बनायबी,आवरी अदोलोकर दुहार तार उपरे ना जितके सके | 19 मैं तोके सरगराजर, आवरी जोन कांई तुई धरतनीर उपरे बांदबिस, हांय सरग ने इटायबीस; आवरी जोन काई तुई धरतनी उपरे इटायबिस, आंय सरगनेइटसी|” 20 तेबे हांय चेला के चेतायला काकी ना बोल की मुय मसीह आंय | 21 अड्की डाले यीशु अपनार चेला के सांगके दरला,: अवसय आय की मुय यरूशलेम ने जाऊ आंय आवरी आगर लोक बड़े याजक, शास्त्री मनर हाथ ले खुबेदुकउठाऊ आंय ; आवरी मारा जांउ आंय, तीन दिन ने जिव उठू आंय |” 22 एइकाजे पतरस हांके अलगे जाई करी रिस होयला,” ये परभू,महा परभू ना करो | तोर संगे असन केबे ना हो |” 23 हांय उलटी करी पतरस की बलला,” ये सैतान मोर चोम ले दूर हो | तुई मोर काजे टोकरर कारन आस, कसन की तुई महा परभूर गोट उपरे निआस,मातर मनुकर गोट उपरे मन लगाऊ आस |” 24 तेबे यीशु अपनार चेला बलला, आवरी कोनी मोर पिटी बाटे आऊ आस आले तो अपना के इनकार करा आवरी अपनार कुरूस उटाआ, आवरी मोर पिटी बाटे हुआ | 25 कसन की जोन कोनी अपनार बचाय बार चायसी | हांय हांके खोयसी | आवरी जोन कोनी मोर काजे अपना जिव देसी | हांय ताके पायसी | 26 अगर मनुक सबू जगत के पायसी आवरी अपनार जीवनर हानी उठाय बाय, की ताके काय लाभ होयसी?या मनुक अपनार जीवर बदला ने काय देउ आय? 27 मानेर बेटा अपनार सरग दुतर मन संगे अपनार बाबार महिमा ने आयसी, आवरी हांय समय सबू गोटक के तिकर कामर अनुसार फल देयसी | 28 मैं तोमर ले सते बलबी आची की जोन ये लगे टिया आचेत,हांय मन ले कोनी असन आचेत की हांय मन जेबे तक मानेर बेटा के तार राज ने आयबा दाय ना दखु आत,तेबे तक मिरतिऊर सुआद के केबी ना चाक बाय |”