बतीसमा देवइया एहूना हर परचार करथे
3
1 ओ दिन मन में बतीसमा देवईया एहूना हर यहूदिया परदेस कर सुनसान जघा में आईस, अऊ एकस परचार करे लागीस: 2 “पाप कर छमा मिले बर, अपन मन ला परमेसवर कती फिरावा, काबरकि सरग कर राएज हर ठांवे आए गईसे। 3 यसायाह अगम जानी हर एही एहूना बारे में ए कहे रहीस की,“सुनसान जघा में एकठे चिकरोईया कर गोएठ हर सुनाथे,
कि परभू कर डगर ला तियार करा,
अऊ ओकर बर सोज डगर बनावा।”
4 ए एहूना हर ऊंट कर रांवा ले बनल ओढ़ना पहिरे रहीस, अऊ अपन कनिहां में चाम कर बनल पटा बांधे रहीस, ओहर फंफा अऊ जंगली मधुरस खात रहीस। 5 ते घनी यरुसलेम, अऊ जमेच यहूदिया जिला कर, अऊ एरदन नदी कर आस पास कर सबेच जघा ले, मईनसे मन ओकर ठन आईन। 6 ओमन अपन-अपन पाप ला माएन के, एरदन नदी में युहना हर ओमन ला बतीसमा दिया।
7 बकिन जब बतीसमा देवईया एहूना हर देखीस कि, ढेरेच फरीसी अऊ सदूकी मन ओकर ठन बतीसमा लेहे बर आवत हें, तब ओहर ओमन ला कहीस, “ए करेत सांप कर लईका मन, तुमन ला कोन हर चेताय देहीस कि तुमन परमेसवर कर अवईया डंड ले भागा? 8 तुमन अपन जिनगी ले एला साबित कएर देआ कि सहीच में तुमन अपन पाप ला छोंएड़ देहे हा, अऊ परमेसवर कती अपन मन ला फिराए हवा! 9 एकस डींग झईन मारा कि हमर पूरखा तो अबराहम लागे, काबरकि मंए तुमन ठे कहत हों परमेसवर हर, ए पखनोच ले तो अबराहम बर लईका बनाए सकथे। 10 अझरो ले रूख कर जएर में परमेसवर कर कोरोध कर टांगी मड़हाल हवे, एकरे बर जे-जे रूख हर सुघर फर नई फरही, ओला काएट के आगी में डाएल देहल जाही।”
11 “मंए तो तुमन ला अपन पाप ले मन फिराए बर पानी ले बतीसमा देहथों, बकिन जेहर अवईया हवे, ओहर मोरो ले ढेरेच सामरथी हवे, मंए तो ओकर पनही ला उठईया एगोट गुलाम बने कर लाईक नई हों, ओहर तुमन ला पबितर आतमा, अऊ आगी ले बतीसमा देही। 12 ओकर सुपा ओकर हांथ में हवे, अऊ ओहर अपन कोठार ला बढ़िहां ले सफा करही, अऊ गहूं ला अपन कोठी में राखही, बकिन बूसा ला ओ आगी में लेस देही जे आगी हर कभों नई बिताही।”
ईसू कर बतीसमा
13 तेकर ईसू हर, गलील जिला ले एरदन नदी में एहूना जग बतीसमा लेहे बर गईस। 14 बकिन एहूना हर एकस कहिके ओके रोके कर कोसिस करीस, “मोके तो तोर ठन ले बतीसमा लेहे कर जरूरत हवे, अऊ तंए मोर ठन काबर आए हस?” 15 बकीन ईसू हर ओके ए जबाब देहीस, “अझेर तो एही कस होए दे, काबरकि परमेसवर जेकस चाहत हे ओही कस सब जाएत ला करे बर हमके ला जरूरी हवे।” तेकर एहूना हर ईसू कर बात ला माएन लेहिस।