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1 जपल पन्जु स्वर्गेदूते रेशमि फुक दिती, त मेईं स्वर्ग केआं उन्निया जे यक तारा झड़ते काआ, त तसे धे काल खपरे कुंजुड़ दुतु। 2 तेन काल खपर खोला, त तेस काल खपर अन्तरा बोडी भठि ईं तुउ निथा। होर काल खपरे तुउए बइ दिस त अम्बर अन्हारे भोई गे।a 3 तेस तुउए बइ धरती पुठ सुआ टठ निथे, त तेन्के धे धरती पुठि बिच्छु के ईं शक्ति दिती। 4 तेन्हि जे बोलु कि ना धरती पुठि घास, ना कोई निलियार, त ना केस बुटी के कोई नुकसान करण। सद तेन्हि मेह्णु के नुकसान करण, जेन्के मगरी पुठ परमेश्वरे मुहर नेईं लगो। 5 तेन्हि मेह्णु मारण जे ना, पर पन्ज मेहन तकर तीं चिड़ंग देणे हक मेईंया। होर तेन्के चिड़ंग ईं थी, जीं बिच्छु डसणे बेलि मेह्णु भुन्ति। 6 तेन्हि दिनि मेह्णु मरुण जे तोपते, पर मरते नउ। मेह्णु मरणे अरदास कते, पर मरुण तेन्हि केआं दूर नश घेण असु।7 से टठ हेरण जे ईं केतेथ जीं युद्ध करण जे तेयार बिशो घोड़े। तेन्के मगरी पुठ जीं सुन्ने मुकुट थिए, होर तेन्के मुंह मेह्णु के ईं थिए। 8 तेन्के झशुड़ जीं जिल्हाणु के ईं त दन्त शेरी के दन्ते ईं थिए। 9 तेन्हि जीं लोहिए कबच डबो थिए, होर तेन्के पंखी के अवाज ईं थी कि जीं युद्ध करण जे सुआ रथ त घोड़े दौड़ो असे। 10 तेन्के पुंछड़ी बिच्छु के ईं थी त होर तेन्के डसणे बेलि मेह्णु पन्ज मेहन तकर चिड़ंग लगतीथ। 11 काल खपरे दूत तेन्हि पुठ राजा असा। तसे नओं इब्रानी भाषा अन्तर अबद्दोन, त यूनानी भाषा अन्तर अपुल्लयोन असु मतलब “बरबाद करणे बाड़ा।”
12 पेहली बुखता मुक गई; हेरे! अब दुई बुखता होरी एणे बाड़ी असी।
13 जपल छटूं स्वर्गेदूते रेशमि फुक दिती, त परमेश्वरे सम्हाणि बाड़ी सुन्ने कुण्डे चोउर कुणे शिंगि केईआं, मेईं ईं अवाज शुणी। 14 तेन अवाज रेशमि टाओ छटे स्वर्गेदूत जे बोलु, “तेन्हि चोहरोई स्वर्गेदूती खोल छड़े, जे यूफ्रातेस नओएं बोडा दरेउए भेएड़ बन्हो असे।” 15 तोउं से चोहरो स्वर्गेदूत खोल छड़े, जे तेस घड़ी, दन, मेहने त साल अन्तर टाई हेस्से मेह्णु मारण जे तेयार किओ थिए। 16 मेईं शुणु कि तेन्के घुड़सवारी फौजी के गिणती बिह करोड़ थी। 17 एस दर्शण अन्तर मेईं से घुड़सवार त घोड़े हेरे: तेन्के कबच लाल, नीला त पिआ रंगे थी। तेन्हि घोड़ी के मगिर शेरी के मगरी के ईं थिए। होर तेन्के आसी बइ आग, तुउ त जाती गन्धकb निसतेथ। 18 अन्हि टाहोई महामारी बइ, मतलब आग, तुउ त जाती गन्धक बइ, जे तेन्के आसी अन्तरा निसतेथ टाई हेस्से मेह्णु मर गे। 19 किस कि तेन्हि घोड़ी के ताकत तेन्के मुंह त तेन्के पुंछड़ी अन्तर थी। तेन्के पुंछुड़ कीड़ी के ईं थी। होर तेन्हि पुंछड़ी के मगिर बि थी त तेन्के बेलिए से चिड़ंग टुंफ देन्तेथ।
20 तोउं बि होरे मेह्णु, जे तेन्हि महामारी के बेलिए ना मरे, तेन्हि ना अपु कमी केआं मन बदले, होर ना तेन्हि दुष्ट आत्माई, सुन्ने चन्नी, पीतले, घोड़े त कठोड़े मुर्ति के पूजा करण छड़ दिते, जे ना हेर सकते, ना शुण सकते, ना हंट सकते। 21 होर ना तेन्हि मेह्णु मारण केआं, जादू टौणा करण केआं, नाजायज रिश्ता रखण केआं त चोरुण केआं अपु अपु मन बदला।