यूहन्ने
लिखो टेकी चिट्ठि
शुरुवाती बोक
1
1 ट्यारे गयुसा,a जेस जोई अउं सच्चा परेम कता! सतसंगे स्याणा यूहन्ने तोउ जे नमस्कार।2 में ट्यारे मितरा! अउं ईं प्रार्थना कता कि जीं तु विश्वास अन्तर तरक्की करण लगो असा, तिहांणि सोबी बोकी अन्तर बि तरक्की करे त भला चंगा रेह।
3 जपल हें कुछ भाई तठिआ वापिस एई कइ बोलु कि तु सच्चे बि परमेश्वरे सच्चाई पुठ हंटता त अउं सुआ खुश भुआ। 4 एस केआं बध मोउं होर की खुशी मेई बटती कि ईं शुणुण कि में गभुर परमेश्वरे सच्चाई पुठ हंटते।
गयुसे तारीफ
5 ए ट्यारा! जे किछ बि तु तेन्हि भाई जोई कता जे प्रभु सेवा कते, से तु अपु विश्वासे हेसाब जुए करण लगो असा। हांलाकि से परदेशी त अणजाण असे, तोउं बि तु तेन्के सेवा कता। 6 तेन्हि सतसंगे सामणि तें परेमे उगाही दुतो असी। त एणे बाड़े रोजी अन्तर बि तु तेन्के सफर करणे सोब जरूरत इहांणि पूरी कते रेह। ईं करण परमेश्वर खरु लगतु। 7 तु इहांणि कते रेह किस कि से यीशु मसीहे सेवा करण जे नशो असे, त अविश्वासी मेह्णु केआं किछ ना नेन्ते। 8 तोउं त असी तेन्के मदत करण चहिए, जेसे बेलि अस बि यीशु मसीहे सच्चाई प्रचारे कम अन्तर तेन्के साथी बणियेल।
दियुत्रिफेस त दिमेत्रुस
9 एस बोकी बारे ईं मेईं सतसंग जे यक चिट्ठि लिखो थी। पर भाई दियुत्रिफेस जे सतसंग अन्तर बोडा बणुण चहन्ता, से हें शिक्षा ना मानता। 10 तोउं त जपल अउं एऊं त तसे कमी के टमझण सोबी के सामणि भीं किढ़ता। से हें बारे भलु बुरु बकता, तोउं बि तेसे पेट ना भरीन्तु। किस कि से अपफ त तेन्हि प्रभु सेवक ना धरान्ता, होर जे तेन्हि धराण चहन्ते तेन्हि बि ठाकता त सतसंग केआं बखरे कराई छता। 11 त ए ट्यारे! बुराई ना, पर भले कम करे। किस कि जे भले कम कता, से परमेश्वरे गभुर भुण हरालता। पर जे बुराई कते, से परमेश्वर ना जाणते। 12 होर भाई दिमेत्रुसे बारे सोबी जेईं खरी उगाह देन्ते। से सच्चाई पुठ हंटता। तसे बारे अस बि उगाह देन्ते, होर तु जाणता कि हें उगाही सच्ची असी।
अखिरि बोके त नमस्कार