यीशु, भक्ति करणे रोजे मालिक
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1 यक भक्ति करणे रोजa यीशु त तसे चेले यक बगे बइ घेण लगो थिए। तसे चेली ढुक लगी त से सियुड़ पुरोड़ पुरोड़ कइ खाण लगे। 2 फरीसी तेन्हि हेर कइ यीशु जे बोलु, “हेर हेर! तें चेले तेस कम करण लगो असे जे कम भक्ति करणे रोज करुण ठीक नेईं।”b 3 तेन तेन्हि जे बोलु, “तुसी पढ़ो नेईं ना कि जपल राजा दाऊद त तसे साथी ढुक लगो थी त तेन की किओ थिउ? 4 से परमेश्वरे गी गा त तठि चढ़ो रौठि खेई, जेन्हि खाणे हक न त तेस थिआ, होर न तसे साथी। तेन्हि खाणे हक सद देहरे पुजारी थिआ।c 5 तुसी नियमे कताब अन्तर न पढ़ु ना कि पुजारी देहेर अन्तर भक्ति करणे रोज बि कम कर कइ बजन दोषे भुन्ते? तेन्हि पुठ कोई दोष न लगता। 6 पर अउं तुसी जे बोता कि इठि जे असा से देहेर केआं बि बोडा असा। 7 धरमे कताब अन्तर लिखो असु कि
‘अउं दाह करणे बेलि खुश भुन्ता,
भकत चढ़ाणे बेलि ना।’d
अगर तुस असे मतलब समझतेथ, त एन्हि नरदोष मेह्‍णु दोषी न बोतेथ। 8 किस कि अउं, मनखे कुआ भक्ति करणे रोजे बि मालिक भो।”
यीशु यक शुखो हथ बाड़ा मेह्‍णु सुसुरेरण
9 तोउं तठिआ हंट कइ, यीशु तेन्के अराधनालय अन्तर गा। 10 तठि यक ईं मेह्‍णु थिआ, जेसे यक हथ शुखो थिउ। तेन्हि फरीसी यीशु पुठ दोष लाणे जे तेस केआं पुछु, “नियमे मुताविक भक्ति करणे रोज बीमार मेह्‍णु सुसुरेरण सही असु ना?” 11 तेन तेन्हि जे जवाब दिता, “सोचे कि तुं यक ढडुड़ असु। अगर से भक्ति करणे रोज यक खोपर अन्तर झड़ घियाल त तुस कि तेस बाहर न किढ़ते ना?e 12 त मेह्‍णु कि ढडुड़ केआं घट असे ना? इस बझई जुए भक्ति करणे रोज भलु करण सही असु।” 13 तोउं तेन तेस मेह्‍णु जे बोलु, “अपु हथ अगर कर।” तेन अपु हथ अगर किउ त से होर हथे ईं ठीक भोई गोउ। 14 ईं हेर कइ फरीसी बाहर घेई गे त तसे खिलाफ अपफ बुछ मेझर करण लगे कि यीशु कीं कइ खतम करण।
यीशु, परमेश्वरे चुणो सेवक
15 ई पता भुणे बझई जुए यीशु तठिआ घेई गा त सुआ मेह्‍णु तसे पता पता गे। तेन तेन्हि बिचा सोब बीमार मेह्‍णु सुसुरेरि छड़े। 16 त तसे बारे केसे जे बि ना बोलुण जे तेन तेन्हि जे निआंग दिती। 17 तोउं जे बोक यशायाह भविष्य वक्ते लिखो थी, से पूरी भुई। 18 तेन परमेश्वरे बोलो बोक लिखो थी कि
“हेरे! ए में सेवक भो, जे मेईं चुणो असा;
में ट्यारा, जेस हेर अउं ती खुश असा।
अउं अपु आत्मा तेस पुठ छान्‍ता त
से हर यक जाति मेह्‍णु के बुछ में न्याये करणे बारे प्रचार कता।
19 से न झगड़ीन्‍ता, होर न हल्ला कता,
होर न दुआरोड़ी तसे बोके शुणती।
20 जपल तकर तसे पंची सोब ना मानियेल,
से कमजोर मेह्‍णु जोई नरमी जुए बरताब कता त बेसाहारे मेह्‍णु दाह कता।
21 सोब मेह्‍णु तेस पुठ उम्मीद रखते।”f
यीशु शैतान केआं बि ताकतवर असा
22 तोउं मेह्‍णु यीशु केईं यक ईं मेह्‍णु घिन आए, जे अन्हा त गुंगा भोई गो थिआ। तेस अन्तर दुष्ट आत्मा थी। यीशु से सुसुरेरि छड़ा, त से हेरुण त बोलुण लग गा। 23 तोउं सोब मेह्‍णु हैरान भोई कइ बोलुण लगे, “ए राजा दाऊदे कुआ ‘मसीह’ त ना भो, भला?” 24 पर फरीसी ईं शुण कइ बोलु, “ए त दुष्ट आत्माई के सरदार ‘बालजेबुल’ मदते बेलि दुष्ट आत्माई बाहर नशाणता।”g 25 यीशु तेन्के मने बोक बिझ गा त तेन्हि जे बोलु, “जेस राज्य अन्तर फूट पड़ती, से राज्य उजीड़ घेन्ता। होर जेस शेहर या गी अन्तर झगड़े भुण लगे, से न टिगते। 26 तोउं अगर शैतान, शैतान नशाणाल त से यक होरी दुश्माण बण घेन्ते। त तेन्के राज्य कीं टिगता? कदी न टिग बटता। 27 अगर अउं शैताने मदत जोई दुष्ट आत्माई नशाणता, त तुं बंदे केसे मदते बेलि नशाणते? तोउं त सेईंए तुं पंची करे। 28 पर अगर अउं परमेश्वरे आत्माई मदते बेलि दुष्ट आत्माई नशाणता त परमेश्वरे राज्य तुं बुछ पूज बि गो असा। 29 होर बोले त, कोउं मेह्‍णु यक पेहलवान बजन बन्हणे तसे गी लूटणे हिम्मत कता? पर अगर तस पेहलाई बन्‍हता त तोउं से तसे गी लूट सकता। 30 जे मोउं जोई नेईं से में खिलाफ असे, होर जे मोउं जोई साते न बेह्ढ़ते, से छिंगेई छते।h 31 तोउं त, अउं तुसी जे बोता कि मेह्‍णु सोब पाप त बुराई माफ करिन्‍ती। पर शुची आत्माई खिलाफ कोई बि बोक कदी माफ न करिन्‍ती। 32 जे कोउं मनखे कोईये खिलाफ बोक करियाल, तसे से पाप माफ करिन्‍ते। पर जे कोउं शुची आत्माई खिलाफ कोई बोक कते, तसे पाप ना इस जुग अन्तर, होर ना एणे बाड़े जुग अन्तर कदी माफ ना करिन्‍ते।”i
बुटा त तसे फल
33 होर यीशु बोलु, “तुसी ठीक करणे जरूरत असी कि बुटा अब्बल असा कि नेईं। अगर बुटा अब्बल असा बोते त तसे फल बि अब्बल बोलुण एन्ता। होर अगर बुरा असा बोते त तसे फल जे बि बुरे बोले, किस कि फले बेलि यक बुटे पिछाण भुन्ति।j 34 ए जहरिले कीड़े गभुरुओ! तुस बुरे भोई कइ बि खरी बोके कीं कते? किस कि जे मन अन्तर भरिए असु, सेईंए मुंह बइ निस्तु।k 35 भला मेह्‍णु अपु मन अन्तरा भली बोक किढ़ता त बुरा मेह्‍णु अपु मन केआं बुरी बोक किढ़ता। 36 अउं तुसी जे बोता कि मेह्‍णु के हर यक बुरी बोकी के लेखाजोखा न्याय करणे रोज परमेश्वर नेन्ता। 37 किस कि तुस अपु बोकी के बझई जोई नरदोष या दोषी बोलीण असे।”
मेह्‍णु यीशु केआं स्वर्गे यक निशाणी तोपीण
38 तोउं धर्मशास्त्री त फरीसी यीशु जे बोलु, “ए गुरु! अस तोउ केआं यक निशाणी हेरण चहन्ते।” 39 तेन तेन्हि जे जवाब दिता, “इस जुगे बुरे त कपटी मेह्‍णु निशाणी तोपते, पर योना भविष्य वक्ते निशाणी छड़ दी कइ होर कोई निशाणी न दिईन्ता। 40 जीं योना टाई रोज त टाई रात यक बोडी मछली पेट अन्तर थिआ, तीं अउं, मनखे कुआ बि टाई रोज त टाई राते लिए धरती गभ अन्तर बिश्ता। 41 नीनवे शेहरे मेह्‍णु न्याय करणे रोज खड़ भोई कइ इस जुगे मेह्‍णु पुठ दोष लान्ते, किस कि तेन्हि योना भविष्य वक्ते समाचार शुण कइ अपु मन बदलो थिए। पर, हेरे! इठि त योना केआं बि बोडा असा। 42 दखण देशे राणीlm न्याय करणे रोज खड़ भोई कइ इस जुगे मेह्‍णु पुठ दोष लान्ती, किस कि से राजा सुलैमाने ज्ञान शुणुण जे धरती यक कुणे केआं आई। पर, हेरे! इठि त राजा सुलैमान केआं बि बोडा असा।”
अणपुरी सुधार केआं आफत एण
43 “जपल जुठी आत्मा यक मेह्‍णु अन्तरा निस घेन्ति, त से हर जगाई सुख त अराम तोपती, पर मेता नउ। 44 तोउं बोती, ‘अउं अपु तेस पुराणे गी घेन्ति, जेठिआ बाहर किढ़ो थी।’ होर घेई कइ तेस से खाली, साफ सुथरा त सजाओ मेता। 45 तिखेईं से घेई कइ अपफ केआं बि ज्यादी बुरी सत जुठी आत्मा घिन एन्ती, त पासर बंठ कइ तठि बिश्ति। तोउं तेस मेह्‍णु दशा पेहले केआं बि ज्यादा बुरी भोई घेन्ति। इस जुगे बुरे मेह्‍णु के दशा बि तिहांणि भुन्ति।”
यीशु ई त भाई
46 जपल यीशु हसुड़े जोई बोक करण लगो थिआ तपल तसे ई त भाई एई कइ बाहर खड़ खड़ बिशो थिए। से तेस जोई बोक करण चहन्तेथ। 47 केनि तेस जे बोलु, “गुरुजी हेरे! तें ई त भाई बाहर खड़ खड़ बिशो असे। से तोउ जोई बोक करण चहन्ते।” 48 पर ईं शुण कइ तेन बोलुणे बाड़े जे जवाब दिता, “कोउं भो में ई? त कोउं भिन्थ में भाई?” 49 तोउं अपु चेली के कना जे हथ कर कइ बोलु, “हेरे! में ई त में भाई भेण इ भिन्थ। 50 किस कि जे कोउं में स्वर्गे बोउए इच्छा पुठ चलते, सेईंए में ई, भाई त भेण भिन्थ।”