18
पराथना करो परमेसर जुवाब देगा
1 ईसु ने उणके यो बताड़णे सरु के निरास होया बिना उणके सदा पराथना करनों चइये या मिसाल दई: 2 "कइंका नगर माय एक न्यावधीस रेतो थो जो नितो परमेसर से डरतो थो अने नी कइंका मनख की परवा करतो थो। 3 इनाज नगर माय एक रांडी बइरा रेती थी, जो उका कने घड़ी-घड़ी अई के केती थी के, 'म्हारो न्याव करिके म्हारे बेरी से बचाड़।' 4 घणा बखत तक तो उने उकी नी सुणी। पण आखर माय उने बिचार्यो, 'जदके हूं परमेसर से नी डरुं अने नी कसाज मनख की परवा करूं, 5 फेर बी इकासरु के या म्हारे तंग करी री हे, हूं इको न्याव करुंवां। कंई असो नी होय के वा घड़ी-घड़ी अई के म्हारी नाक मेंज दम करी लाखे।' "
6 अने परभु ने क्यो, "सुणो इना अधरमी न्यावधीस ने कंई बोल्यो। 7 तो कंई परमेसर अपणा छांट्या होया को न्याव नी करेगा जो दन-रात उके हेला पाड़े हे? कंई उ उणकी मदद करवा माय देर करेगा? 8 हूं तमार से कूं उणको न्याव झट करेगा! फेर बी हूं मनख को बेटो जदे राजो हुई के अउंवां तो कंई हूं धरती पे पराथना अने बिसास के पउंवां?"
सई तरा की पराथना करनों
9 ईसु ने उना लोगहुंण से जो इनी बात सरु अपणा अदरे भरोसो राखता था के हम धरमी हे, अने जो दूसरा के ओछा समजता था, या मिसाल दई क्यो, 10 "दो जणा मन्दर माय पराथना करवा ग्या। उणका माय से एक फरीसी जो धरम का नेम-बिधान के सकती से पाळण करवा वाळो थो अने दूसरो कर वसुळवा वाळो।a
11 फरीसी उबो हुई के खुद असी पराथना करवा लाग्यो,b 'हे परमेसर, हूं थारे धन्यबाद दउं के हूं दूसरा लोगहुंण सरीको ठग, अन्यावी अने ब्योबिचारी हयनी अने हूं इना कर वसुळवा वाळा सरीको बी हयनी। 12 हूं हफ्ता माय दो कावा बरत राखुं अने जो कंई म्हारे मिळे उको दसवों हिस्सो थारे दउं।'
13 "पण कर वसुळवा वाळो थोड़ी दूर पे उबो थो, उ परमेसर आड़ी अपणी नगे उठावा की हिम्मत बी नी करी सक्यो, पण छाती कूटतो होयो बोल्यो, 'हे परमेसर, हूं पापी मनख हूं, म्हार पे दया करजे!' 14 c अने ईसु ने क्यो, "हूं थार से कूं के यो मनख धरमी ठेराड़्यो जई के अपणा घरे ग्यो, नी के उ फरीसी। क्योंके हरेक उ जो खुद के मोटो बणावे, नानो कर्यो जावेगा; अने जो खुद के नानो बणावे, मोटो कर्यो जायगा।"
ईसु नाना बाळकहुंण के आसीस दे
(मत्ती १९.१३-१५; मरकुस १०.१३-१६)
15 लोग अपणा बाळकहुंण के बी उका कने लई र्या था के उ उणका पे आसीस सरु हात धरे, पण जदे चेलाहुंण ने देख्यो तो डाटंवा लाग्या! 16 पण ईसु ने बाळकहुंण के कने बुलाड़ी के क्यो, "बाळकहुंण के म्हारा कने आवा दो! उणके मना मती करो, क्योंके परमेसर को राज असाज को हेd। 17 हूं तमार से सांची कूं के जो कईं को परमेसर का राज के बाळक सरीको नी माने, उ कदीज उका माय जई नी सकेगा।"
जो धन पे भरोसो करे वी परमेसर का राज माय जई नी सके
(मत्ती १९.१६-३०; मरकुस १०.१७-३१)
18 फेर कइंका एक यहूदी हाकिम ने उकासे सवाल कर्यो, "हे भला गरु, हमेस्या को अजर-अमर जीवन पावा सरु हूं कंई करूं?"
19 ईसु ने उकासे क्यो, "तू म्हारे भलो कायसरु के? परमेसर के छोड़ी के हजु कईं को भलो हयनी? 20 e पण तू परमेसर का हुकमहुंण के तो जाणेज हे, "ब्योबिचार नी करनों, हत्या नी करनों, चोरी नी करनों, झुंटी गवई नी देणो, अपणा मां-बाप को मान राखणो।"
21 उने क्यो, "इणके हूं नानपणा से मानी र्यो हूं।"
22 जदे ईसु ने यो सुण्यो तो क्यो, "थारा माय अबी एक बात की कमकोती हे; अपणो सगळो धन-सम्पत्ती बेची के गरीब-गुरबाहुंण के बांटी लाख तो थारे सरग माय धन मिळेगा। अने अई के म्हारा पाछे चल्यो-चल।" 23 पण यो सगळो सुणी के हाकिम घणो उदास होयो, क्योंके उ घणो धणी थो।
24 ईसु ने उका आड़ी देखी के क्यो, "धणिहुंण सरु परमेसर का राज माय जाणो कितरो अबगो हे! 25 क्योंके ऊंट के सुंई का बेज माय से हिटणो, कइंका धणी मनख के परमेसर का राज माय जावा से सबगो हे!।"
26 इका पे सुणवा वाळाहुंण के अचरज होयो उणने क्यो, "तो किको उध्दार हुई सके?"
27 पण उने क्यो, "जो बातहुंण मनख सरु अबगी, वी परमेसर सरु सबगी हे।"
28 इका पे पतरस ने क्यो, "देख हम तो अपणो घर-बार छोड़ी के थारा पाछे चली पड़्या।"
29 उने उणकासे क्यो, "हूं तमार से सांची कूं, असो कईं को हयनी जेने अपणो घर, घराळी, भई-बेनहुंण, मां-बाप या बाळकहुंण के परमेसर का राज सरु छोड़्या हे, 30 उ इना बखत नरा गुणा जादा अने आवा वाळा जुग माय अजर-अमर जीवन पायगा।"
ईसु तीसरी बखत अपणी मोत का बारा माय केवा लाग्यो
(मत्ती २०.१७-१९; मरकुस १०.३२-३४)
31 तो ईसु ने बारा चेलाहुंण के इकाड़ी लइ-जई के उणकासे क्यो, "देखो, हम यरुसलेम आड़ी जई र्या, अने हूं मनख का बेटा का बारामें नबिहुंण का मिसे जो कंई लिख्यो, उ सगळो पूरण होयगा। 32 क्योंके हूं दूसरा गेर यहूदिहुंण का हात माय द्यो जउंवां। अने म्हारी मसकरी करेगा, म्हारा गेले बुरो बरताव कर्यो जायगा, म्हार पे थुंक्यो जायगा। 33 अने कोड़ा लगावा का बाद वी म्हारे मारी लाखेगा, अने हूं तीसरा दन पाछो जीवतो हुई जउंवां।"
34 पण इणका माय से कइंकीज बात चेलाहुंण की समज माय नी अई। तो वा बात उणकासे गुपत री, अने जो बात ईसु ने करी थी वी उके समजी नी सक्या।
आंदो मंगतो देखवा लाग्यो
(मत्ती २०.२९-३४; मरकुस १०.४६-५२)
35 असो होयो के जदे ईसु यरीहो पोंचवा पे थो तो एक आंदो मंगतो बाट का मेरे बेठ्यो, भीक मांगी र्यो थो। 36 भीड़ का पगहुंण की चाप सुणी के, उ पुछवा लाग्यो के "यो सगळो कंई हुई र्यो हे?"
37 उणने उके बताड़्यो के "ईसु नासरी जई र्यो हे।"
38 उने हेला पाड़ी के क्यो, "हे ईसु, दाऊद की सन्तान! म्हार पे दया करजे।"
39 लोगहुंण जो बाट माय ईसु का अगड़े-अगड़े चली र्या था उके डांटी के "चुप रेवा" की कई र्या था। पण उ हजु जोर से हेला पाड़तो र्यो, "दाऊद की सन्तान, म्हार पे दया करजे।"
40 तो ईसु ने रुकी के दूसरा मनखहुंण के क्यो "उके म्हारा कने ल्याव।" जदे ल्याया तो पुछ्यो, 41 "हूं थारा सरु कंई करूं?"
उने क्यो, 'हे परभु, यो के हूं देखवा लागुं।"
42 ईसु ने उकासे क्यो, "देखवा लाग। जा थारा बिसास ने जो म्हार पे हे थारे नज कर्यो हे।"
43 उ उनीज घड़ी देखवा लाग्यो अने परमेसर की बड़ई करतो होयो ईसु का पाछे चली पड़्यो। जदे सगळा मनखहुंण ने यो देख्यो तो उणने परमेसर की बड़ई करी।