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रोमी हाकिम का सेवक के नज करनों
(मत्ती ८.५-१३)
1 जदे उ लोगहुंण के पूरो परबचन सुणई चुक्यो तो कफरनहूम माय आयो। 2 अने कइंका रोमी सुबेदार को खास सेवक थो जो बेमारी से मरवा पे थो। 3 जदे उने ईसु का बारामें सुण्यो तो थोड़ाक बुड़ा-हाड़ा यहूदिहुंण के उका कने या बिणती करवा मोकल्या के अई के म्हारा सेवक के बचइले। 4 जदे वी ईसु कने पोंच्या तो उणने उकासे यो केता होय बिणती करी के, "उ इतरो लायक हे के तू उका पे दया कर, 5 क्योंके उ हमारी जात से परेम राखे हे अने उनेज हमारा इना पराथनाघर के बणायो हे।"
6 ईसु उणका गेले-गेल चल्यो अने जदे घर से जादा दूर नी थो तो सुबेदार ने अपणा दोस के यो केवा मोकल्यो, "हे परभु, तू जादा परेसान मती हो, क्योंके हूं इका लायक हयनी के तू म्हारा घरे आय। 7 इनीज वजासे म्हने खुद के इका लायक नी समज्यो के थारा कने अउं। सिरप बचन बोली दे तो म्हारो सेवक नज हुई जायगा। 8 हूं बी दरसल सासन का बस माय हूं, अने सिपईहुंण म्हारा बस माय रे। हूं एक से कूं 'जा' तो उ जावे हे, अने दूसरा से कूं 'आ' तो उ आवे हे, अने हूं अपणा सेवक से कूं 'यो कर' तो उ उके करे हे।"
9 जदे ईसु ने यो सुण्यो तो उके अचरज होयो अने उने भीड़ आड़ी फरिके जो उका पछड़े चली अइरी थी क्यो: "हूं तमार से कूं के इसराइल जात माय बी म्हारे असो बड़ो बिसास नी मिळ्यो।"
10 अने जो लोग सुबेदार ने मोकल्या था उणने घरे आवा पे उना सेवक के भलो-चंगो पायो।
रांडी बइरा का जुवान छोरा के मर्‌या माय से जिवाड़े
11 इका झट बादa उ नाईन नाम का नगर आड़ी ग्यो। उका चेलाहुंण बी उका गेले चली र्‌या था, अने उणका गेले घणी बड़ीमेक भीड़ बी चली री थी। 12 जदे उ नगर का फाटक पे पोंच्यो तो, लोग एक मुरदा के बायरे लइ-जई र्‌या था। उ उकी मेतारी को जो रांडी बइरा थी एखलोज बेटो थो, अने नगर का नरा लोग उका गेले था। 13 रांडी बइरा के देखी के परभु के उका पे घणी दया अई अने उने क्यो, "रोवे मती।" 14 फेर उने कने अई के अरथी के हात लगाड़्यो अने कन्‍दो देवा वाळा थमी ग्या। तो उने क्यो, "हे जुवान, हूं थार से कूं, उठ्या।" 15 मुरदो उठी बेठ्यो अने बोलवा लाग्यो, ईसु ने उके उकी मेतारी के दई द्‍यो।
16 सगळा लोग डरी ग्या अने वी यो केता होया परमेसर की बड़ई करवा लाग्या: "हमारा अदाड़ माय एक बड़ो नबी परगट्यो हे।" अने "परमेसर ने अपणा लोगहुंण पे किरपा करी हे।"
17 उका बारामें यो समिचार आखा यहूदिया देस माय अने ऐरे-मेरे का आखा इलाका माय फेली ग्यो।
योहन का चेलाहुंण के ईसु को ज्वाब
(मत्ती ११.२-१९)
18 योहन का चेलाहुंण ने इनी सगळी बातहुंण को समिचार योहन के द्‍यो। 19 तो योहन ने अपणा चेला माय से दो के बुलाड़ी के उणके परभु कने यो पुछ्वा मोकल्या, "कंई उ आवा वाळो तूज हे के, हम फेर कइंका दूसरा की बाट जोंवा?"
20 जदे वी लोग उका कने आया तो उणने क्यो, "योहन बपतिसमा देवा वाळा ने हमारे थारा कने यो पुछ्वा मोकल्या हे, 'कंई आवा वाळो तूज हे के, फेर हम कइंका दूसरा की बाट जोंवा?' "
21 उनीज घड़ी ईसु ने नरा लोगहुंण के बेमारिहुंण, दुःखहुंण अने बायरबादाहुंण से छुड़ई के नज कर्‌या अने नरा लोगहुंण जो आंदा था, देखवा लाग्या। 22 c तो उने उणकासे क्यो, "जो कंई तमने देख्यो अने सुण्यो, जई के योहन के बताड़ो! आंदा देखे हे, पांगळा चले हे, कोड़्या सुद्द कर्‌याb जई र्‌या हे, बेर्‌याहुंण सुणे हे, मुरदा जिवाड़्या जाय हे, अने गरीब-गुरबाहुंण के सुब-समिचार सुणायो जाय हे। 23 अने धन्‍य वी हे जो म्हारा बारामें सक नी करे।
24 जदे योहन का चेलाहुंण चल्या ग्या तो ईसु भीड़ से योहन का बारामें बात करवा लाग्यो, "तम मांळ माय कंई देखवा ग्या था? बायरा से हलता होया बरु के? नी! 25 तो फेर कंई देखवा ग्या था? असा मनख के जो नरम लतरा पेर्‌यो होयो थो? नी! देखो, वी जो चळकण्यां लतरा पेरे अने भोग-बिलास माय रे हे, राजम्‍हेल मेंज मिळे हे! 26 पण तम कंई देखवा ग्या था? कंई नबी के? हां, हूं तमार से कूं के नबी से बी मोटा के। 27 d यो उज हे, जेका बारामें लिख्यो हे, 'देख हूं अपणा दूत के थारा अगड़े मोकलुं। उ थारा अगड़े थारो मारग तय्यार करेगा।' 28 हूं तमार से कूं के नारीहुंण से जो जन्म्या हे उणका माय से कइंकोज योहन से मोटो हयनी। फेर बी उ जो परमेसर का राज माय नानो से नानो हे उ उकासे बड़ी के हे।
29 e पण आम-जनता अने कर वसुळवा वाळाहुंण ने बी योहन की सगळी बात सुणी तो योहन से बपतिसमो लई के परमेसर की योजणा के मानी ली। 30 पण फरीसी अने परमेसर का नेम-बिधान का जाणकारहुंण ने योहन से बपतिसमो नी लई के अपणा बारामें परमेसर की योजणा के नी मानी।
31 "तो हूं इनी पीड़ी का लोगहुंण को मिलाण किकासे करूं? ई किका सरीका हे? 32 ई उना बाळकहुंण सरीका, जो हाट माय बेठ्या रे अने एक दूसरा से हेला पाड़ी के के, 'हमने तमारा सरु बंसी बजई पण तम नाच्या हयनी; हमने रुदन कर्‌यो पण तम नी रोया।' 33 क्योंके योहन बपतिसमा देवा वाळो नी तो रोटो खातो आयो अने नी दाखरस पीतो आयो, पण तम को हो 'उका माय बायरबादा हे!' 34 हूं मनख को बेटो खातो-पितो आयो, अने तम को हो, 'देखो, पेटु अने दारुकुट्टो मनख, कर वसुळवा वाळा अने पापिहुंण को दोस!' 35 परमेसर की बुध्दि से भरी हुई बातहुंण के जो कईं को बी मानेगा, अने लोग उणका काम अने चरित्तर के देखेगा तो केगा, परमेसर की बुध्दि सांची हे।
ईसु पापण बइरा का पाप मांफ करे
36 फेर कइंका एक फरीसी ने उकासे बिणती करी के उ उका गेले जिमें तो उ उना फरीसी का घरे जई के जिमवा सरु सायरे से बेठी ग्यो। 37 fअने देखो, उना नगर माय एक बइरा, जो पापण थी, अने जदे उके मालम पड़्यो के ईसु फरीसी का घरे जिमवा बेठ्यो हे तो संगमरमर का बरतन माय अतर ल‍इ-यई। 38 अने उका पगाड़ी कने पछड़े उबी हुई के रोई-रोई के आंसुहुंण से उका पगहुंण भिंजाळ्‍वा लागी। अने अपणा माथा का बालहुंण से उका पगहुंण पोंछवा अने चुमी के उणका पे अतर मळवा लागी। 39 तो उना फरीसी ने जेने ईसु के नोत्यो थो यो सगळो देखी के अपणा मन माय क्यो, "अगर यो मनख नबी होतो तो ताड़ी जातो के वा बइरा जो उके हात लगाड़ी री, कुंण हे, अने कसी हे। याने के वा तो पापण हे।"
40 ईसु ने उकासे क्यो, "हे सिमोन, म्हारे थार से कंई केणो हे।"
उने जुवाब द्‍यो, "हे गरु, के।"
41 "कइंका बाण्या का दो करजदार था। एक पे पांच सो चांदी का सिक्काg को करजो थो अने दूसरा पे पचास। 42 जदे वी करजो चुकावा का लायक नी र्‌या तो उने दोई पे किरपा करिके उणके मांफ करी लाख्या। तो उना दोई माय से कुंण उके जादा परेम करेगा?"
43 सिमोन ने जुवाब द्‍यो, "म्हारी समज माय उ जेको जादा मांफ कर्‌यो।"
उने उकासे क्यो, "तने ठीकज सोंची के फेसलो कर्‌यो।" 44 फेर उनी बइरा आड़ी फरिके उने सिमोन से क्यो, "कंई तू इनी नारी के देखी र्‌यो? हूं थारा घरे आयो पण तने म्हारा पगहुंण पखाळवा सरु पाणी तक नी द्‍यो, पण इने अपणा आंसुहुंण से म्हारा पगहुंण भिंजाळ्‍या अने अपणा बालहुंण से पोंछ्‌या हे। 45 तने म्हारे चुम्यो हयनी, पण जदसे हूं आयो, इने म्हारा पगहुंण के चुमणो नी छोड़्यो। 46 तने म्हारा माथा माय तेल नी मळ्यो, पण इने म्हारा पगहुंण पे अतर मळ्यो हे। 47 इकासरु हूं थार से कूं इने घणो जादा परेम कर्‌यो क्योंके इका पाप, जो नरा था, मांफ कर्‌या ग्या। पण उ जेका जरासा पाप मांफ कर्‌या उके थोड़ोक परेम रे हे।"
48 अने उने नारी से क्यो, "थारा पाप मांफ कर्‌या ग्या हे।"
49 तो वी मनख जो उका गेले जिमवा बेठ्या था अपणा अपणा मन माय केवा लाग्या, "यो मनख कुंण हे जो पापहुंण के बी मांफ करे हे?"
50 पण ईसु ने उनी नारी से क्यो, "थारा बिसास ने थारो उध्दार कर्‌यो। कुसल से जा।"