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योहन बपतिसमा देवा वाळा की घात
(मरकुस ६.१४–२९; लूका ९.७–९)
1 उना बखत देस का चोथा हिस्सा का राजा हेरोदेस ने ईसु की चरचा सुणी, 2 अने अपणा दासहुंण से क्यो, "यो तो योहन बपतिसमा देवा वाळो हे। यो मर्‌या माय से जी उठ्यो हे, इकासरु ई ताकतहुंण उका माय काम करी री हे।"
3 a हेरोदेस ने तो योहन के बन्दवई के जेळखाना माय लाख्यो थो। कारण यो के हेरोदेस ने अपणा भई फिलिप्पुस की घराळी हेरोदियास के अपणी बइरा बणई ली थी, 4 पण योहन हेरोदेस से क्या करतो थो, "हेरोदियास के राखणो थारा सरु ठीक हयनी।"b इनी वजासे उके जेळखाना माय लाख्यो थो। 5 अने जदके हेरोदेस उके मारी लाखणो चातो थो, फेर बी लोगहुंण से डरतो थो क्योंके वी उके नबी मानता था।
6 पण जदे हेरोदेस को जनम दन आयो तो हेरोदियास की बेटी राजकुमारी ने खुसी से पांमणाहुंण का अदाड़ माय नाची के हेरोदेस राजा के घणो खुस करी लाख्यो। 7 इका पे सोगन खई के हेरोदेस ने बचन द्‍यो के जो कंई तू मांगे, हूं दूंवां।
8 अने मेतारी का केणा पे उने क्यो, "एक परात माय योहन बपतिसमा देवा वाळा को माथो म्हारे अबीहाल यांज दे।"
9 जदके हेरोदेस के दुःख होयो, फेर बी अपणी सोगन अने जिमवा बेठ्या पांमणाहुंण की वजासे, राजा ने हुकम द्‍यो के योहन को माथो काटिके द्‍यो जावे। 10 उने कोइंके मोकली के जेळखाना माय योहन को माथो कटवई लाख्यो। 11 अने उको माथो परात माय लायो अने छोरी राजकुमारी के दई द्‍यो जेके वा अपणी मेतारी कने लई गी। 12 फेर योहन का चेला अई के उका कट्‌या धड़ के लई ग्या अने उणने उके गाड़ी लाख्यो। पाछा जई के उणने ईसु के समिचार द्‍यो।
पांच हज्जार के जिमाड़णो
(मरकुस ६.३०–४४; लूका ९.१०–१७; योहन ६.१–१४)
13 जदे ईसु ने यो सुण्यो, तो उ वां से नाव पे चड़िके कइंकी बिराण जगा आड़ी चल्यो ग्यो जां उ एखलो थो। पण या सुणी के भीड़ का लोग नगर-नगर से पगे-पग उका पाछे चली पड़्या। 14 जदे उ नाव से उतर्‌यो तो उने एक घणी बड़ीमेक भीड़ देखी अने लोगहुंण पे तरस आयो अने उणका बेमारहुंण के नज कर्‌या।
15 जदे सांज हुई तो ईसु का चेलाहुंण उका कने अई के केवा लाग्या, "या सुनी जगा हे अने दन अथणी ग्यो हे; इकासरु भीड़ के बिदा कर, के लोग गांम माय जई के अपणा सरु खाणो-पीणो मोल लई ले।"
16 पण ईसु ने उणकासे क्यो, "उणके जावा की जरुवत हयनी: तमीज उणके खावा सरु दो।"
17 चेलाहुंण ने उकासे क्यो, "हमारा कने सिरप पांच रोटा अने दो मच्छीहुंण हे।"
18 ईसु ने क्यो, "उणके म्हारा कने ल्याव।" 19 तो ईसु ने लोगहुंण के घांस पे बेठाड़वा की कई के, पांच रोटा अने दो मच्छीहुंण के लई अने सरग आड़ी देखी के परमेसर के धन्यबाद द्‍यो अने रोटा का बटका करी-करिके चेलाहुंण के द्‍या अने चेलाहुंण ने लोगहुंण के बांट्या। 20 सगळा खई के धाप्या। फेर बी चेलाहुंण ने बच्या होया कोळ्‍याहुंण से बारा टोपळिहुंण भरिके उठाड़ी। 21 अने खावा वाळाहुंण, बइरा अने बाळकहुंण के छोड़ी के मनखहुंण की गिणती करीब पांच हज्जार थी।
पाणी पे ईसु चल्यो
(मरकुस ६.४५–५२; योहन ६.१५–२१)
22 तो उने झट अपणा चेलाहुंण के नाव पे चड़वा सरु मजबुर कर्‌या के वी उकासे पेलां उना पार जाय, हालाके उ खुदज भीड़ के बिदा करवा लाग्यो। 23 भीड़ के बिदा करवा का बाद ईसु परबत पे एखलो पराथना करवा सरु चल्यो ग्यो। जदे सांज हुई तो उ वां एखलो थो। 24 पण नाव कराड़ा से थोड़ाक कोस दूरc लेर माय झकोळ्‍या खइरी थी, क्योंके बायरो सामे को थो।
25 रात का परोड़ा माय सरवर पे चलतो होयो ईसु उणका कने आयो। 26 जदे चेलाहुंण ने उके सरवर का पाणी पे चलतो होयो देख्यो तो वी घबरई के केवा लाग्या, "यो तो कईं को भूत हे!" अने डर का मारे चिल्‍लई उठ्या।
27 पण ईसु ने झट उणकासे बात करी अने क्यो, "हिम्मत राखो! हूं हे। डरो मती!"
28 तो पतरस ने ईसु से क्यो, "परभु, अगर तूज हे तो म्हारे पाणी पे चली के थारा कने आवा को हुकम दे।"
29 ईसु ने क्यो, "चल्यो आ!" अने पतरस नाव से उतरी के पाणी पे चलतो होयो ईसु आड़ी बड़्यो। 30 पण बायरा के देखी के उ डरी ग्यो, अने डुबवा लाग्यो तो चिल्लाड़्यो, "परभु, म्हारे बचाड़!"
31 ईसु ने झट अपणो हात बड़ई के उके थाम्यो अने क्यो, "हे कमबिसासी, तने सक कायसरु कर्‌यो?"
32 अने जदे वी नाव पे चड़ी ग्या तो बायरो थमी ग्यो। 33 अने जो लोग नाव माय था उणने उके परणाम कर्‌यो अने क्यो, "तू सई मेंज परमेसर को बेटो हे!"
ईसु गन्नेसरत माय लोगहुंण के नज करे
(मरकुस ६.५३–५६)
34 वी पेलां पार हुई के गन्नेसरत का इलाका माय पोंच्या, 35 वां का लोगहुंण ने जदे ईसु के ओळख्यो तो उणने ऐरे-मेरे का इलाका माय समिचार मोकल्या, अने लोग बेमारहुंण के उका कने लाया। 36 वी ईसु से बिणती करवा लाग्या के उ उणके उका चोगा का कोर केज हात लगाड़ी लेणे दे अने जितरा ने हात लगाड़्या, वी सगळा नज हुई ग्या।