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परबत पे से परबचन
(लूका ६.२०–२३)
1 इनी भीड़ के देखी के ईसु परबत पे चड़ी ग्यो, अने जदे बेठी ग्यो तो उका चेलाहुंण उका कने आया। 2 तो उ उणके या साफ-साफ कई के परबचन देवा लाग्यो;
सांची खुसी
(लूका ६.२०-२३)
3 "धन्य हे वी जो मन का गरीब हे,
क्योंके सरग को राज उणकोज हे।
4 a धन्य हे वी जो परमेसर का काम सरु दुःख्याहुंण हे,
क्योंके वी दिलासो पायगा।
5 b धन्य हे वी जो नरम्या हे,
क्योंके वी धरती का हाकिम रेगा।
6 c धन्य हे वी जो धरम-न्याव का भूका अने तिरस्या हे,
क्योंके वी तिरप कर्‌या जायगा।
7 धन्य हे वी जो दयालु हे,
क्योंके उणका पे दया करी जायगा।
8 d धन्य हे वी जिणका हिरदा साफ हे,
क्योंके वी परमेसर के देखेगा।
9 धन्य हे वी जो मेळ करवाणे वाळा हे,
क्योंके वी परमेसर का बेटा केवायगा।
10 धन्य हे वी जो धरम-न्याव सरुe सताड़्या जाय हे,
क्योंके सरग को राज उणकोज हे।
11 f धन्य हो तम, जदे लोग म्हारा सरु तमारे कोसे, तमारे दुःख दे अने झुंटा बोली-बोली के तमारा बिरोद माय सगळी तरा की बातहुंण के 12 g खुस अने मगन री जो, क्योंके सरग माय तमारा सरु फळ बड़ो हे। उणने तो उना नबिहुंण के बी जो तमार से पेलां आया था असतरा सताड़्या था।
लूंण अने उजाळो
(मरकुस ९.५०; लूका १४.३४-३५)
13 i तम धरती का लूंण हो। पण अगर लूंण को सुवाद बिगड़ीh जाय तो उ पाछो किकासे खारो कर्‌यो जायगा? उ कंई काम को हयनी सिरप इका के बायरे फेंक्यो जाय अने मनख का पग तळे रोंदायो जाय।
14 j तम जग का उजाळा हो। परबत पे बस्यो होयो नगर छिपी नी सके। 15 k लोग दीयो बाळी के टोपला का निच्चे नी पण अदरे धरे, अने उ घर का सगळा मनख पे उजाळो करे हे। 16 l तमारो उजाळो मनखहुंण का सामे असतरा चळके के वी तमारा अच्छा कामहुंण देखी के तमारा पिता की, जो सरग माय हे, बड़ई करे।
परमेसर से द्‍या नेमहुंण को पूरण होणो
17 यो मती जाणो के हूं परमेसर से द्‍यो नेम-बिधान अने भविसबाणी करवा वाळाहुंण की पोथी के खतम करवा आयो। खतम करवा नी, पण पूरण करवा आयो हूं। 18 n क्योंके हूं तमार से खास बात कूं के जदत्तक असमान अने धरती टळी नी जायm, परमेसर से मिळ्या नेम-बिधान माय से एक हरुप अने टिपकी बी, जदत्तक के सगळो कंई पूरण नी हुई जाय, नी टळेगा। 19 इकासरु जो बी इना नाना से नाना हुकम के नी पाळेगा अने असोज सीखाड़ेगा, उ परमेसर का राज माय नानो से नानो केवायगा; पण जो उणको पाळण करे अने दूसरा के बी सीखाड़ेगा, उ परमेसर का राज माय बड़ो केवायगा। 20 क्योंके हूं तमार से कूं के जदत्तक तमारो धरमी पणो सासतरी अने फरीसिहुंण का धरमी पणा से जादा नी रेगा तो तम परमेसर का राज भित्तरे कदी जई नी सकोगा।
घात
(लूका १२.५७-५९)
21 o "तम सुणी चुक्या हो के पूरखाहुंण से क्यो थो, 'घात नी करनों' अने 'जो घात करेगा, उ सजा का लायक रेगा।' 22 पण हूं तमार से कूं के हरेक जो अपणा भई पे करोध करेp उ सजा का लायक रेगा; अने जो कईं को अपणा भई के निकम्मो केगा उ बड़ी सजा को दोषी रेगा; अने जो कईं को केगा, 'अरे मूरख,' उ नरक की लाय का सजा लायक रेगा। 23 इकासरु अगर तू अपणो चड़ावो बेदी कने लाय अने वां थारे रियाद अई जाय के म्हारा भई से मन मोटाव हे, 24 तो अपणो चड़ावो बेदी का सामे धर अने जई के पेलां अपणा भई से नातो जोड़ी ले अने पाछो अई के अपणो चड़ावो चड़ा।
25 जदके तू रस्ता मेंज अपणा बेरी का गेले हे, तो उकासे झट मेळ-मिळाप करी ले, कंई असो नी होय के बेरी थारे न्यावधीस का सुपरद करी दे, अने न्यावधीस थारे हाकिम का, अने तू जेळखाना माय लाख्यो जाय। 26 हूं थार से सांची कूं जदत्तक तू पई-पई चुकई नी लाखे तदत्तक वां से छुटी नी सकेगा।
ब्योबिचार
27 q "तम सुणी चुक्या हो के क्यो थो, ब्योबिचार नी करनों, 28 पण हूं तमार से कूं के जो कईं को परई बइरा पे बुरी नगे राखे उ अपणा हिरदा माय उकासे ब्योबिचार करी चुक्यो। 29 r अगर थारी जीवणी आंख थार से पाप कराय तो तू उके हेड़ी के फेंकी लाख, क्योंके थारा सरु यो भलो के थारा अंगहुंण माय से एक नास होय, असो नी के थारी आखी काया नरक माय लाखी जाय। 30 s अगर थारो जीवणो हात थार से पाप कराय तो उके काटी के दूरो फेंकी लाख क्योंके थारा सरु योज भलो हे के थारो एक अंग नास हुई जाय, असो नी होय के थारी आखी काया नरक माय लाखी जाय।
फारकती
(मत्ती १९.९; मरकुस १०.११,१२; लूका १६.१८)
31 t "यो क्यो थो, 'जो कईं को अपणी बइरा के फारकती देणो चाय उ उके फारकती लिखी के दई दे।' 32 u पण हूं तमार से कूं के हरेक जो ब्योबिचार के छोड़ी के दूसरा कइंका कारण से अपणी घराळी के फारकती दे, तो उ उकासे ब्योबिचार कराय हे। अने जो कईं को फारकती दई हुई से ब्याव करे, उ ब्योबिचार करे हे।"
सोगन
33 v फेर, तम सुणी चुक्या हो के पूरखाहुंण से क्यो थो, 'तम झुंटी सोगन मती खावजो, पण परभु सरु अपणी सोगनहुंण के पूरण करजो।' 34 w पण हूं तमार से कूं के कदी सोगन मती खावजो; नी तो सरग की, क्योंके उ परमेसर को सिंगासण हे; 35 x नीज धरती की, क्योंके वा उका पगहुंण की चोकी हे; नीज यरुसलेम नगर की, क्योंके उ म्हाराजा को नगर हे। 36 अपणा माथा की बी सोगन मती खावजो, क्योंके तू अपणा एक बाल के बी धोळो या काळो नी करी सके। 37 पण तमारी बात हां की हां अने नी की नी रे, क्योंके जो कंई इका से जादा होय हे, सेतान आड़ी से होय हे।
बदळो
(लूका ६.२९–३०)
38 y तमने सुण्यो हे के क्यो थो, आंख का मिसे आंख अने दांत का मिसे दांत 39 पण हूं तमार से कूं के बुरा को सामो नी करनों पण जो थारा जीवणा गाल पे झापट मारे तो उका आड़ी दूसरो फेरी लाख। 40 अने अगर कईं को थार पे दावो करिके थारो कुरतो लेणो चावे तो उके कोट बी लई लेवा दे। 41 अने अगर थारे कईं को जबरजस्ती एक कोसz लई जाय, तो उका गेले दो कोस चल्यो जाजे। 42 जो थार से मांगे उके दे, अने जो थार से उदार लेणो चावे उकासे मुन्डो मती फेरजे।
बेरिहुंण से परेम
(लूका ६.२७,२८,३२–३६)
43 a तम सुणी चुक्या हो के क्यो थो, 'तू अपणा पड़ोसी से परेम राखजे अने अपणा बेरी से बेर। 44 पण हूं तमार से कूं, अपणा बेरिहुंण से परेम राखजो अने जो तमारे सताड़े, उणका सरु बिणती करजो। 45 जेकासे के तम अपणा सरग पिता की सन्तान बणी सको, क्योंके उ अपणो सूरज भला अने बुराहुंण दोई पे उगाड़े हे, अने धरमिहुंण अने अधरमिहुंण दोई पे पाणी बरसावे हे। 46 क्योंके तम उणकासे परेम राखो जो तमार से परेम राखे तो तमारे कंई फळ मिळेगा? पण कर वसुळवा वाळा बी असाज करे। 47 अगर तम सिरप अपणा भई-बेनहुंण केज परणाम करो हो तो कां को बड़ई को काम करो हो? कंई जो परमेसर के नी जाणे वी असोज नी करे? 48 b तो तम सिद्द बणो, जसो के तमारो सरग पिता सिद्द हे।