बोलि-भाषा मिं गड़बड़
(उत्‍पत्ति ११:१-९)
11
1 नूहक बखत मिं परमेश्‍वरल पाणिल धरति कैं बरबाद करौ। वीक बाद जब पुर दुनी मिं मैंस फिर भौत बढ़ ग्‍याछी, तब उनरि एक बोलि भाषा छी। मैंस यक्‍कै भाषा मिं बुलांछी। 2 जब मैंस पूरब दिशा बे बॉट लागिबेर शिनार देश मिं एक मैदान जॉग मिं रुणक लिजी रुकीं, 3 तब उनुल आपस मिं कौ, "आओ, हम ईंट बणैबेर उनुकैं ऑग मिं पकूंनू, जैल उं मजबूत है जॉल।
4 हम आपण लिजी एक नगर बणूंनू और वीक बीच मिं एक भौत उंच्‍चि मिनार लै जो कि अगाश तलक पुजलि, और तब हम सब प्रसिद्ध है जूंल। और हम धरति मिं इथां-उथां, अलग-अलग नि जूंल, लेकिन यैं एक दगाड़ रूंल।"
5 तब प्रभु परमेश्‍वर उ नगर और मिनार कैं देखणक लिजी स्‍वर्ग बे धरति मिं आये और उनुल मैंसों कैं यौ सब बणूण देखौ। 6 उनुल कौ, "यौं सबै मैंस एक भाषा बुलांनी और एक दगाड़ रुंनी। अगर उं इदुक करि सकनी, तब वीक बाद यौं के नि करॉल? और उं भौत जल्‍दी यौ सब करण भै जॉल जो उं करण चांनी।
यैक लिजी आओ, हम इनरि भाषा मिं गड़बड़ी करि दिंनू, जैल यौं एक दुसरक भाषा कैं नि समझि सको।"
8 फिर परमेश्‍वरल उं मैंसोंक भाषा मिं भैम डॉलौ और तब मैंसोंल नगर कैं बणूणक काम अद्‌पुर छोड़ि दे। 9 उ दिन बे उ जॉगक नाम "बाबुल" पड़ौ, यैक मतलब छु "भैम"। किलैकि यां बटी उनरि भाषा मिं परमेश्‍वरक जरियल भैम पैद हौ, जैल उं मैंस अलग-अलग देशों मिं जानै रईं।