पाणि सुखुं
(उत्पत्ति ८:१-१२)
8
1-2 तब परमेश्वरल नूह और जो वीक दगाड़ जहाज मिं छी उनुकैं बचूणक लिजी हाव चलैबेर द्यो बन्द करौ। 3 और जो पाणि मिं धरति डुब रैछी उ पाणि घटण भैटौ। 4 तब द्यो लागणक पांच म्हैणक बाद, जहाज अरारात नामक पहाड़ मिं टकरैबेर रुकि पड़ौ। 5 और यैक बाद लै पाणि घटनै गो और ढाइ म्हैणक बाद पहाड़क टुक पाणिक मांथि मिं देखीण भैटीं।6 यैक चालीस दिनक बाद जहाजकि खिड़कि खोलिबेर नूहल एक काव भ्यार उड़ा। 7 और जब तलक धरतिक पाणि सुक नि गोय तब तलक उ इथां-उथां उड़नै रौ।
8 फिर नूहल एक कबुतर कैं यौ जाणणक लिजी उड़ा कि धरतिक पाणि सुकछै या नि सुक। 9 कबुतर कै कैं लै बैठणकि जॉग नि मिली किलैकि धरति मिं पाणि-पाणि छी। यैक लिजी कबुतर लौटिबेर नूहक पास वापिस आ।
10 यैक सात दिनक बाद नूहल कबुतर कैं दुबार उड़ा। 11 कबुतर ब्याव बखत नूहक पास आ और अहा, वीक खाप मिं एक तॉज जैतूनक पात छी, जो यौ बातक सबूत छी कि धरति सुक सग गे। 12 यैक सात दिनक बाद नूहल कबुतर कैं फिर उड़ा, और यौ बार कबुतर दुबार वापिस नि आय।
नूह राठ जहाज बे उंनी
(उत्पत्ति ८:१३-१९)
13-16 द्यो लागणक एक साल दस दिनक बाद परमेश्वरल नूह धैं कौ, "ऑब तु, तेरि स्यैणि और त्यार च्याल-ब्वारि जहाज बे भ्यार आओ, 17 और सब जानवरों कैं लै जो तुमर दगाड़ छन, भ्यार ल्याओ। और यौं जानवर आपण वंश कैं भौत बढ़ाल और धरति कैं फिर भर द्याल।"
18 तब नूह आपण स्यैणि और च्याल ब्वारियोंक दगाड़ जहाज बे भ्यार आ। 19 और सब जानवरोंक ज्वाड़ लै जहाज बे भ्यार आईं।
परमेश्वर नूहक दगाड़ वैद करणईं
(उत्पत्ति ८:२०,९:१-१९)
20 तब नूहल एक वेदी बणैबेर परमेश्वर कैं धन्यवाद दिणक लिजी उ वेदी मिं हरेक शुद्ध जानवरों मिं बे एक-एक जानवर जलैबेर प्रभु परमेश्वर कैं बली चढ़ै। 21 तब परमेश्वर भेट चढ़ाई जानवरोंक खुशबु सुङिबेर खुशि हईं। और उनुल आपण मन-मनै कौ, "मी मैंसोंक कारणल धरति कैं दुबार कभै फिटकार नि द्यूंल। मैंस नॉनछिना बे गलत बातों कैं सोचण भै जां, फिर लै मी आज बे दुबार कभै लै धरति कैं बरबाद नि करुंल। 22 और जब तलक यौ धरति रौलि उ दिन तलक खेति ब्वैणक और कॉटणक बखत इसिकै उनै रौल और धरति मिं हृयून-चौमास, दिन-रात लै हुनै रौल।"