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1 किबेकि हर एक महायाजक मणशा मेज़ा का ही हुँदा होर मणशा बे ही तया गला रे बारे में ज़ोह दईबे संघा सम्बन्ध डाहंदा तिही ठराउंदा कि भेंट होर पाप बल़ी चढाए करे । 2 सह अज्ञानी होर बहूले भटके संघा नर्मी संघा ब्यबहार करी सका, एतकि तणी कि सह आपु भी निर्बलता का घिरू द साहा । 3 एतकि तणी लोढी कि जेढ़े लोका बे तेढे ही आपु बे भी पाप बल़ी चढाए करे। 4 यह आदरा र पद आपणे आपा का ,जेब्रे तणी कि हारुना रे बराबर दईब री तरफा का नांई ठहराए । 5 तेढे ही मसीहे भी महायाजक बणाउंणे री बड़ेाई आपणे आपु का नांई लई, पर तेऊ बे तेहुए दिन्नी, जूणी तेऊ बे बोलू, । तुह मेरअ शोहरू साहा, आझ माँईं ही तुह पैदा करू ।” 6 एउ साबे सह दूजी जागहा में भी बोला, “ तुह मालकिसिदक री रीति पैंदे सदा बे याजक साहा ।” 7 यीशु आपणी देहा में रहंणे बे ध्याड़ी में ज़ोरे लेरी-लेरी करे होर आशु बहाई करे तेऊ का ज़ोह तेउ मऊती का बचाई सका, प्रार्थना होर बिनती करी, होर भक्ति रे कारण तेउरी शुणी । 8 शोहरू हूँणे में भी तेऊ दुःख चुआकी-चुआकी करे आज्ञा मनणी सीखी, 9 होर सिद बणी करे, आपणे सब आज्ञा मनण आल़े बे सदा काला रे उद्धारा रा कारण होऊ , 10 होर तेऊ दईब री तरफा का मलिकिसिदक री रीति पैंदे महायाजका र पद भेटअ ।बुशाह का भटकणे रा परिणाम
11 तेउरे बारे में हामा बहू गला बोलणाी, ज़ासका समझणा भी मुशिकल साहा, एतकि तणी कि तमेे ज़ोरे शुणदे लागे । 12 टाईमा रे बचारा का तेबा तमेें गुरु होई लोढ़ी, तिही तेबा भी यह जरूरी होऊ कि तमा दईब रे बचना आदि री शिक्षा(पिछलीतिही पुराणीतिही पहिकली) भी सखाय ।तमेे त एढ़े होई कि तमा नाज़ा रे बदल़े एबा तणी दूध ही लोढ़ी । 13 किबेकि दुधा झूटण आल़े बच्चे त धर्मा रे बचना री पछेण नांई हुँदी, किबेकि सह बालक साहा । 14 पर नाझ सैणे बे साहा, ज़ासकी ज्ञानाईंद्री अभ्यास करदे-करदे भले बुरे में भेद करणे में निपुण (माहिर)होई दी साहा ।