मऊती क जीबन फरे
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1 होर तेऊ तमे भी जिउंदे करी, ज़ोहे आपणे अपराधा होर पापा रे करण मुएँ दे तिही 2 ज़ासु में तमे पहिले एउ संसारा री रीति पेंदे , होर स्वर्गा रे अधिकारा रे अधिपति *अर्थात तेऊ आत्मा रे साबे चला तिही, ज़ोहे एबा भी आज्ञा नांईं मनण आल़े में काम करा । 3 याह में हामें भी सब रे सब पहिले आपणे शरीरा री लालसा में ध्याड़े बिताउंदा तिही, होर शरीर, होर मन री इच्छा पूरी करा तिही , होर होरी लोका रे बराबर स्वभावा ही का रोषा री सन्तान (शोहरु ) तिही । 4 पर दईबे ज़ोहे दया रे सेठ साहा ; आपणे तेऊ बड़े प्रेमा रे कारण ज़ासु संघे तेऊ हामे संघे प्रेम करू । 5 ज़ेबा हामे अपराधा रे करण मुएँ दे तिही, तेवा हामे मसीहे संघे जिउंदे होई (अनुग्रहा ही का ही थारा उदार होऊ ) , 6 होर मसीह यीशु में तेऊ संघे चुआकू, होर स्बर्गा री ज़ाघा में तेऊ संघे बश्यागी । 7 कि सह आपणी तेसा दया का ज़ोह मसीह यीशु में हामा पेंदे साहा, ईंहंण आल़े टाईमा में आपणे अनुग्रहा रे असीम धन रिहाई । 8 किवै कि बुशाह रे दुआरा अनुग्रहा ही का थारा उदार होऊ, होर यह थारी ओरा का नांईं ,पर दईबा रा दान साहा ; 9 होर नाह कर्मा रे करण, एढा नांईं होए कि कोई घमण्ड करे । 10 किबेकि हामे तेऊ रे बणाई दे साहा *, होर मसीह यीशु में त्याह भले कामा री तणी सृजी जूणा दईबे पहिले का म्हारे कामा करने वै तयार करी ।
मसीहा में एक
11 एउ कारण याद करा ,कि तमे ज़ोह शरीरिक रीति का अन्यजाति हो ,(होर जोह लोका शरीरा में हाथा का करी दे खतने का खतना आल़े कहलाउंदा ,तया तमा बे खतना रहित बोला ) 12 तमे लोका तेऊ टाईमे मसीहा का अलग होर इस्राएला री प्राज रे पदा का अलग करी दे , होर प्रतिज्ञा री बाचा रे भगी नांईं तिही , होर आशाहिन होर जगता में दईब रहित तिही । 13 पर एबा मसीह यीशु में तमे ज़ोहे पहिले दूरे तिही मसीहे रे लोहू रे दुआरा नेढ होई । 14 किबेकि सहे म्हारा मेल साहा ,जूणी दुहे एक करी होर अलग कर्ण आल़ी दिबार ज़ोह मझे तिही, काढ़ी तिही | 15 होर आपणे शरीरा में बइर* अर्थात सह व्यबस्था ज़ासकी आज्ञा बिधि री रीति में तिही , मिटाई कि दुही का आपु में एक नउंईं जाति पैदा करी करे मेल कराए , 16 होर क्रूसा में बइर नाश करी करे एउ रे दुआरा दुही एक देह बणाई करे दईबे संघे मलाए । 17 तेऊ इच्छी करे तमे ज़ोह दूर तिही, होर त्याह ज़ोहे नेढ तिही ,दुही वै मेल मिलापा (शान्ति) रे सुसमाचार शुणाऊ । 18 किवै कि तेहू रे दुआरा हामा दुही री एक आत्मा में बापू सेटा पहुँच हूँदा । 19 एतकि तणी तमे परदेशी होर मुसाफिर नांईं रही , पर पबित्र लोका रे संघी स्बदशी होर दईब रे घराने रे होई । 20 होर प्रेरित होर ज़ोद्शी री निबा पेंदे ज़ासके कुंणे र पाथर यीशु मसीह आप ही साहा , बणाई दे साहा । 21 ज़ासु में सारी रचना एकी बारी कठे मलाई करे प्रभु में एक पबित्र देहुरअ बणाउंदी रहंदा , 22 ज़ासु में तमे भी आत्मा रे दुआरा दईबा रे रहंणे री ज़ाघा हूँणे वै एकी बारी *बणाउंदा ।