दईबा का प्रेम
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1 पर जेवा हामे बुशाह का धर्मी होए तेवा आपणे यीशु मसीहा रे जरिये दईबा का मेल डाहे , 2 जासू का बुशाह रे कारण तेउ अनुग्रह री तणी जासू में हामे बणी दे साहा , हामे पूजी भी सका , होर दईबा री महिमा री आशा पेंदे घमण्ड करे । 3 पर यहे नाईं , हामे दुखा में भी घमण्ड करे , यह जांणी करे कि दुखा का धीराज , 4 होर धीरजा का खरे निखल्दा , होर खरे निखल्णे का आशा पैदा हुंदा । 5 होर आशा का लज्जा नाईं हूँदी तिही किबेकि ज़ोह पवित्र आत्मा हामा वै दिंनदी साहा तेता का दईबा रा प्रेम हमारे मने पऊदा साहा । 6 किवेकी जेबा हामे कमजोर तिही तेवा मसीहा ठीक टाईमें भक्तिहिना री तणी मरु । 7 कासु धर्मी मणशा री तणी कोई मरे , यह तो कमजोर साहा ;पर होई सका कोई भले मणशा री तणी मरणे री हिम्मत करे । 8 पर दईबे हामा पेंदे आपणे प्रेम री भलाई एडे साबे प्रकट करी , कि जेबरे हामें पापी ही तिही तेबरे मसीहा हमारी तणी मुयं । 9 पर एवा हामे तेउ रे लोहू रे कारण धर्मी होई , तेवा हामे दईबा रे रोषा का किवै नाईं बचने ? 10 किबेकि दुश्मण हुणे री दशा ा में तेउ रे शोहरु री मऊत का हमारा मेल दईबा संघे होऊ , तेवा मेल हुणे पेंदे तेउ रे जीबना का हामे उद्धार किवै नाईं पाये ? 11 सीधी यह नाईं , पर हामें आपण दईबा यीशु मसीहा का , जासू का हमारा मेल होऊ , दईबा में खुश साहा ।आदमा का मरणा -मसीहा का जिउणा
12 तेवा जेहडा एकी मणश का पाप संसारीा में आउआ , होर पापा का मृत्यु आई , होर एडे सावे मृत्यु सभी मणश में फैली किबेकि सभी पापी करूदा । 13 व्यवस्था रे दीणे री तणी पाप संसारीा में तो तिही पर ज्खे व्यवस्था नाईं त्खे पाप नाईं गिन्दा । 14 तेवा आदमा ओरी का लई करे मूसा तणी मृत्यु त्याह लोका पेंदे राजा करा , जासुये तेउ आदम री आज्ञाकारिता रे बराबर पाप नाईं करू ज़ोह तेउ इहणे आल़े रअ निशान साहा , । 15 पर जेहडा अपराधी री दशा ा साहा , तेडा अनुग्रह रे वरदान री नाईं , किबेकि जेवा एकी मणश रअ अपराधा का बहू लोका मुये तेवा दईबा रअ अनुग्रह होर तेउरा ज़ोह दान एकी मणश वै , मतलब यीशु मसीहा रे अनुग्रहा का होऊ बहू लोका री जरूरत तक पूरी होऊ । 16 जेहडा एकी मणश रे पापा करणे रा फल होऊ , जेहडा दाना री दशा ा नाईं , किबेकि एकी री बजहा री दशा ा का दंडा री आज्ञा रा फैसला होऊ , पर बहुये अपराधी का एडा वरदान पैदा होऊ की लोका धर्मी होई । 17 किबेकि जेवा एकी मणश रअ अपराधी री बजहा का मृत्यु ही राज्य करे , तेवा ज़ोह लोका अनुग्रह होर धर्मी रामब्डे डगे वरदान पाऊले त्याह एकी मणशा रे , होर यीशु मसीहा ही अनन्त जीबना में ही राज करणा 18 तेवा जेहडा एक अपराधी सभी मणशा वै दंडा री आज्ञा री बजहे होई तेहडा ही एक धर्म रे काम भी सभी मणश वै त्याहा री जिन्दगी रे सावे धर्मी हुणे री बजह होई । 19 किवैकि जेहडा एकी मणश री आज्ञा नाईं मनने का बहु लोका पापी होई , तेडा ही एकी री आज्ञा मनने का बहु लोका धर्मी होई । 20 व्यवस्था बीचे आई , की आपराध बहू लोढ़ी होई , पर ज्खे पाप होऊ त्खे अनुग्रह भी बहु होऊ 21 कि जेडा पाप मृत्यु फैलाई करे राजा करू तेडा ही हमारे दईबा यीशु मसीहा रअ अनुग्रह में भी अनन्त जीवन वै धर्मी हुणे वै राजा करे ।