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1 ई बजेसुं आवो आपा मसी की सक्षा की सरूवात की बाता न्अ छोड़र सिद्ध सक्षा मं आग्अ बडा। अर आपा सरूवात की सक्षा की नीव फेरसुं कोन्अ पटका जस्यान क आपान्अ मोत की ओड़ी लेजाबाळा कामा सुं मन फराबो अर परमेसर माळ्अ बस्वास करबो, 2 अर बतिस्मा की सक्षा अर हाथ मेलबा, मरेड़ा को फेरू जीन्दो होबो, अर वो आखरी न्याय की नीव फेरसुं कोन्अ पटका। 3 अर ज्यो परमेसर छाव्अ तो आपा याई करअला।
4 क्युं क ज्यांन्अ एकबार उजाळो मलग्यो, अर ज्यो सरग का बरदान को स्वाद चाख लिया। अर ज्यो पवितर-आत्मा का सीरी होगा। 5 अर परमेसर का बचन अर आबाळा जुग की तागत को सुवाद चाख लिया। 6 अर ज्यो वे भटक जाव्अ तो फेर वान्अ फेरू मन फरार परमेसर का गेला मं पाछो ल्याबो कळ्डो छ। क्युं क वे परमेसर का छोरा न्अ फेर करूस माळ्अ चढ़ाव्अ छ, अर चोड़्अ-धाड़्अ बीको अपमान करअ छ।
7-8 क्युं क बा जमी कांटा-झाड़ पैदा करअ छ तो बा बनाकाम की छ, अर बी माळ्अ परमेसर को सराप आबाळो छ, अर बा आखरी मं आग सुं नास होबाळी छ। पण परमेसर उं जमी न्अ आसिस देव्अ छ, ज्यो जमी बरखा का पाणी न्अ ज्यो उंप्अ पड़्अ छ, बीन्अ पी पीर ज्यां लोगबागा क बेई वा बाई गई छ, वांका फायदा की पैदा उपजाव्अ छ।
9 ह प्यारा भायाओ, म्हे या खेवां छा, पण थांका बारा मं इसुं चोखी बाता को भरोसो करां छा, ज्यो थांकी मुक्‍ति का बारा मं छ। 10 क्युं क परमेसर अन्याय कोन्अ क थांका काम अर बी परेम न्अ भूल जाव्अ ज्यो थे बीका नांऊ क ताणी अस्यान दखाया छो क दूसरा बस्वासी मनखा की सेवा कर्या छो अर कर बी रया छो। 11 पण म्हे चावां छा क थाम्अ सुं हरेक आखरी ताणी पुरा मन सुं जोरी करो क थांकी आस पूरी हो जाव्अ। 12 म्हे या कोन्अ चावां क थे आळसी हो जावो। पण बांकी जस्यान चालो ज्यो बस्वास अर सबर रांखर परमेसर की परतिज्ञा न्अ पाव्अ छ।
परमेसर की पक्‍की परतिज्ञा
13 अर जद्‍या परमेसर अबराम सुं वादो कर्यो छो उं बगत कोई बीसुं बड़ो कोन छो तो वो खुदकी सोगन खार खियो क, 14 “म या सोगन खाउ छु क म तन्अ आसीर्वाद देऊलो अर तन्अ घणासारा छोरा-छोरी देऊलो।” 15 अर अबराम सबर रांखर परमेसर जी बात को वादो कर्यो छो बीन्अ पालियो। 16 लोगबाग खुदसुं बडा की सोगन खाव्अ छ अर सोगन सुं बांकी बात पक्‍की होव्अ छ अर बाका सबळा बिवादा को सुलझावड़ो हो जाव्अ छ। 17 परमेसर खुदकी सोगन सुं वादा का वारिस न्अ या बात न्अ ओर साफ करबो छाव्अ छ क बीको बचन कोन टळ सक्अ, वो सोगन सुं वादा न्अ पक्‍को कर्यो। 18 अर अण्डअ कोन बदलबाळी दो बाता सुं परमेसर को झूंट बोलबो अणोतो छ, जिसुं आपान्अ गाढ़ी हिम्मत होव्अ छ, सरण लेबाळा आपा सामान्अ धरी आस न्अ बणाया रांखा। 19 बा आसा आपणा जीव क ताणी पक्‍को अर मजबूत सोअरो छ। अर पड़दा क मायन्अ ताणी पूंछ्अ छ। 20 जड़्अ ईसु आपसुं पेली आपण्अ बेई पुंचग्यो अर मलिकिसिदक की रीत प सदा को महायाजक बणर बड़यो छ।