सेवा करबाळा का बारा म आज्ञा
6
1 जतरा दास छ वे खुदका मालिक न्अ घणा आदरहाळा समझणी चायजे जिसुं परमेसर का नांऊ अर म्हाका परबचना की बराई कोन होव्अ। 2 अर अस्यान का सेवा करबाळा ज्यांका मालिक बस्वासी छ बस जिसुं क वे वांका धरम भाई छ वांक्अ बेई सम्मान कम कोन दखाणी चायजे पण वान्अ तो खुदका मालिका की ओर साऊटी सेवा करणी चायजे क्युं क ज्यांन्अ वांको फायदो मलर्यो छ वे बस्वासी छ, ज्यांन्अ वे परेम करअ छ।यां बाता न्अ सखाता रेवो अर यांको परचार करता रेवो।
झूंटी सक्ष्या अर सांचो धन
3 अर ज्यो कोई यांसुं न्यारी बाता सखाव्अ छ अर आपणा परबु ईसु मसी का चोखा बचना न्अ कोन मान्अ अर भगती सुं भरी सक्ष्या सुं सेमत कोन होव्अ, 4 तो वो अंहकार सुं फुलर्यो छ अर कांई बी कोन जाण्अ। वो तो बरा सुवाल-जुवाब करबा अर सब्दा न्अ लेर लड़बा की बिमारी सुं बिमार छ। यां बाता सुं तो बळ्यामरबो, बेर, बराई का बच्यार अर गाळबको होव्अ छ। 5 वां मनखा क गाब्अ ज्यांकी बुद्धि बगड़गी, लगतमार बण्या रेबा जस्यानका बिचार पैदा होव्अ छ, वे सांच सुं न्यारा छ। अस्यान का मनखा का बच्यार छ क परमेसर की सेवा धन कमाबा को एक साधन छ।
6 सान्ति की साथ परमेसर की सेवा-भगती मं राजी रेबाळोई भागवान छ। 7 क्युं क आपा संसार म न्अ तो कोई-कांई लेर आया छा अर न्अ अण्डअ सुं कोई-कांई लेर जाव्अला। 8 तो फेर ज्यो आपण्अ कन्अ रोटी अर लत्ता छ तो आपा उम्अ'ई राजी छा। 9 पण वे ज्यो भागवान बणबो छाव्अ छ, लालच मं पड़र जयाळ म फस जाव्अ छ। वान्अ अस्यान की मूरख बणाबाळी अर नास करबाळी मन्सा लपेट लेव्अ छ, ज्यो लोगा न्अ नास अर बरबादी की खाई मं धखो देव्अ छ। 10 क्युं क धन को परेम हरेक तरा की बराई न्अ पदा करअ छ। जिन्अ लेबा बेई घणा मनख खुदकी मन्सा की बजेसुं बस्वास मं पाछ्अ सरकग्या अर वे खुद बेई घणा दुख बणालिया।
याद रखाणबाळी बाता
11 पण तु, ज्यो परमेसर न्अ मान्अ छ, यां बाता सुं आंतरअ रेह अर धार्मिकता, भगतीहाळी सेवा, बस्वास, परेम, थरचा अर नम्रता मं लाग्यो रेह। 12 बस्वास की चोखी कुस्ती लड़ अर उं सदामेस की जन्दगी न्अ जीत ल, जिबेई तु बलायो गियो छ अर जिन्अ तु घणासारा गुवा क साम्अ खुब चोखा मान्यो छ। 13 aपरमेसर क साम्अ, ज्यो सबळा न्अ जन्दगी देव्अ छ अर पिन्तुस पिलातुस क साम्अ घणी चोखी गुवाई देबाळा मसी ईसु मं, म थन्अ या आज्ञा देऊ छु, 14 आपणा परबु ईसु मसी क परगट होबा ताणी, थन्अ ज्यो आज्ञा दी गई छ, तु उंप्अई कोई कमी रखाण्या बना नरदोष भाऊ सुं चालतो रे। 15 जिन्अ वो परम धनै, एक छतर, राजा को राजो अर सम्राटा को परबु एकधम चोखी बगत आया सुं प्रगट कर देव्अलो। 16 अर वा अमरता उंकी'ई छ, अर वो अस्या उजाळा मं रेव्अ छ जिकन्अ कोई कोन पूंच सक्अ। न्अ उन्अ कोई मनख देख्यो अर न्अ कद्या देख सक्अलो, उंकी महमा अर राज जुगजुग ताणी रेव्अलो। अस्यान'ई होव्अ।
17 ई दुनिया मं ज्यो भागवान बण मेल्या छ, वान्अ आज्ञा देवो क वे गरव कोन करअ। या उं धन सुं ज्यो बेगोई चल जाव्अलो कोई आसा कोन रखाण्अ। पण परमेसर पेई खुदकी आस रखाण्अ ज्यो आपान्अ आपणा आण्द बेई सब उळ्ळाई सुं देव्अ छ। 18 वान्अ आज्ञा द्अ क वे चोखा-चोखा काम करअ। चोखा कामा सुंई भागवान बण्अ। उदार रेव्अ अर दूसरा की लारा खुदकी चीजा बांट्अ। 19 अस्यान करबा सुंई वे सरग का भण्डार मं धन भेळो करअला ज्यो आबाळा दना मं गाढ़ी निम साबित होव्अलो। इसुंई वे सांची जन्दगी न्अ पकड़या रेव्अला।
20 ह तीमुथियुस, थन्अ परमेसर ज्यो सुप्यो छ, उंकी रुखाळी करज्यो। संसार की बनाकाम की बाता सुं बच्यो रिज्यो। अर ज्यो “झूंटा ज्ञान” सुं जुड़ी फालतु को बिरोधी बस्वास छ वांसु आंतरअ रे। 21 क्युं क एकात मनख वान्अ मानता होया सांचा बस्वास सुं हटग्या।
परमेसर की दीया थां सबळा की लारा बणी रेव्अ।