परमेसर का हाळी
3
1 अरअ भायाओ, म थां लोगा सुं वस्यान कोन बतळा सक्यो जस्यान संसार का मनखा सुं, अर वासुं ज्यो मसी मं बाळक छ। 2 aम थान्अ दूध पायो छु, अन्‍न कोन खुवायो क्युं क अबार थे उन्अ कोन खा सक्अ छा अर थे उन्अ आज बी कोन्अ खा सको 3 क्युं क थे हालताणी बी संसार का छो। जिसुं थाम्अ ईर्ष्या अर झगड़ा मेजुद छ। तो थे संसार का कोन्अ कांई? अर थे संसार का मनखा जस्यान को बुवार करो छो। 4 bजद्‍या थाम्अ सुं कोई खेव्अ छ, “म पौलुस को छु” अर दूसरा खेव्अ छ, “म अपुल्‍लोस को छु” तो कांई थे संसार का मनखा जस्यान को बुवार कोन्अ करो?
5 अच्छया तो थे या बतावो अपुल्‍लोस कांई छ अर पौलुस कांई छ? म्हे तो खाली वे हाळी छा ज्यांसुं थे बस्वास न्अ मान्या छो। म्हा मं सुं हरेक वेई काम कर्या छ ज्यो परबु मान्अ सुंप्यो छो। 6 cम बीज बायो छु, अपुल्‍लोस उन्अ पाणी पायो छ, पण उन्अ बढ़ाबाळो तो परमेसर'ई छ। 7 अस्यान न्अ तो वो ज्यो बीज बायो, बड़ो छ, अर न्अ वो ज्यो उन्अ पाणी पायो छ। पण बड़ो तो परमेसर छ ज्यो उन्अ बढ़ायो छ।
8 वो ज्यो बाव्अ छ अर ज्यो पाणी पाव्अ छ, दोन्या को बच्यार एक जस्यान को छ। जिसुं हरेक खुदका काम की मजुरी पाव्अलो। 9 परमेसर की सेवा मं आपा सबळा लारहाळा छा।
थे परमेसर का खेत छो। परमेसर का मन्दर छो। 10 परमेसर की उं दीया सुं ज्यो मन्अ मलेड़ी छ, मं एक चोखा मस्तरी की जस्यान नीमा भर्यो छु। पण बिप्अ चुणबा को काम तो कोई ओर'ई करअ छ पण हरेक न्अ सावचेत होर ध्यान राखणी चायजे क वो बिप्अ चुणाई कस्यान करर्यो छ। 11 क्युं क ज्यो नीमा बणाई गई छ वो खुद ईसु मसी छ अर उसुं हटर दूसरी नीमा कोई डाल'ई कोन्अ सक्अ। 12 अर ज्यो कोई ई नीमा प्अ सोनु या फेर चांदी या फेर मेंहगा मोल का भाटा या फेर लकड़ी या फेर घास फूस या भुसाd लगाव्अ छ 13 तो हरेक मनख का करम दिख्अला क्युं क वो दन वान्अ उजागर कर देव्अलो। क्युं क उं दन लाई आवली अर वा लाई सबळा मनखा का काम न्अ परख्अली क वे काम कस्यान का छ। 14 अर ज्यांका काम उं निम प टक्या रेव्अला वान्अ मजुरी मल्अली। 15 अर ज्यांका काम उं लाई मं बळ जाव्अला वान्अ नुकसाण उठाणी पड़्अलो। पण फेरबी वो खुद वस्यान ई बचर नखळ जाव्अलो जस्यान कोई लाई लागेड़ी घर मं सुं भागर बच नखळ्अ छ।
16 eथे कोन्अ जाणो कांई क थे परमेसर का मन्दर छो अर परमेसर की आत्मा थाम्अ रेव्अ छ? 17 अर ज्यो कोई परमेसर का मन्दर को नुकसाण करअ छ तो परमेसर उन्अ नास कर देव्अलो। क्युं क परमेसर को मन्दर तो पवितर छ। हां, थेई तो छो परमेसर को वो मन्दर।
18 खुदन्अ मत छळो। अर ज्यो थाम्अ सुं कोई या बच्यारअ क ई जमाना मं वो बुद्धिमान छ तो उन्अ तो बस मुरख ई बण्यो रेणो चायजे जिसुं वो सांच्याई बुद्धिमान बणजाव्अ। 19 क्युं क ई संसार को ज्ञान परमेसर क साम्अ मुरखता छ, जस्यान मण्ढर्यो छ क “परमेसर बुद्धिमान न्अ वांकी ई चतराई मं फसाव्अ छ।” 20 अर फेर, “परबु जाण्अ छ क ज्ञान्या का सबळा बच्यार फालतु छ।” 21 जिसुं मनखा प्अ कोई न्अ बी घमण्ड कोन करणी चायजे। क्युं क ये सब तो थांकाई छ। 22 फेर छाव्अ वो पौलुस होव्अ, अपुल्‍लोस होव्अ या फेर कैफा या फेर यो संसार, या जन्दगी, या मोत, छाव्अ ये आज की बाता होव्अ या फेर आबाळा दना की। यो सब थांको'ई तो छ। 23 अर थे मसी का छो अर मसी परमेसर को छ।