बियाव म जीम्बा को कस्सो
22
1 एकबार फेर ईसु वान्अ कस्सा खेबा लाग्यो। वो खियो, 2 “सरग को राज उं राजा जस्यो छ ज्यो खुदका छोरा का बियाऊ को जीम्बो कर्यो। 3 राजो खुदका नोकरा न्अ खन्दायो क वे वा मनखा न्अ बलाल्याव्अ ज्यांन्अ वो नुता दियो छ। पण वे मनख कोन्अ आया।4 “वो नोकरा न्अ फेरू खन्दायो, वो खियो, ‘देखो, रसोई तियार छ। म्हारा पाळेड़ा ज्यानबर न्अ काट दिया। aसब तियार छ। जीम्बा आजावो।’
5 “पण वे नुतेड़ा मनख वाकी परवा कोन्अ कर्या अर चलग्या। कोई खुदका खेता मं काम करबा चलग्या तो कोई खुदका काम धन्धा प। 6 अर एकात मनख तो राजा का नोकरा न्अ पकड़र वान्अ मारया-कुट्या अर वान्अ मार दिया। 7 जिसुं राजो रोषा होर खुदकी सैना खन्दायो अर वे वा हत्यारा न्अ मार दिया अर वांका नगर मं लाई लगा दिया।
8 “फेर राजो खुदका नोकरा न्अ खियो, ‘बियाऊ की रसोई तियार छ पण ज्यांन्अ बलाया छा, वे नकाम नखळ्या। 9 जिसुं गळ्यां कूचा मं जावो अर थान्अ ज्योबी मल्अ वान्अ बियाऊ मं जीम्बा बलाल्यावो।’ 10 फेर नोकर गळ्यां मं गिया अर ज्योबी भला अर बरा मनख वान्अ मल्या वे वान्अ बलाल्याया। अर बियाऊ को घर महमाना सुं भरग्यो।
11 “पण ज्दया महमाना न्अ देखबा राजो आयो तो उन्अ उण्डअ एक अस्यो मनख दिख्यो ज्यो बियाऊ का लत्ता कोन्अ फेर मेल्यो छो। 12 राजो उन्अ खियो, ‘ओ भायला, बियाऊ का लत्ता फेरया बना तु अण्डअ मेईन्अ कस्यान आग्यो?’ पण वो मनख छानो रियो। 13 bजिसुं राजो खुदका नोकरा न्अ खियो, ‘ईका हाथ-पग बांधर बाण्अ अन्धेरा मं फाखद्यो। जण्ढ्अ मनख रोता अर दांत चाबता रेव्अ छ।’”
14 “क्युं क बलायेड़ा तो घणा पण थरपेड़ा चन्याक छ।”
यहूदी नेता की ईसु न्अ उळजाबा की चाल
15 फेर फरीसी चलग्या अर आमा-सामा बतळार एक जुगत बणाया क ईसु न्अ उंकी खुदकी बाता मं कस्यान फसायो जा सक्अ छ। 16 वे खुदका चेला न्अ हेरोदेस की पालटी का एकात मनखा की लार उकन्अ खन्दाया। वे मनख ईसु न्अ खिया, “गरूजी मे जाण्अ छा क तु सांचो छ, तु परमेसर का गेला की सांची सक्ष्या देव्अ छ। अर तु कोई की परवा कोन करअ क्युं क तु मनखा का मुण्ढा देखर बात कोन्अ करअ। 17 तो म्हान्अ बता थारो बच्यार कांई छ क कैसर न्अ चुंगी देबो सई छ या फेर कोन्अ?” 18 ईसु वांकी बरी मनसा न्अ जाणग्यो, जिसुं वो खियो, “ओ दोगलाओ! थे मन्अ क्युं परखबो छावो छो? 19 मन्अ कोई कल्दार दखावो जिसुं थे चुंगी देवो छो।” तो वे उकन्अ एक कल्दार ल्याया। 20 ज्दया वो वान्अ खियो, “ईप्अ कुणको फोटु अर नांऊ छ?” 21 वे उन्अ खिया “माराज कैसर को।” तो वो वान्अ खियो, “चोखो तो ज्यो माराज कैसर को छ वो माराज कैसर न्अ द्यो अर ज्यो परमेसर को छ वो परमेसर न्अ द्यो।” 22 या सुणर वे अचम्बो कर्या अर उन्अ छोड़र चलग्या।
पाछो जीबा को सुवाल
23 cउं दन ई एकात सदूकी ज्यो पाछो जीबा मं बस्वास कोन्अ करअ छा, उकन्अ आया अर उन्अ बुज्या, 24 “गरूजी, मूसा खियो छ क ज्यो कोई बना ओलाद क मर जाव्अ तो उंको भाई, सांकड्अ को लाकती को हेबा की बजेसुं उंकी रांडबेर सुं बियाऊ करअ अर खुदका भाई को बंस चलाबा बेई ओलाद पैदा करअ। 25 अब म्हाक्अ अण्डअ सात भाई छा। पहला को बियाऊ होयो अर फेर वो मरग्यो। पण उंक्अ कोई ओलाद कोन्अ होई, जिसुं उंको भाई उं लुगाई न्अ चुड़ी फरा दियो। 26 अस्यान दूसरो अर तीसरो भाई बी कर्या अर सातू भाया की लार अस्यान'ई होयो। 27 सबळा क पाछ्अ वा बेरबानी बी मरगी। 28 अब फेरू जीवतो होया पाछ्अ वा सातू भाया मं सुं कस्या की लुगाई होवली? वा तो सबळा भाया की लुगाई रेगी छी।” 29 ईसु वान्अ खियो, “थे न्अ तो धरम-सास्तर जाणो अर न्अ परमेसर की सामर्थ, जिसुं भरम मं छो। 30 पाछा जीवता होया पाछ्अ बियाऊ कोन्अ होव्अलो पण वे सरगदूता की न्याई होव्अला। 31 जण्ढ्अ ताणी मरया मं सुं जीवतो होबा को सुवाल छ, थे लोग यो बचन कद्या बी कोन्अ पढ़या कांई ज्यो परमेसर थासुं खियो छो क, 32 ‘म अबराम को परमेसर, इसहाक को परमेसर अर याकूब को परमेसर छु?’ वो मरया को कोन्अ पण जीवता को परमेसर छ।” 33 या सुणर लोगबाग उंकी सक्ष्या सुं घणो अचम्बो कर्या।
सबसु लुंठी आज्ञा
34 ज्दया फरीसी या सुण्या क ईसु सदूक्या को मुण्डो बन्द कर दियो तो वे भेळा होग्या 35 अर वाम्अ सुं एक यहूदी धरम-सास्तरी ईसु न्अ फसाबा की मंसा सुं उन्अ बुज्यो, 36 “गरूजी बेवस्था मं सबसु लुंठी आज्ञा कांई छ?” 37 ईसु उन्अ खियो, “सबळा मन सुं, सबळी आत्मा सुं अर सबळी बुध्दि सुं थन्अ परबु परमेसर सुं परेम करणी चायजे। 38 याई सबळा सुं पेली अर सबसु बड़ी आज्ञा छ। 39 फेर अस्यान की दूसरी आज्ञा या छ ‘खुदका पाड़ोसी सुं अस्यान'ई परेम कर जस्यान तु खुदसुं परेम करअ छ।’ 40 dसबळी मूसा की बेवस्था अर परमेसर की ओड़ी सुं बोलबाळा याई दो आज्ञा प टक्या छ।”
ईसु को सुवाल
41 ज्दया फरीसी भेळा हो मेल्या छा तो, ईसु वान्अ एक सुवाल बुज्यो, 42 “मसी का बारा मं थे कांई बच्यार करो छो क वो कुणको छोरो छ?” वे उन्अ खिया, “दाऊद को”। 43 ईसु वान्अ बुज्यो, “फेर आत्मा सुं भरर दाऊद उन्अ ‘परबु’ खेर या क्युं खियो छो क;
44 “‘परबु म्हारा परबु न्अ खियो;
म्हारा जीवणा हाथ ओड़ी बेठर राज कर
ज्दया ताणी क मं थारा बेरया न्अ थारा पगा तळ्अ कोन्अ कर द्यु।’