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फेर हाय मोके बिल्लोर असन झलकबा बीती जीवन र जल र नदी दकायला जोन मापरू आउर मेम्नार सिंहासन ले निकरीकरी । 2 हाय नगर र सडक र मंजी बहते रये ं नदी र ए पार आउर हाय पार जीवर र गच रये हाय थाने बारा परकार र फल लगते रये आउर हाय हर महीना फलते रये आउर हाय गचर पतर ले जाति जाति र लो चंगा होयते रयेत । 3 फेर शाप ना होयसी आउर मापरू आउर मेम्ना र सिंहासन हाय नगर ने होयसी आउर हांतार दास मन हांतार सेवा करबाय । 4 हाय मन हंातार मुंह दकबाय आउर हांतार नाव तिकर कपाटे लिकि रयसी । 5 फेर राती ना होयसी आउर तिके दीपक आउर सूरज र उजर र जरूरत न होयसी कसन बलले परभु मापरू तिके उजर देसी आउर हाय युगानुयुग राज करबाय । 6 फेर हाय मोके बोलला,“से गोट बिस्वास योग अउर सत आय । परभु जोन भविष्यवक्ता मनर आत्मा र मपरू आय , आपना सरगदूत के इ काजे पटायला कि आपना दास के हाय गोट मन जहार झटके पूरा होयबार जरूरी आय दकाओ । ” 7 “दका मुय झटके आयबीआची ! धन्य आत हाय जोन ए पुस्तक र भविष्यवाणी र गोट मानुआय । ” 8 मुय हाई युहन्ना हाय जोन ए गोट के सुनुआय आउर दकुआय । जडदाय मुय सुनली आउर दकली तेबे जोन सरगदूत मोके ए गोट दकायते रये ।मुय हांतार गोड उपरे दण्डवत करबा काजे घसरी गली । 9 मातर हाय मोके बोलला , “दक असन ना कर , कसन बलले मुय तोर आउर तोर भाई भविष्यबक्ता मन आउर ई पुस्तक र गोट के मानबालोक र संगी दास आय । मापरू के ची दण्डबत कार ।” 10 फेर हाय मोके बोलला , “ए पुस्तक र भविष्यवाणी र गोट मन के ना ढाक कसन बलले समय लगे आचे । 11 जोन अन्याय करूआय हाय अन्यया ची कर ने रओ आउर जसेन धर्मी आय हाय धर्मी बनी रओ आउर जोन पवित्र आय हाय पवित्र अनी रओ । 12 “दक मुय झटके आयबी आयी आउर हर एक र काम र अनुसार बदला देबा काजे प्रतिफल मोर लगे आचे । 13 मुय अल्फा आउर आमेगा पयला आउर अन्तिम आदि आउर अन्त हाय । 14 “धन्य आत हाय मन जोन आपना कपड़ा धोउआत कसन बोलले तिके जीवन र गच लबे आयबा काजे अधिकार मिरसी आउर हाय कपाट ले होइकरी नगर ने ओलबाय । 15 मातर कुकुर आउर ओना आउर व्यभिचारी अउर सबु झूठर चाहबाबीता आउर गठबाबीता बाहरे रयसी । 16 “पुय यीषु आपना सरगदूत के इ काजे पआयला कि तमर छोमे कलिािसया र विषय ने ए गोट र गवाही देओ । मुय दाउदर र मूल आउर वंष आउर सकरिया र चमकबा बीती तारा आय । 17 आत्मा आउर दुल्हन दूनो ओलबात , “आव !” अउर सुनबाबीता बले बोलो “आव जोन पियास ने आये हाय आसेा आउर जोन कोनी चाहबात हाय जीवन र जल सेंतमेत धरो । 18 मुय हर एक के जोन ए पुस्तक र भविष्यवाणी र गोट सुनुआय गवाही देबी आयी कि कानी मुनुक ए गोट ने काई बढायेल नेबे मारू हाय विपती के जोन अ पुस्तक ने लिकलार आये हांतार उपरे बढायसी । 19 कि कानी ए भविष्यवाणी र पुस्तक र गोट ने काई निकराय देले तेबे मापरू हास जीवन र गच आउर पवित्र नगर ले जहार वर्णन ए पुस्तक ने आये हातार भाग निकराय देसी । 20 जोन ई गोट मन र गवाही देउआय हाय ए बोलुआय “ हां मुय झटके आयबी आयी । ” आमीन ! हे परभु इषू आव । 21 परभु यीषु र अनुग्रह पवित्र लोक मन र संगे रओ ! आमीन !