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ई काचे सबु असन बईर भाव आवरी कपट आवरी डाह आवरी निंदा के दूरे करी, 2 नुआ जनमला पिला असन निरमल आतमीक मोरस र आशा करा, की तार बाटले उधर पायबा काचे बाड़ते जाहा, 3 कसन की तामे परभुर किरपार सुआद के चाकला आस। 4 तार लगे आई करी, जोनके माने लोक तो काई कामर ना समझ लाय मातर माहा परभुर लगे बाचला र आवरी खूबे मोलर जीवरला पकना आचे, 5 तमि बलेखुद जीवरला पकना असन आतमार घर बनते जिबा आस, जोनति याजक मनर पबिवर समाज बनी करी, असन आतमार बलिदान चेगाह जोन यीशु मसीह र बाटले माहा परभु के ग्राहा आचे। 6 ई काचे पबितर शासतर ने बले आयला आचेः दका, भय सियोन ने कोन्टार छमर बाचला आवरी खूबे, मोला पकना धरूआयः आवरी जोन कोनी हातार ऊपरे विश्वास कररपी, हाय कोनी निति ले लाजना होये। 7 तेबेः तमर काचे जोन विश्वास करू आत हाय तो खुबे मोलर आय मातर जोन विश्वास ना करते तिकर आत हाय तो खुबे मोलर आय मातर जोन विश्वास ना करते तिकर काचे जोन पकना के राज मिसतरी काई कामर नी आय बली समझी रयेत, हाई कोन्टार छम होयला, 8 आवरी हेस पायला पकना आवरी धोखा खायबार पकना कुड़ा होयला आचे, कसन की हाय मन तो बचन के ना मानी करी ठोकर खाऊ आत आवरी ई काचे होय मन बलाय बले होई रयते। 9 मातर तमि गोटक बाचलार बंश आवरी राजमद धारी याजक मनर समाज आवरी पाहीतर लोक, आवरी (माहा परभुर) खुदर परजा आस, ई काचे की जोन तमके अंधार ले आपना अलग ऊजर ने हाग देला आचे, हातर गुन के छमे आना। 10 तमि पईले तो काई बलेना राहस मातर अबर माहा परभुर परजा आसु, तमर ऊपरे दया ना होई रये मातर अबर तमर ऊपरे दया होयला आचे। 11 हे अच्छा लोक, मय तमके बिनती करबी आची के तमि खुद के परदेशी आवरी यातरी समझी करी हाय संसार अभिलाषा ले जोन आतमा ले लड आय, बाची राहा लडु आय, बाची राहा। 12 दूसरा जाति मन ने तमर चाल चलन अच्छा होओ ; की जोन-जोन गोट मन ने हाय मन तमके कुकरमी मानी करी बदनाम करू आत, हायं मन तमर अच्छा काम मन के दकी करी तिकर लागी किरपा-दीसटीर दिने माहा परभुर महिमा करा। 13 परभु काचे मुनूक काचे सोंगायलार खलू परबंधर अधीन राहा, राजा रई काचे की हायं सबु ऊपरे बड़े आय, 14 आवरी हाकीम मनर, कसन हाय मन के दण्ड देखा आवरी अच्छा काम करू मन के सहरायबा काचे तार पटाय की लार आत। 15 कसन की माहा परभुई ईच्छा ये आय की तमि अच्छा काम करबा बाटले बुद्धी नोयला लोकर गिआन नोयला गोट मन के बंद करी दिआस। 16 आपना खुद के आजाद समक्षा, मातर आपना ये आजादी के खराब चित्र काचे आड़ना बनाहा; मातर आपन खुद के माहा परभुर दास समझी करी राहा। 17 सबूर आदर करा, भाई मन संगे मया सोंगाहा, माह परभु के डरा, राजार ईजत करा। 18 हे सेवक मन, सबु परकार र डर, संगे आपना सामीर अधीन सहा, ना सिदिप तिंकर जोन अच्छा आवरी शान्त भाव होओं मातर तिकर बले जोन टेड़ा आत। 19 कसन की अगर कोनी माहा परभुर बिचार करी, अनि आय ले दुख उठाय करी दण्ड के सहन करू आयतो ये अच्छा आय। 20 कन की अगर तमि गलत करी मार खायलास आवरी धीरजा धरला, आस तो इति काय बड़े गोट आय ? मातर अगर अच्छा काम करी दुख उठाऊ आस आवरी धीरजा धरूआस, तो ये माहापरभु के भांऊ आय। 21 आवरी तमि ई काचे हाग दिआय बले गलाआस, कसन की मसीह बले तमर काचे दुख उठाय करी तमके गोटक आदर्श देई गला आचे की तमि बले तार पद-चिन्ह ने चला। 22 ना तो हांय पाप करला आवरी ना तार मंुह ले छलर कई गोट निकरला। 23 हांय झगड़ा सुनी करी झगड़ा ना करते रये, आवरी दुख उठाय करी कोनी के बले धमकी ना देबार आय, मातर आपन खुद के सचर निआय करूर हाथे सोपते रहे। 24 हाय खुद ची हामर पाप मन के आपनार गागर में धरी कुरूस ने चेगला, जोनति हामि पाप मन काचे मरी करी धरम काचे जीवना जीऊः तार मार खयबा के तमि चंगा हायेलास। 25 कसन तमि पईले हाजला छेली मेण्डी असर रलास, मातर अबर आपनार जीव र राका रऊ आवरी अध्यक्ष लगे बाहड़ी आखला आख।