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ई काजे हे मोर बेटा, तुय हांय अनुगरह ले जोन मसीह यीशु ने आचे, बलवान हो, 2 आवरी जोन गोट मन तुय खूबे असन गवामनर छोमे मोर ले सुनली आस, तिके विश्वासी मुनूक मन के सोंपी देस ; जोन दुसरा मन के बले सिकायबार लाईकर होओ। 3 मसीह यीशुर अच्छा लडुर असन मोर संगे दुख उठाव 4 जड़दाय कोनी लड़ाई लडु लड़ाई ने जाउआय, तो ई काजे की आपना भरती करबा लोक हरिक करो, खुद के संसार र काम मन ने ना फसाये। 5 पाचे अखाड़ा ने लड़बा बिता अगर नियम असन ना लड़े तो मुकुट के ना पाये। 6 जोन भुतियार काम करूआय, फल र भाग ताके पइले मिर बार आचे। 7 जोन मय बलुआय हांके धीआन दिआस, आवरी परभु तोके सबुगोट र समझ देयसी। 8 यीशु मसीह के सोच, जोन दाउद र बोसले होयला आवरी मरला मन थानले जीव उठला, आवरी ए मोर सुसमाचार र लागी आय 9 जांहार काचे मय कुकरम करू असन दुख उठायबी आची, ये लगले की कयदी बले आय ; मांतर माहापरभुर बचन कयद निआय। 10 ई लागी मय बाचला लोक मन काचे सबु के सहन करूंआय की हांय बले हाय उधार जोन मसीह यीशु ने आचे अनन्त महिमा संगे पाओत। 11 ए गोट सेत आय, 12 अगर हांमी धीरजा ले सयते रबू तो तार संगे राज बले करबु ; अगर हांमी ताके मानबू, तो हांय बले हांमके मानसी ; 13 अगर हांमी विश्वासी बले आव, तेबे बले हांय विश्वासी लाईक बनी रउआय ; कसन की हांय खुद आपना के ना मानके सके। 14 ई गोट मनर सुधी तिके देसआवरी परभु र छोमे चिताय देस की शबद मन के तितर-बितर ना करो, जोतति कांई लाभ ना होये मांतर सुनबा लोक नसि जाउआत। 15 खुद के माहापरभुर गरन लाईक आवरी असन काम करबा बिता होयबार कोशिश कर, जोनप लाज पायके ना सकोत, आवरी जोन सतर बचन के अच्छा ले काम ने आनुआय। 16 मंातर अशुद बकवाद ले बाचीरा ; कसन की असन लोक आवरी बले भक्ति में बाड़ते जीबाय, 17 आवारी तिकर बचन सड़ला घाव असन फयलते जायसी। हुमिनयुस आवरी फिलेतुस हांई मन ने आय, 18 जोन ये बलि करी की पुनरूत्थान होयला आचे सत ले भटकी गला आत, आवरी कतक मनर विश्वास के उलट पुलट करी देउआत। 19 तेबे बले माहापरभुर अच्छा भीम बनी रउआय, आवरी हांके ये छापा लागला आचे: “परभु आपना लोक के चिताउ आय” 20 बड़े घर ने ना सिरिप सोना चांदिर चीप र काट आवारी माटीर थाली बटकी बले रउआय ; कोनी - कोनी आदर आवरी कोनी - कोनी आदर नोयला काचे। 21 अगर कोनी खुद के ए मनले शुद्ध करसि, तो हांय आदरर बरतन आवरी पवित्र होयसी ;आवरी सामीर काम आयसी, आवरी सबु अच्छा काम काचे तिआर होयसी। 22 जुआन दायर अभिलाषा मन ले पराहा ; आवरी जोन शुद्ध मन ले परभुर नांव धरूआत तिकर संगे धरम, आवरी विश्वास, आवरी मया आवरी मेल जोल के रंगाव। 23 मांतर मुरक ता अविधार झगड़ा मनले अलगे रा, कसन की तूय जानिस की ये मन ने झगड़ा निकरू आय। 24 परभुर दास के झगड़ा करू ना होयबार आचे, मांतर हांय सबूर संगे नरम आवरी शिकछा ने निपुण आवरी सहन करू होओ। 25 हांय विरोधी मन के नगर ले समझाओं, काय जाने माहापरभु तिके मन बाहड़ायबा मन देओ की हांय मन बले सत के चिताओत ; 26 आवरी एतार लागी तार ईच्छा पूरा करबा काचे सावधान होई सयतान र फांदा ले निकरी जाओ।