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आवरी मय मुनुक आवरी सरगदूत मनर असन बोलबी आवरी मया ना सोंगाई, तो मय ठनठनायबा बीती पीतल, आवरी झनझनायबा बीती झांझ आंय | 2 आवरी अगर मय भविष्यवाणी करके सकबी, आवरी सबु भेद आवरी सबु परकार र गियान के समझके सकबी, आवरी मोके ऐ लगले पूरा विश्वास रहो की मय डोंगरी के बले गुचायबी मातर मया ना सोंगाई, तो मय मय काई बले नुआय | 3 आवरी मय आपना सबु धन के कंगाल मन के खुआय देबी, नोयले आपनार गागर के जलायबा काचे देई देबी, आवरी मया ना सोंगाई, तो मोके कांई बले लाभ ना मिरे | 4 मया धीरजवन्त आय, आवरी कृपालु आय; मया दाह ना करे; मया आपनार बड़ाई ना करे, आवरी ना फुले, 5 हांय अनरीति ले ना चले, हांय आपनार भलाई ना चाहे , झुंझलाउ ना, बुरा ना माने | 6 गलत काम ले हरिक ना होए, मातर सत ले हरिक होऊआय | 7 हांय सबु गोट के सहुआय, सबु गोट ले प्रतीति सोंगाऊआय, सबु गोट र आशा सोंगाऊआय, सबु ने गोट ने धीरज दरू आय | 8 मया केबई ना टले; भविष्यवाणी मन हो, तेबे सरी जायसी; भाषा मन हो, तेबे जायते जायसी ; गियान होयले मिटी जायसी | 9 कसन बलले हामर गियान अधुरा आचे, आवरी हामर भविष्यवाणी अधुरा ; 10 मातर तेबे सर्वसिद आयसी, तेबे अधुरा मिटी जायसी | 11 जड़दाय मय पिला रही, तेबे मय पिलामन असन बोलते रही, पिला मन असन मन रहे, पिला मन असन बुद्दी रहे; मातर जड़दाय मय समझ बिता होयली तेबे पिलामन असन गोट के छाडी देली | 12 ऐबे हामके दरपन ने धुंदला असन दखा देऊआय, मातर हांय समेया आमने- सामने दकबू ;एबे मोर गियान अधूरा आचे, मातर हांय समेया ने असन पूरा रीति ले चीतायबी जसन मय चीताय होईली आची | 13 मातर ऐबे बिशबास, आशा, मया ये तीनो स्थायी आय, मातर ए थान ले सबले बड़े मया आय |