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फेस्तुस हांय देश ने पहुचबार तिन दीन पाचे कैसरिया ले येरूशलेम बाटे गला द्य 2 तेबे बड़े मुखिया मन आवरी यहूदी मन र खास लोक मन हातार छमे पौलुस र नालिश करलायय 3 आवरी ताके बिनती करी हातार बिरुद ने ये बोर मंगला की हांय ताके यरूशलेम ने हाग देओंए कसन की हांय मन ताके बाटे ची मरते मारबार उआट ने रयेत द्य 4 फेस्तुस जबाब देलाए श्पौलुस कैसरिया ने पाहरा ने आचेए आवरी मूय ख़ुद झटके हायती जीबी द्यश् 5 आवरी कोनतीए श्तमी मन ने जोन अधिकार सोंगाऊ आस हांय संगे आसाए आवरी अगर ये मुनूक काई खराब काम करला आचे तो ताके दोष लगाहा द्यश् 6 तिकर मंजी ने कोनी आठ दस दीन रई करी हांय कैसरिया जायते गलाय आवरी दुसरा दीने निआय बेदी ने बसी करी पौलुस के आनबार आगेया देला द्य 7 जड़ दाय हांय आयला तो जोन यहूदी मन यरूशलेम ले आसी रयेतए हांय मन लगे ठिया उठी करी तार उपरे खूबे असन घिन घिना नींदा करलायए जाहार सबूत हांय मन ना देयके सकते रयेत द्य 8 तर पौलुस जबाब देलाए श्मूय ना तो यहूदी मनर बेबसता बाटे ना मंदीरए बाटे ना कैसर र बिरुद काई अपराध करली आची द्यश् 9 तेबे फेस्तुस यहुदी मन के हरिक करबार मन ले पौलुस के बललाए श्काय तूय चायबी आस की यरूशलेम बाटे जीबीसय आवरी हायती मोर छमे तोर ये मुकदमा तय करा जाओ घ्श् 10 पौलुस बललाए श्मूय कैसर र निआय बेदीर छमे ठिया आचीय मोर मुकदमार ई होयबार आचे द्यजसन तूय अच्छा ले जानीसए यहूदी मनर मूय काई अपराध ना करली आची द्य 11 अगर मूय अपराधि आय आवरी मारबा लाईगर काई काम करली आचीए तो मोरबा काचे ना गूचीय मातर जोन गोट मनर ये मोर उपरे दोष लगाऊ आतए अगर हांय मन ले कोनी बले गोट सत ना होयसीए तो कोनी मोके तिकर हाथे ना सोपके सकेत द्यमूय कैसर के दुहाई देबी आची द्यश् 12 तेबे फेस्तुस मंत्री मनर सभा संगे गोट बात करी जबाब देलाए श्तूय कैसर के दुहाई देली आसए तूय कैसर लगे ची जीबीस द्यश् 13 खिनिक दीन गला पाचे अग्रिप्पा राजा आवरी बिरनीके कैसरिया ने आई करी फेस्तुस ले भेट होयला द्य 14 तिकर खूबे दीन हायती रबार पाचे फेस्तुस पौलुस र बारे ने राजा के सांगला रूश्गोटक मुनूक आचेए जोनके फेलिक्स बंदी बनाय छाड़ी गला आचे द्य 15 जड़ दाय मूय यरूशलेम ने रईए तो बड़े मुखिया आवरी यहूदीर जुना लोक मन हातार नालिश करलाय आवरी चायलाय की हाके दंड र आगेया दीया जाओ द्य 16 मातर मूय तिके जबाब देली की रोमी मनर ये नीती नुआय की कोनी मुनूक के दंड काचे सोपी देओंए जड़ दायले मुद्दाअलैह आपना मुद्दई मनर छमे ठिया होई करी दोष र जबाब देबार मोवका ना मिरे द्य 17 तेबेरू जड़ दाय हांय मन रुंडा होयलायए तो मूय खिनिक बले बेर ना करलीए मातर दुसरा दीने ची निआय बेदी ने बसी करी हांय मुनूक के आनबार आगेया देली द्य 18 जड़ दाय तार मुद्दई एन ठिया होयलायए तो हांय मन असन घिन घिना गोट मनर दोष ना लगाय लायए जसन मूय समझते रई द्य 19 हांय आपना मत र आवरी यीशु नाव कोनी मुनूकर बारे नेए जोन मरी रला आवरी पौलुस ताके जीव आचे मातर बलते रयेए झगड़ा होयते रबार आय द्य 20 मूय फसी जाई रई की ये गोट मनर पता कसन करी करबी घ् हाई काचे मूय ताके पुचलीए श्काय तूय यरूशलेम जाऊ आस की हायती ये गोट मनर फयसला होओं घ्श् 21 मातर जड़ दाय पौलुस दुहाईब देला की हातार मुकदमा र फयसला माहा राजा धिराज थाने होओंए तो मूय आगेया देली की जड़ दाय ले ताके कैसर लगे ना पटाईए ताके बंदी बनाय सोंगाहा द्यश् 22 तेबे अग्रिप्पा फेस्तुस के बललाए श्मूय बले हांय मुनूक र सुनबार चायबी आची द्यश्हांय बललाए श्तूय कालीके सुनबीस द्यश् 23 तेबेरू दुसरा दीने जड़ दाय अग्रिप्पा आवरी बिरनीके खूबे धूम धाम ले आयलाय आवरी पलटन र सरदार मन आवरी नगर र ख़ास लोक मन संगे दरबार ने पउचलाय द्यतेबे फेस्तुस आगेया देला की हांय पौलुस के धरी आओं द्य 24 फेस्तुस बललाए श्हे राजा अग्रिप्पाए आवरी हे सबू मुनूक मन जोन इती हामर संगे आचासए तोमि ये मुनूक के दकबा आसए जाहार बारे ने सबू यहूदी मन यरूशलेम ने आवरी ई थाने बले चीचाय चीचाय करी मोके बिनती करलाय की एतार जीव रबार ठीक नुआय द्य 25 मात्र मूय जानली की हांय असन काई ना करे की मारा जाओय आवरी जेबे की हांय आपनी ची माहाराजा धिराज र दुहाई देला तो मूय हाके भोजन र निर्णय करली द्य 26 मूय तार बारे ने काई अच्छा गोट ना पायली की आपना सामी लगे लिकती द्यई काचे मूय हाके तोमर छमे आवरी ख़ास करी हे राजा अग्रिप्पाए तोर छमे आनली आची की जाचला र पाचे मोके काई लिकबा काचे मिरो द्य 27 कसन की बंदी के पटायबार आवरी जोन दोष हातार उपरे लगाय गलाए हायके ना सागए मोके फोकाहा माँ लागू आय द्य