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श्हे भाई मन आवरी पितर मनए मोर जबाब सूनाए जोन अबर तोमर छमे आनबी आची द्यश् 2 हांय ये सूनी करी की हांय हामर संगे इब्रानी भाषा बलु आयए आवरी बले ओगाय होयलाय द्यतेबे हांय बलला रू 3 मूय तो यहूदी मुनूक आयए जोन कलीसिया र तरसुस ने जनमलीय मातर ये नगर ने गमलीएल’र गोड़ लगे बसी करी पड़ाय गलाए आवरी बाबा दादा मनर बेबसता र अच्छा नीती ने सिकाय गलाय आवरी माहा परभु काचे असन धुन लगाय रलीए जसन तमी सबू आजी लागायला आस द्य 4 मूय मुनूक आवरी बायले दुनो के बांदी बांदी करी आवरी जेल घरे भोरी भोरीए ये पंथ के ये लगले कन्द्रायली की तिके मारी बले देली द्य’ 5 ये गोट काचे बड़े मुखिया आवरी सबू जूना लोक गवा आतए की हांय मन ले मूय भाई मनर नाव ले चीटी मन के धरी करी दमिश्क बाटे जायते रईए की जोन हायती आचे तिके बले दंड देबा काचे बांदी करी यरूशलेम ने आनबी द्य’ 6 श्जड़ दाय मूय हिंडू हींडू दमिश्क र लगे आयलीए तो असन होयला की दूय पाहार र दाय गोटकी बाटले बड़े उजर बादरी ले मोर चारो बाटे चमकला द्य 7 आवरी मूय भुई ने घसरली आवरी ये शब्द सुनलीए’ श्हे शाऊलए तूय मोके काय काचे कन्द्रायबी आस घ्श् 8 मूय जबाब देलीए श्हे परभुए तूय कोन आस घ्श्हांय मोके बललाए श्मूय यीशु नासरी आयए जोनके तूय कन्द्रायबी आस द्यश् 9 मोर संगवारी मन उजर तो दकलायए मातर जोन मोके बलते रये हातार शब्द ना सूनी द्य 10 तेबे मूय बललीए श्हे परभुए मूय काय करू आय घ्श्परभु मोके बललाए श्उठी करी दमिश्क ने जाए आवरी जोन बले तोर करबा काचे सोंगायली आची हांय तोके सबू सांगी दीया जायसी द्यश् 11 जड़ दाय हांय उजर र तेज लागी मोके काई दका ना देलाए तो मूय आपना संगवारी मनर हाथ धरी करी दमिश्क ने आयली द्य 12 श्तेबे हनन्याह नावर बेबस्तार असन गोटक भक्त मुनूकए जोन हायती रबा सबू यहूदी मन ले अच्छा नावर रयेए मोर लगे आयलाए 13 आवरी ठिया होई करी मोके बललाए श् हे भाई शाऊलए आवरी दकके मुराव द्यश् अड़की ची दाय मोर आकी उगाड़ी होयला आवरी मूय ताके दकली द्य 14 तेबे हांय बललाए श्हामर बाबा दादा र माहा परभु तोके ई काचे सोंगायला आचे की तूय हातार मन के जानए आवरी हांय धरमी के दक आवरी हातार मूह ले गोट मन के सून 15 कसन की तूय तार बाटले सबू मुनूक र छमे हांय गोट मनर गवा होयबीस जोन तूय दकलीस आवरी सुनली आस द्य 16 अबर काय काचे बेर करबी आस घ्उटए बपतिस्मा धरए आवरी हातार नाव धरी करी आपना पाप मन के धोई देस द्यश् 17 श्जड़ दाय मूय आवरी यरूशलेम ने आई करी मंदीर ने पारतना करते रईए तो बेशुद होयलीए 18 आवरी ताके दकली की हांय मोके बलसी आचेए श्झटके करी यरूशलेम ले झटके निकरी जाय कसन की हांय मन मोर बारे ने तोर गवाई के मानेत द्यश् 19 मूय बललीए श्हे परभुए हाके तो तूय जानीस की मूय तोर उपरे बिसबास करबा लोक के जेल घरे भरी आवरी जगा जगा मंडली घर मन ने मारायते रई द्य 20 दाय तोर गवा सिस्तफनुस र लोऊ के निकराय जायते रये तेबे मूय बले हायती ठिया रई आवरी ये गोट ने मूय राजी रईए आवरी हातार मारू मनर फटीर राका करते रई द्य’श् 21 आवरी हांय मोके बललाएश् जायते जा रूकसन की मूय तोके दुसरा जाति मन लगे दूर दूर पटायबीश्द्यश् 22 हांय मन ये गोटले तार सुनते रयेतए तेबे खूबे कोल्हार ने चीचाय लायए श्असन मुनूक के माराए हातार जीव रबार अच्छा नुआय !श् 23 जड़ दाय हांय मन चिचायते आवरी फटी पकायते आवरी बादरी ने धुरला उडायते रयेतय 24 तेबे पलटन र सरदार बललाए श् एके गढ़ ने निआए आवरी कोड़ा मारी करी दकी दकाए की मूय जानबी की लोक काय लागी तार बिरुद ने असन कोल्हार होयबा आत द्यश् 25 जड़ दाय हांय मन ताके तसम मन ने बांदलाय तो पौलुस हांय सूबेदार के जोन लगे ठीआ रयेए बललाए श्काय ये ठीक आय की तोमि गोटक रोमी मुनूक केए आवरी हांय बले दोष नोयला के कोड़ा मारबार घ्श् 26 सूबेदार ये सूनी करी पलटन र सरदार लगे जाई करी ये बललाए श्तूय ये काय करबी आसघ् ये तो रोमी मुनूक आय द्यश् 27 तेबे पलटन र सरदार तार लगे जाई करी बललाए श्मोके सांगए काय तूय रोमी आस घ्श्हांय बललाए श्हव द्यश् 28 ये सूनी करी पलटन र सरदार बललाए श्मूय रोमी होयबार पद खूबे रुपया देई करी पायली द्यश् पौलुस बललाए श् मूय तो जन्मला दायले रोमी आय द्यश् 29 तेबे जोन लोक ताके बाचबा बाचबा काचे रयेतए हांय मन अड़की ची दाय तार लगले गुची गलायय आवरी पलटन र सरदार बले ये जानी करी की ये रोमी आय आवरी मूय ताके बांदली आची एडरी गला द्य 30 दुसरा दीने हांय ठीक ठीक जानबा मन ले की यहूदी ताके काय काचे दोष लगाऊ आतए तार बांदन के हिटाय देलायय आवरी बड़े मुखिया आवरी सबू बड़े सभा के रुंडा होयबार आगेया देलाए आवरी पौलुस के तले नेई करी तिकर छमे ठिआ करी देला द्य