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ईसु की रीति कबर
(मत्ती २८.१-८; मरकुस १६.१-८; लूका २४.१-१२)
1 सबद् बितवा पे हफ्ता का पेलां दन, मरियम मगदलीनी, घणा भुनसारे जदके अबी इन्दारोज थो कबर पे अई। तो उने सिल्ला के कबर पे से सरकी देखी। 2 तो वा पाटी दई के सिमोन पतरस अने म्हारा कनेa जेकासे उ परेम राखतो थो। अई अने केवा लागी, "वी परभु के कबर माय से उठाड़ी लई ग्या, अने हमारे नी मालम की उणने उके कां छिपाड़ी राख्यो हे।"
3 तो पतरस अने हूं हिटी के कबर आड़ी चली पड़्या। 4 हम दोई गेले-गेल भागी र्या था, पण हूं पतरस से घणो तेज दोड़ी के कबर पे पेलां पोंच्यो। 5 म्हने नमिने भित्तरे झांक्यो अने कफन इकाड़ी पड़्यो देख्यो, पण हूं भित्तरे नी ग्यो। 6 तो सिमोन पतरस बी म्हारा पछड़े-पछड़े वां अई ग्यो अने कबर का भित्तरे जई ने उने लतरा पड़्या देख्या। 7 अने उना लतरा के जेका माय ईसु को माथो लपेट्यो थो, दूसरा लतराहुंण का गेले नी थो पण दूरा पे एक जगा लपेट्यो पड़्यो देख्यो। 8 तो म्हने बी जो कबर पे पेलां अई ग्यो थो भित्तरे जई ने देख्यो अने देखी के बिसास कर्यो। 9 अबी तक हम पवित्तर धरम सासत्तर की वा बात नी समज्या था के मर्या माय से ईसु के जीवतो होणो जरुरी थो। 10 तो हम चेलाहुंण अपणा-अपणा घरे चल्या ग्या,
मरियम मगदलीनी के ईसु नगे आयो
(मत्ती २८.९-१०; मरकुस १६.९-११)
11 पण मरियम रुदन करती हुई कबर का बायरे उबी री। अने रोती हुई उने नमिके कबर माय झांक्यो। 12 जां ईसु की लोथ धरी हुई थी वां उने दो सरगदूतहुंण के उजळा लतरा पेर्या होया, एक के सिरआंणे अने दूसरा के पग आड़ी बेठ्या देख्या। 13 अने उणने उकासे क्यो, "हे नारी, तू कायसरु रोई री हे?"
उने सरगदूत से क्यो, "इकासरु के वी म्हारा परभु के उठाड़ी लई ग्या, अने हूं नी जाणूं के उणने उके कां छिपाड़्यो?"
14 या कई के जदे वा पलटी तो ईसु के वां उब्यो देख्यो अने नी ओळख्यो के यो ईसु हे। 15 ईसु ने उकासे क्यो, "हे नारी, तू कायसरु रोई री? तू के के ढुंडी री?"
उने उके मांळी जाणी के उकासे क्यो, "परभु, अगर तू उके कंई उठाड़ी लई ग्यो तो म्हारे बतई दे तने उके कां धर्यो हे अने हूं उके लई जउंवां।"
16 ईसु ने उकासे क्यो "मरियम।"
वा पल्टी अने इबराणी माय बोली "रब्बूणी।" (रब्बूणी को अरथ हे, "गरु।")
17 ईसु ने उकासे क्यो, "म्हार से मती चोंट। क्योंके हूं अबी तक पिता कने अदरे नी ग्यो। पण म्हारा भई-बेनहुंण कने जा, अने उणकासे बोल, "हूं अपणा पिता अने तमारा पिता, अने अपणा परमेसर अने तमारा परमेसर कने, अदरे जउं।"
18 तो मरियम मगदलीनी जई के हम चेलाहुंण के बताड़्वा लागी, "म्हने परभु के देख्यो हे, अने याके उने म्हार से ई बातहुंण करी थी।"
ईसु चेलाहुंण पे परगट्यो
(मत्ती २८.१६-२०; मरकुस १६.१४-१८; लूका २४.३६-४९)
19 उणाज दन जो हफ्ता को पेलो दन थो, सांज का बखत वां का कमांड़ जां हम चेलाहुंण था, यहूदिहुंण का डर का मारे बन्द थो। तो ईसु अई के ने हमारा माय उबो हुई ग्यो अने हमार से क्यो, "तमारे सान्ती मिळे। 20 जदे उ यो कई चुक्यो तो उने अपणी हतेळी अने पांसळी दोई दिखाड़ी। तो हम चेलाहुंण परभु के देखी के घणा खुस हुई ग्या। 21 ईसु ने पाछो हमार से क्यो, "तमारे सान्ती मिळे। जसे पिता ने म्हारे मोकल्यो, असोज हूं बी तमारे मोकलुं।" 22 जदे उ यो कई चुक्यो तो उने हमार पे फूंक्यो अने हमार से क्यो, "पवित्तर आतमा लो। 23 b अगर तम कइंका का पाप मांफ करोगा, तो वी उणका सरु मांफ हुई ग्या। अगर तम कइंका का पाप राखो तो वी राख्या ग्या।"
ईसु, थोमा के नगे आणो
24 पण हम बारा चेलाहुंण माय से एक याने थोमा जो जुड़मा केवाड़्यो जावे, जदे ईसु आयो तो उ हमारा गेले नी थो। 25 जदे हम दूसरा चेलाहुंण उकासे केवा लाग्या, "हमने परभु के देख्यो"
तो उने हमार से क्यो, "जदत्तक हूं उका हातहुंण माय खीलहुंण की जगा नी देखी लूं अने हतेळिहुंण का छेद माय अंगळी नी लाखुं अने उकी पांसळी माय अपणो हात नी लाखुं तदत्तक हूं बिसास नी करुंवां।"
26 आठ दन का पाछे हम पाछा एक घर माय था, अने थोमा हमारा गेले थो। जदे कमांड़ बन्द था, तो ईसु आयो अने हमारा अदाड़ माय उबो हुई के क्यो, "तमारे सान्ती मिळे।" 27 तो उने थोमा से क्यो, "अपणी अंगळी यां ला, अने म्हारा हातहुंण के देखी ले। अने अपणो हात बड़ई के म्हारी पांसळी माय लाख। अने बे-बिसासी नी पण बिसासी हुई जा।"
28 थोमा ने जुवाब देता होया उकासे क्यो, "हे म्हारा परभु, हे म्हारा परमेसर!"
29 ईसु ने उकासे क्यो, "तने म्हारे देखी ल्यो कंई इकासरु बिसास कर्यो? धन्य हे वी जिणने म्हारे नी देख्यो फेर बी बिसास कर्यो।"
योहन ने यो कायसरु लिख्यो