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पेलांपेल चेलाहुंण के तेड़्यो जाणो
(मत्ती ४.१८-२२; मरकुस १.१६-२०)
1 a एक बखत, जदके भीड़ ईसु के चारी-मेर से घेरी के परमेसर को बचन सुणी री थी, उ गन्नेसरत का सरवर कराड़ा पे उब्यो होयो थो। 2 उके सरवर कराड़े लागी हुई दो नावहुंण नगे अई, पण भोईहुंण उणका माय से उतरी के अपणा-अपणा जाळ धोई र्या था। 3 उ उणका माय की एक नाव पे चड़ी ग्यो जो सिमोन की थी अने उने उकासे क्यो, "नाव के कराड़ा से रजिक दूरो सरकई ले।" अने उ नाव पे बेठिके भीड़ के परबचन देवा लाग्यो।
4 ईसु ने परबचन खतम करवा का बाद सिमोन से क्यो, "नाव के उन्डा पाणी माय लई चल अने मच्छी पकड़वा सरु अपणो जाळ लाखो।"
5 b सिमोन ने उके जुवाब द्यो, "हे मालेख हमने आखी रात घणी म्हेनत करी, पण कइंज हात नी लाग्यो। फेर बी थारा केणा पे हूं जाळ लाखुंवां।" 6 c जदे उने असो कर्यो तो नरी मच्छीहुंण घेरी लाया अने उणका जाळ फाटवा लाग्या। 7 इका पे उणने अपणा सातिहुंण के जो दूसरी नाव पे था इसारो कर्यो के अई के हमारी मदद करो। अने उणने अई के दोइज नावहुंण के यां तक भरी लाखी के वी डुबवा लागी। 8 पण जदे सिमोन पतरस ने यो देख्यो तो ईसु का पगहुंण पे यो केतो होयो पड़ी ग्यो, "हे परभु, म्हारा कने से चल्यो जा क्योंके म्हने थारी बात पे बिसास नी कर्यो इकासरु हूं पापी मनख हूं।"
9 क्योंके इतरी मच्छीहुंण घेरी लाणे से उके अने उका सातिहुंण के अचरज होयो। 10 असोज जब्दी का बेटा याकूब अने योहन बी जो सिमोन का बांटेदार था अचरज होयो।
पण ईसु ने सिमोन से क्यो, "मती डर! अबे से तू मनखहुंण के परमेसर कने लायगा।" 11 जदे वी अपणी नावहुंण के कराड़ा पे लाया तो सगळो कंई वांज छोड़ी के उका पाछे चली पड़्या।
कोड़्या के सुद्द कर्यो जाणो
(मत्ती ८.१-४; मरकुस १.४०-४५)
12 असो होयो के जदे उ कइंका नगर माय थो तो देखो, वां एक कोड़्यो मनख थो। जदे उने ईसु के देख्यो तो सास्टांग परणाम करिके बिणती करवा लाग्यो, "हे परभु, अगर तू चावे तो म्हारे सुद्द करी सकेd।"
13 ईसु ने अपणो हात अगड़े कर्यो अने उकासे चोंटई के क्यो, "हूं चउं; जा, तू सुद्द हुई जा।" अने झट उ कोड़्यो सुद्द हुई ग्यो। 14 e उने उके हुकम द्यो, "कइंका से मती किजे, पण जई के अपणे खुद के पुरोहित के दिखाड़। अने अपणा सुद्द होवा का बारामें जसो मूसा ने हुकम द्यो हे, चड़ावो चड़ा इका से पुरोहित अने लोगहुंण पे गवई रेगा।"
15 पण उकी चरचा दूर-दूर तक फेलती जई री थी, अने बड़ीमेक भीड़ उकी सुणवा अने अपणी बेमारिहुंण से नज होवा सरु भेळी हुइरी थी। 16 पण उ खुद अकसर सुनी जगा माय छाने-छाने जई के पराथना कर्या करतो थो।
'मनख का बेटा के' पाप मांफ अने नज करवा को हक
(मत्ती ९.१-८; मरकुस २.१-१२)
17 एक दन की बात हे के उ परबचन दई र्यो थो, अने थोड़ाक फरीसी अने नेम-बिधान का गरुf वां बेठ्या था जो गलील अने यहूदिया का हरेक गांम अने यरुसलेम नगर से आया था। अने नज करवा सरु परभु परमेसर की सामरत उका गेले थी। 18 अने देखो, लकवा का मार्या एक मनख के खाट पे थोड़ाक मनख उठई के लई र्या था। वी उके भित्तरे लई के ईसु का सामे राखवा को जतन करी र्या था। 19 भीड़ की वजासे उके भित्तरे लावा को जदे कईं को उपाव नी सुज्यो तो उणने घर अदरे चड़िने खापराहुंण हेड़ी के खाट सुदा उके बीच माय ईसु का नठू सामे उतारी द्यो। 20 उणको बिसास देखी ने उने क्यो, "दोस,g म्हने थारा पाप मांफ कर्या।"
21 जदे सासतरी अने फरीसी तरक-बितरक करिके केवा लाग्या, "यो मनख कुंण हे जो परमेसर की बुरई करे? परमेसर के छोड़ी के हजु कुंण पापहुंण के मांफ करी सके?"
22 पण ईसु ने उणका तरक-बितरक भांपी के जुवाब द्यो, "तम अपणा हिरदाहुंण माय कंई तरक-बितरक करी र्या हो? 23 कंई सबगो हे? यो केणो के 'थारा पाप मांफ होया' या यो के 'उठ्या अने चल्यो-फर'? 24 पण इकासरु के तम जाणी जाव के हूं मनख का बेटाh के धरती पे पाप मांफ करवा को हक हे।" उने लकवा का मार्या से क्यो, "हूं थार से कूं, उठ्या, अने अपणी खाट उठई ने घरे चल्यो जा।"
25 उ उनीज बखत उणका सामे उबो होयो, अने जेनी खाट पे उ पड़्यो होयो थो उके उठई के परमेसर की बड़ई करतो होयो घरे चल्यो ग्यो। 26 वी सगळा का सगळा अचरज माय पड़ी के परमेसर की बड़ई करवा अने घणा डरी के केवा लाग्या, "आज हमने अनोखी बातहुंण देखी हे!"
लेवी के तेड़्यो जाणो
(मत्ती ९.९–१३; मरकुस २.१३–१७)
27 इका बाद उ बायरे ग्यो अने लेवी नामको एक नाको वसुळवा वाळा के उने नाका पे बेठ्यो देख्यो अने उने उकासे क्यो, "म्हारा पाछे हुई जा।" 28 इका पे उ सगळो कंई छोड़ी के उठ्यो अने ईसु का पाछे चली पड़्यो।
29 तो लेवी ने अपणा घरे उणका सरु एक बड़ो भोज कर्यो अने वां नाका वसुळवा वाळा अने दूसरा लोगहुंण के जो उका गेले जिमवा बेठ्या था, एक बड़ीमेक भीड़ थी। 30 i इका पे फरीसी अने उणका सासतरी ईसु का चेलाहुंण से यो कई के कुड़वा लाग्या, "तम कर वसुळवा वाळा अने पापिहुंण का गेले कायसरु खाव-प्यो हो?"
31 ईसु ने जुवाब द्यो, "अच्छा-माठाहुंण के बेद की जरुवत हयनी पण बेमारहुंण के हे।" 32 हूं धरमिहुंण के नी पण पापिहुंण के मन बदळवा सरु तेड़वा आयो हूं।"
ईसु की बरत का बारामें सीख
(मत्ती ९.१४-१७; मरकुस २.१८-२२)
33 लोगहुंण ने उकासे क्यो, "योहन का चेला अकसर बरत राखे अने पराथना कर्या करे, अने फरीसिहुंण का चेला बी असोज करे, पण थारा चेलाहुंण तो सदा खावे-पीवे हे।"
34 ईसु ने उणकासे क्यो, "जदत्तक लाड़ो उणका गेले हे, कंई तम उका बरात्याहुंण से बरत करवई सको हो? 35 पण वी दन आयगा जदे लाड़ो उणकासे इकाड़ी कर्यो जायगा। तो उना दनहुंण वी बरत राखेगा।"
36 उने उणका से मिसाल माय क्यो: "कइंको मनख नवा लतरा माय से बटको फाड़ी ने जूना लतरा माय थेगळो नी लगावे, नी तो नवो तो फाटेगाज पण जूना लतरा पे नवो बटको जंचेगाज नी। 37 अने कईं को नवो दाखरस जूनी मसख माय नी भरे, नी तो नवो दाखरस मसखहुंण फाड़ी के बइ जायगा अने मसखहुंण खतम हुई जायगा। 38 पण नवो दाखरख नवी मसकहुंण मेंज भरणो चावे। 39 जूनो दाखरस पीके कईं को नवा की चायना नी करे, क्योंके उके जूनोज अच्छो लागे हे।"