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ईसु के घात करवा को मनसुबो बणायो
(मरकुस १४.१,२; लूका २२.१,२; योहन ११.४५–५३)
1 असो होयो के जदे ईसु ई सगळी बातहुंण करी चुक्यो, तो उने अपणा चेलाहुंण से क्यो, 2 b "तम जाणो हो के दो दन बाद फसह को तेवारa अई र्यो हे अने हूं मनख को बेटो कुरुस पे चड़ायो जावा सरु पकड़वायो जउंवां।"
3 तो म्हापुरोहित अने लोगहुंण का बुड़ा-हाड़ाहुंण, काइफा नाम का म्हापुरोहित का म्हेल का आंगणा माय भेळा होया, 4 अने उणने माय-माय ईसु के तरकीब से पकड़वा अने मारी लाखणे को मनसुबो कर्यो। 5 पण वी केता था, "तेवार का बखत नी, कंई असो नी होय के लोगहुंण माय दंगो भड़की जाय।"
बेमोल अतर
(मरकुस १४.३–९; योहन १२.१–८)
6 जदे ईसु बेतनिय्याह गांम माय सिमोन कोड़्या जेको कोड़ ठीक होयो थो, का घरे थो, 7 c तो एक बइरा सगंमरमर का बरतन माय बेमोल अतर लई के उका कने अई, अने जदे ईसु जिमवा बेठ्यो तो उका माथा पे रेड़ी लाख्यो। 8 पण चेलाहुंण या देखी के गुस्सा माय अई ग्या अने केवा लाग्या, "यो कायसरु बरबाद कर्यो? 9 इना अतर के मोंगो बेची के गरीब-गुरबाहुंण के पइसा बांटी देता।"
10 या जाणी के ईसु ने उणकासे क्यो, "तम इनी बइरा के कायसरु सताड़ो? कंई इकासरु के उने म्हारा गेले भलई करी? 11 d गरीब-गुरबा तो तमारा गेले सदा रे, पण हूं तमारा गेले सदा नी रुंवां। 12 जदे उने म्हारा अंग पे यो अतर रेड़्यो तो इकासरु रेड़्यो के म्हारा गाड़्या जावा सरु म्हारे तय्यारe करे हे। 13 हूं तमार से खास बात कूं के आखा जगत माय जां कंई यो सुब-समिचार परचार कर्यो जायगा, वां इनी बइरा का इना काम को बखाण बी उकी रियाद माय कर्यो जायगा।"
यहूदा इस्करियोती को बिसासघात
(मरकुस १४.१०–११; लूका २२.३–६)
14 तो बारा चेलाहुंण माय से एक, जेको नाम यहूदा इस्करियोती थो, मुख-पुरोहितहुंण कने ग्यो, 15 f अने उने क्यो, "अगर हूं ईसु के तमारा हाते करी दूं तो तम म्हारे कंई दोगा?" उणने उके चांदी का तीस सिक्का तोली के दई द्या। 16 जदे से उ उके पकड़वाणे सरु अच्छा मोका का तलास माय रेवा लाग्यो।
फसह-भोज
(मरकुस १४.१२-२१; लूका २२.७–१३,२१-२३; योहन.१३.२१–३०)
17 फेर चेलाहुंण अखमीरा रोटा का तेवारg का पेलां दन, ईसु कने अई के पुछवा लाग्या, "तू कां चावे के हम थारा सरु फसह खावा की तय्यारी करां?"
18 ईसु ने क्यो, "नगर माय फलांणा जणा कने जई के उकासे को, 'गरु के हे, म्हारो बखत कने हे। म्हारे अपणा चेलाहुंण का गेले थारा यां फसह को तेवार मानाणो हे'।"
19 तो ईसु का हुकम मुजब चेलाहुंण ने फसह की तय्यारी करी।
20 जदे सांज हुई तो उ बारा चेलाहुंण का गेले जिमवा बेठ्यो। 21 जदे वी जिमी र्या था तो उने क्यो, "हूं तमार से खास बात कूं के तमारा माय से एक म्हारे धोको दई पकड़वायगा।"
22 इका पे वी घणा दुःखी हुई के एक-एक करिके उकासे पुछवा लाग्या, "परभु, हूं तो नी हूं, नी?"
23 h उने क्यो, "उ जेने म्हारा गेले थाळी माय हात लाख्यो, उज म्हारे धोको दई पकड़वायगा। 24 हूं मनख का बेटा के तो, जसो म्हारा बारामें लिख्यो हे, ठीकज हे, पण धिक्कार उ जेकासे हूं मनख को बेटो पकड़वायो जउंवां! उना मनख सरु भलो होतो के उ जनमीज नी लेतो।"
25 तो उके धोको दई पकड़वाणे वाळो याने यहूदा ने क्यो, "रब्बी, कंई उ हूं हे?"
ईसु ने क्यो, "तने खुदज कई द्यो।
परभु-भोज
(मरकुस १४.२२-२६; लूका २२.१४-२०; १ कुरिन्थिहुंण ११.२३-२५)
26 जदे वी जिमी र्या था, ईसु ने रोटो ल्यो अने आसीस मांगी के तोड़्यो अने चेलाहुंण के दई के क्यो, "लो खाव; या म्हारी काया हे।"
27 फेर उने कटोरो लई के परमेसर के धन्यबाद कर्यो अने उणके देता होया क्यो, "तम सगळा इका माय से प्यो, 28 j क्योंके यो करार को म्हारो लोईi हे, जो नरा लोगहुंण सरु पापहुंण की मांफी सरु बिवाड़्यो जावा पे हे। 29 पण हूं तमार से कूं के अंगूर को यो रस अबी से लई के उना दन तक नी पिउंवां जदत्तक अपणा पिता का राज माय तमारा गेले नवो नी प्यूं।"
30 अने भजन गावा का बाद वी जेतून परबत पे चल्या ग्या।
पतरस का नटवा का बारामें
(लूका २२.३१–३४; योहन १३.३६–३८)
31 k जदे ईसु ने उणकासे क्यो, "आज राते तम सगळा म्हारी वजासे ठोकर खावगा अने भागी जावगा, क्योंके परमेसर का नेम-बिधान माय लिख्यो हे, "परमेसर के हे 'हूं ग्वाळा के मारुंवां अने खाड़ु की गाडरहुंण खक्कळ-बक्कळ हुई जायगा'।" 32 l पण जिन्दा होवा का बाद तमार से पेलां गलील के जउंवां।"
33 इका पे पतरस ने उकासे क्यो, "चाये सगळा का सगळा थारी वजासे ठोकर खावे अने भागी जावे तो जावे, पण हूं कदी नी जउंवां।"
34 ईसु ने उकासे क्यो, "हूं थार से खास बात कूं के आजज राते, मुरगा का बांग देवा से पेलां, तू तीन कावा म्हारे नकारेगा।"
35 पतरस ने उकासे क्यो, "चाये म्हारे थारा गेले मरनो बी पड़े, हूं थारो नकारो नी करुंवां।"
सगळा चेलाहुंण ने बी असीज बात करी।
ईसु गतसमनी का बाग माय
(मरकुस १४.३२–४२; लूका २२.३९–४६)
36 जदे ईसु उणका गेले गतसमनी नाम की जगा माय आयो, अने उने अपणा चेलाहुंण से क्यो, "जदत्तक हूं भित्तरे जई ने पराथना करूं, तम यांज बेठजो।" 37 उने अपणा गेले पतरस अने जब्दी का बेटाहुंण के ल्या अने दुःखी अने बेचेन होवा लाग्यो। 38 फेर उने उणका से क्यो, "म्हारो हिरदो घणो उदास हे, यां तक के हूं मरवा पे हूं। यांज रुको अने म्हारा गेले जागता रो।"
39 फेर उ उणका से थोड़ोक अगड़े बड़्यो अने सास्टांग परणाम कर्यो अने या पराथना करवा लाग्यो: "हे म्हारा परमेसर पिता, अगर हुई सके तो यो कटोरोm म्हार से टळी जाय। फेर बी म्हारी नी, पण थारी मरजी पूरण होय।"
40 तो उ चेलाहुंण कने आयो, अने उणके सोता पई के उने पतरस से क्यो, "कंई तम लोग म्हारा गेले एक घड़ी बी नी जागी सक्या?" 41 जागता रो अने पराथना करता रो के तम अजमाइस माय नी पड़ो। आतमा तो तय्यार हे पण काया कमजोर हे।"
42 फेर उने दूसरी कावा जई के या पराथना करी: "हे म्हारा परमेसर पिता, अगर यो म्हारा प्या बिना नी टळी सके, तो थारी मरजी पूरण होय।" 43 उने पाछो अई के उणके सोता पाया, क्योंके वी अपणी आंखहुंण उगाड़ी नी राखी सक्या।
44 उ उणके पाछो छोड़ी के चल्यो ग्यो अने पाछी वाज बात कई के तीसरी कावा पराथना करवा लाग्यो। 45 फेर उने चेलाहुंण कने अई के क्यो, "कंई तम अबी तक अराम से सोइर्या हो? देखो, बखत अई ग्यो हे अने हूं मनख को बेटो पापिहुंण का हाते पकड़ायो जउं। 46 उठ्याव, चलां। देखो म्हारो पकड़वाणे वाळो कने अई ग्यो हे।"
ईसु की गिरपतारी
(लूका २२.४७–५३; योहन १८.३–१२)
47 जदे उ यो कइज र्यो थो तो देखो, यहूदा जो बारा चेलाहुंण माय को एक थो अई ग्यो, अने उका गेले तरवार अने लट्ठहुंण लई हुई एक बड़ीमेक भीड़ थी जेके मुख-पुरोहितहुंण अने लोगहुंण का बुड़ा-हाड़ाहुंण ने मोकली थी। 48 पकड़वाणे वाळा यहूदा ने उणके यो कई के इसारो द्यो थो: जेको हूं चुम्मो लूं, उज हे। उके पकड़ी लीजो।"
49 उ झट ईसु कने अई के बोल्यो, "हे रब्बी,n परणाम! "अने उके चुम्यो।
50 ईसु ने उकासे क्यो, दोस, जेना काम सरु तू आयो उके कर।"o
जदे उणने उका कने अई के ईसु के पकड़्यो अने गिरपतार कर्यो। 51 फेर देखो, ईसु का सातिहुंण माय से एक ने तरवार हेड़ी के म्हापुरोहित का सेवक पे चलाड़ी अने उको कान काटी लाख्यो। 52 तो ईसु ने उकासे क्यो, "अपणी तरवार म्यान माय राख, "क्योंके जो तरवार उठाड़े वी सगळा तरवार से नास कर्या जायगा। 53 तू कंई सोंचे हे के हूं अपणा परमेसर पिता से बिणती नी करी सकतो? अने कंई उ झट बारा पळटनहुंण से जादा सरगदूत के म्हारा सरु नी मोकली सकतो? 54 "पण असोज होणो जरुरी हे। जदे पवित्तर सासत्तर को लेख पूरण होयगा।"
55 p फेर ईसु ने भीड़ से क्यो, "कंई तम तरवार अने लट्ठहुंण लई के म्हारे पकड़वा आया हो मानो हूं कईं को डाकू हूं? हरदन मन्दर माय बेठिके हूं परबचन द्या करतो थो जदे तमने म्हारे नी पकड़्यो। 56 पण यो सगळो इकासरु होयो के भविसबाणी करवा वाळाहुंण को लेख पूरण होय।"
तो सगळा चेला उके छोड़ी के भागी ग्या।
ईसु काइफा का सामे
(लूका २२.५४,५५,६३-७१; योहन १८.१३,१४,१९-२४)
57 जिणने ईसु के पकड़्यो थो, वी उके म्हापुरोहित काइफा कने लई ग्या, जां सासतरी अने बुड़ा-हाड़ा अगवा भेळा था। 58 पतरस बी थोड़िक दूरी पे उका पछड़े-पछड़े चली के म्हापुरोहित का आंगणा तक पोंच्यो अने भित्तरे जई के नतीजो देखवा सरु नेपादारहुंण का गेले बेठी ग्यो। 59 मुख-पुरोहितहुंण अने आखी म्हासबा ईसु का बिरोद माय झुंटी गवई पावा की कोसिस करता र्या, जेकासे के वी उके मारी लाखे। 60 पण नरा झुंटा गवाहुंण का आणे पे बी, कइंनी पायो। आखरी माय दो गवाहुंण ने अई के क्यो, 61 q "इना मनख ने क्यो, 'हूं परमेसर का मन्दर के ढळ्डई के उके तीन दन माय पाछो बणवई दूंवां'।"
62 तो म्हापुरोहित ने उबो हुई के ईसु से क्यो, "कंई तू जुवाब नी दई र्यो? ई लोग थारा बिरोद माय कंई गवई दई र्या हे?" 63 पण ईसु चुप र्यो। इका पे म्हापुरोहित ने उकासे क्यो, "हूं जीवता परमेसर की सोगन दूं, के अगर तू परमेसर को बेटो मसीह हे तो हमार से कइदे।"
64 r ईसु ने उकासे क्यो, "तने खुदज क्यो। फेर बी हूं थार से कूं के अब से तम, हूं मनख का बेटा के सगळा से सकतीमान का जीवणा हाताड़ी बेठ्या होया अने सरग असमान का बादळाहुंण पे आता होया देखोगा।"
65 s इका पे म्हापुरोहित अपणा लतरा फाड़ी के केवा लाग्यो, इने परमेसर के अपणा सरीको मानी के निंदा करी। अबे हमारे गवाहुंण की कंई जरुवत? देखो, तम या निंदा सुणी चुक्या हो। 66 अबे तमारो कंई बिचार हे?"
उणने जुवाब द्यो, "उ मोत की सजा का लायक हे!"
67 t तो उणने ईसु का मुन्डा पे थुंक्यो, अने मुक्का मार्या अने कंई-कइंका ने थापड़ मारी के क्यो, 68 "हे मसीह, भविसबाणी करिके हमारे बताड़: केने थारे मार्यो?"
पतरस ने ईसु के नकार्यो
(मरकुस १४.६६-७२; लूका २२.५६–६२; योहन १८.१५–१८,२५-२७)
69 पतरस आंगणा माय बायर बेठ्यो होयो थो के एक दासी ने उका कने अई के क्यो, "तू बी तो गलील का ईसु का गेले थो!"
70 पण उकासे नकारतो होयो उना सगळा का सामे पतरस ने क्यो, "हूं नी जाणूं के तू कंई कइरी हे।" 71 जदे उ बायरे डेळी पे ग्यो तो एक हजु दासी ने उके देखी के, जो बेठ्या होया था उणकासे क्यो, "यो बी तो नासरत का ईसु का गेले थो।"
72 तो उने सोगन खई के पाछो नकार्यो: हूं इना मनख के नी जाणूं।"
73 थोड़िक देर का बाद उणने जो वां उब्या था पतरस कने अई के क्यो, "पक्कोज तू बी उणका माय से हे, क्योंके थारी बोली थारे परगटे हे।"
74 तो उ धिक्कारवा अने सोगन खावा लाग्यो: "हूं उना मनख के नी जाणूं।"